लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला एक इंजीनियर चमोली जल प्रलय में बहकर लापता हो गया। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद आई जल प्रलय मे बुलंदशहर का रहने वाला एक जूनियर इंजीनियर पानी के बहाव के साथ बह गया। मदद के लिए तैनात प्रशासन को अभी तक उसकी कोई खोज-खबर नहीं मिल पाई है। वहीं घर के इकलौते चिराग के लापता होने से परिजन काफी परेशान हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को ढूढ़ा जाए।
दरअसल, गुलावठी थानाक्षेत्र में बराल गांव के चतरपाल सिंह का इकलौता बेटा सुमित कुमार चमोली जिले के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के NTPC में टेक्नीशियन यानी जूनियर इंजीनियर था। अगस्त 2020 में उसने यहां नौकरी शुरू की थी। अभी एक महीना पहले ही वह घर से वापस काम पर गया था। 6 फरवरी की रात सुमित ने पत्नी मनीषा से फोन पर बात की थी। रविवार सुबह 7.40 बजे पत्नी को मोबाइल पर मैसेज भी किया। इसके बाद कोई फोन नहीं आया और न कोई जानकारी मिली।
जब परिजनों को खबरों से जलप्रलय की जानकारी मिली तो परिजन परेशान हो गए। मंगलवार को कंपनी के एक अधिकारी ने घर पर फोन करके बताया कि जलप्रलय में सुमित बह गया है। तलाश अभी भी जारी है। इसके बाद एनटीपीसी अधिकारियों का तीन बार फोन आ चुका है। आसपास गांवों के लोग और उनके रिश्तेदार भी घर पर पहुंच रहे हैं। पूरा गांव सुमित की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा है।
सुमित के पिता चतरपाल सिंह सेना से सेवानिवृत्ति के बाद बैंक आफ बड़ौदा में गार्ड हैं। चतरपाल ने बताया कि पांच दिन बाद गुरुवार दोपहर बाद हलका लेखपाल जानकारी करने उनके घर पहुंचा। सुमित के दो बच्चे हैं। एक चार साल का है जबकि दूसरे की उम्र दस माह का है।