उत्तर प्रदेश

10 मार्च से गोरखपुर में शुरू हो रहा है दस्तक अभियान, घर-घर जाकर टीबी के मरीजों का होगा निःशुल्क इलाज

2017 से ही दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य दिमागी बुखार की रोकथाम के लिए बुखार के रोगियों को ढूंढना है। पहली बार इसमें टीबी भी जोड़ा गया है।

नई दिल्ली। गोरखपुर में साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए दस्तक अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान के दौरान घर-घर टीबी मरीज ढूंढे जाएंगे। ये अभियान 10 मार्च को शुरू होगा और 24 मार्च तक चलेगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि अभियान के दौरान लक्षणों के आधार पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संभावित टीबी रोगियों का पता लगाएंगी और जहां भी संभावित रोगी मिलेंगे वहां स्टीकर लगाया जाएगा। ऐसे रोगियों की जानकारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय को प्रेषित करेंगी। उनकी सूचना के आधार पर निर्धारित जांच करवा कर टीबी रोग की पुष्टि होने पर निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा।

बता दें कि साल 2017 से ही दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य दिमागी बुखार की रोकथाम के लिए बुखार के रोगियों को ढूंढना है। पहली बार इसमें टीबी भी जोड़ा गया है।

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