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चमोली में ग्लेशियर पिघलने से बढ़ा गंगा नदी का जलस्तर, बिजनौर में किसानों की फसल चौपट

प्रशासन ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी ग्रामीण गंगापार खेती करने न जाए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्षेत्र में प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर दिया है।

बिजनौर। उत्तराखंड के चमोली मे अचनाक ग्लेशियर पिघलने से मची तबाही के बाद अब उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इसका असर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसे जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं बिजनौर में बने गंगा बैराज में जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे लगी किसानों की सब्जी की फसल खतरे में आ गई है।

दरअसल, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर पिघलने की वजह से भारी जान-माल की हानि हुई है। जिले में ताबाही की मंजर साफ देखा जा सकता है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार से 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से बिजनौर में बने गंगा बैराज घाट पर करीब एक मीटर तक पानी किनारे पहुंच गया है, जिससे किसानों की सब्जी की फसब पूरी तरह से चौपट हो गई है। वहीं, प्रशासन ने भी बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों को गंगा पार खेती करने से रोक दिया है।

प्रशासन ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी ग्रामीण गंगापार खेती करने न जाए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्षेत्र में प्रशासन ने पुलिस बल तैनात कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक अभी हरिद्वार से और ज्यादा पानी छोड़े जाने की संभावना है। जिससे गंगा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।

बता दें कि गंगा नदी पर बने पैंटून पुल से आने-जाने वालों पर रोक लगा दी गई है। इस पुल से 12 से अधिक गांव के लोग रोजाना खेती के लिए आते-जाते हैं।

 बिजनौर से लोकेंद्र कुमार की रिपोर्ट

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