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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शुरू की राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन योजना

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पोखरियाल ने हितधारकों से स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधारों के लिए एक प्रेरक तत्व के रूप में सार्थक का उपयोग करने का किया आग्रह

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान  शिक्षा मंत्री ने गुणवत्ता और शिक्षा या SARTHAQ के माध्यम से ‘छात्रों’ और शिक्षकों के समग्र उन्नति नामक स्कूल की शिक्षा के लिए एक सांकेतिक और विचारोत्तेजक कार्यान्वयन योजना जारी की।

बैठक में पोखरियाल ने कहा कि SARTHAQ को NEP-2020 के लक्ष्यों को पूरा करने और इस कार्य में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता के लिए शुरू किया गया था। उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आज बैठक में शामिल हुए।

मंत्री ने कहा, “SARTHAQ बच्चों को वर्तमान और भविष्य की विविध राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह उन्हें 21वीं सदी के कौशल के साथ-साथ भारत की परंपरा, संस्कृति और मूल्य प्रणाली को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लागू करने में मदद करता है। 2020. SARTHAQ से 25 करोड़ छात्रों, 15 लाख स्कूलों, 94 लाख शिक्षकों सहित सभी हितधारकों को लाभ होगा।

बता दें कि 29 जुलाई 2020 को जारी एनईपी-2020 के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के अनुसरण में और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को इस कार्य में सहायता करने के लिए स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूल शिक्षा के लिए एक निर्देशात्मक और विचारोत्तेजक योजना विकसित की है। इसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से ‘छात्रों’ और ‘शिक्षकों’ की समग्र उन्नति (सार्थक) नाम दिया गया है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज इस कार्यान्वयन योजना को जारी किया। इसे भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित होने वाले अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया है।

 

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