UAE ने महिलाओं को लेकर लिया बड़ा फैसला, छोडा अमेरिका को भी पीछे !

आज के समय में अपराध की घटनाओ ने तूल पकड़ा हुआ है आपको हर जगह बलात्कार की घटनाये देखने के लिए मिल जायेंगी. अपराधी तो पकड़ लिया जाता है लेकिन परेशानियों का सामना तो उस लड़की को करना पड़ता है जिसके साथ घटना को अंजाम दिया जाता हैं. लड़की प्रेंग्नेट होती है समाज के सामने आने से डरती है. इन्ही सब बातो को मद्देनज़र रखते हुए कई देशो ने ऐसी घटनाओ के घटित होने के बाद लड़की को गर्भपात का कानून लागू किया है अब इस कानून को लागू करने के लिए UAE ने भी एंट्री मार ली है संयुक्त अरब अमीरात महिलाओं को  ये बड़ा हक देने वाला है. यहां गर्भपात को कानूनी दर्जा देने की तैयारी  में है. इसके लिए एक प्रस्ताव को वहां की कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है

अगर यह कानून लागू होता है तो यूएई अमेरिका के कई राज्यों को पीछे छोड़ देगा, वहीं इसके लिए नियम भी सरल बनाए गए हैं.खबरों के मुताबिक, बलात्कार और परिवार के व्यक्ति से व्यभिचार का शिकार महिलाओं को गर्भपात की अनुमति दी जाएगी. शर्त ये है कि घटना की तत्काल रिपोर्ट दर्ज हुई हो और 120 दिनों से ज्यादा की प्रेग्नेंट ना हो. यूएई का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि इस्लामिक देशों में ऐसे मामलों पर ज्यादा चर्चा नहीं होती है. यूएई का यह कानून 9 अमेरिकी राज्यों की तुलना में अधिक बेहतर होंगे. अमेरिकी राज्य बलात्कार और अनाचार के मामलों में भी गर्भावस्था की अनुमति नहीं देते हैं.

अब आपको ये भी बता देते है की अमेरिकी में गर्भपात कानून की क्या शर्तें हैं

अमेरिका के 9 राज्यों में गर्भपात के लिए कानून लागू हैं, लेकिन यहां की शर्तें कुछ अलग हैं. यहां 14 अमेरिकी राज्यों में से 9 राज्य गर्भपात की मंजूरी देते हैं. जिनमें अलबामा, अर्कांसस, केंटकी, लुइसियाना, मिसौरी, ओक्लाहोमा, साउथ डकोटा, टेनेसी और टेक्सास हैं, लेकिन ये राज्य बलात्कार या कौटुम्बिक व्यभिचार के मामलों में गर्भपात की अनुमति नहीं देते. एरिजोना में नए कानून ने गर्भावस्था के 15 सप्ताह के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगा रखा है. नॉर्थ डकोटा ने गर्भावस्था के 6 सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति दे रखी है. वहीं, वेस्ट वर्जीनिया में गर्भपात पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन बलात्कार और अनाचार मामलों को अपवाद माना गया है. वयस्कों के लिए आठ सप्ताह और नाबालिगों के लिए 14 सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति है, लेकिन यूएई में अब यह कानून लागू होने की खबरों की दुनिया में चर्चा हो रही है.

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