उत्तराखंड

उत्तराखंड : इंजीनियर निलंबन मामले में आया नया मोड़,  शिकायतकर्ता देवेश आदमी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

ठेकेदारों की संपत्ति की जांच कराकर उनकी चल और अचल सम्पति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग

उत्तराखंड। राज्य में दो इंजीनियरों के निलंबन के मामले में नया मोड़ आ गया है। शिकायतकर्ता देवेश आदमी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।  

पत्र के माध्यम से देवेश आदमी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से ठेकेदारों की संपत्ति की जांच कराकर उनकी चल और अचल सम्पति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पूर्व में इनके द्वारा क्या निर्माण कार्य कराए गए थे उस की गुणवत्ता की भी जांच होनी चाहिए। इसके अलाव वर्तमान में इनके द्वारा जो भी निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं उन पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच न हो तब तक इन ठेकेदारों के काम पर रोक लगाई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विजय ध्यानी, किशोर लखेड़ा, बीना जखमोला, राकेश बहुखंडी, प्रकाश भारद्वाज, अजय कुकरेती, दिनेश रावत (उस ठेके का ठेकेदार) अनुज भट्ट, भास्कर बड़थ्वाल, देवेंद्र पाल सिंह नेगी (बड़खेत) विनयपाल नेगी (जिला पंचायत कर्तिया) रिखणीखाल, विनोद रावत (क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि जुई, रिखणीखाल) जयप्रकाश रावत, विनोद गौड़, इंद्रमोहन रावत, राजेंद्र असवाल, विकास माहेश्वरी, असलम अली, कपिल कुमार। उक्त ठेकेदारों के व उन के परिवार के नाम पर वर्तमान में जितने निर्माण कार्य ठेके चल रहे हैं, कुछ की लिस्ट मेरे पास मौजूद है। जिसका ब्यौरा मैं जल्द सार्वजनिक करूंगा। मुख्यमंत्री को मैं इसकी कॉपी भी भेज दूंगा।

उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के इंजीनियर को बचाने का मतलब है सब मिले हुए हैं। एक दूसरे को बचाने पर लगे हैं। इंजीनियर ठेकेदार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और ठेकेदार इंजीनियरों के साथ खड़े हैं। जिन लोगों को हमने क्षेत्र की खुशहाली के लिए निर्वाचित किया है। वे अब भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं। कुछ महीने पूर्व वे जनप्रतिनिधि कर्मठ जुझारू सुयोग्य साफ छबि के बने हुए थे। आज भ्रष्टाचारी का दामन पकड़े घूम रहे हैं। अपनी ठेकेदारी चमकाने के लिए इन लोगों ने राजनीति में पैसे के दम पर कदम रखा अब उसी राजनीति की आड़ में क्षेत्र का बेड़ागर्क कर रहे हैं।

रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल

 

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