देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके है और फिर देश की सत्ता की कमान मोदी सरकार के हाथों में है पहले के मुकाबाले सीटें कम है 400 पार सपना भी चकना चूर हो गया है मगर सरकार को अब की बार अगर 400 पार के सपने को पूरा करना है और फिर से पूर्ण बहुमत हासिल करना है यूपी में दबबा कायम रखना है तो अब जनता की तरफ ध्यान देना होगा मंहगाई जैसे मुद्दो पर काम करना होगा.
क्योंकि पिछले एक साल में जरूरी वस्तुओं के दाम 65 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें सबसे अधिक बढ़ी हैं इनके अलावा, चावल, दाल और खाने-पीने की अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई हैं
प्याज औऱ आलू तो अब आम इंसान की रसोई से गयाब होने लगे है क्योंकि प्याज की कीमतों में 50% की वृद्धि हुई है, जो मंडी में प्रति किलो 25 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई है. सरकार का निर्यात प्रतिबंध हटाना इसका एक कारण है. इसके अतिरिक्त आलू के मूल्य भी बढ़ रहे हैं जो 20 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 40 रुपये हो गए हैं.
वही अगर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर जा कर देखे तो उलपब्ध आंकड़ों के से पता चलता है की, पिछले साल 21 जून को चावल की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। मूंग दाल की कीमत 109 रुपये से 10 फीसदी बढ़कर 119 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। मसूर दाल 92 रुपये से बढ़कर 94 रुपये और चीनी का भाव 43 रुपये से बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। दूध भी 58 रुपये से बढ़कर 59 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। हालांकि, इस दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है। मूंगफली तेल का दाम करीब-करीब स्थिर है। सरसों तेल का भाव 142 रुपये से घटकर 139 रुपये लीटर, सोया तेल 132 से घटकर 124 रुपये लीटर रह गया है। पाम तेल की कीमत 106 से गिरकर 100 रुपये पर आ गई है। चाय की कीमत भी 274 रुपये से मामूली बढ़कर 280 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है।
वही अगर खुदरा बाजारों के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है की प्याज आलू के अलावा सब्जियों की कीमतें भी आसमान पर हैं फूलगोभी 80 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रही है परवल भी खुदरा बाजारों में 60 रुपये प्रति किलोग्राम है लौकी भी इस समय 60 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रही है
अगर दालों की बात करे तो
अरहर दाल | 128 | 161 |
उड़द दाल | 112 | 127 |
आलू | 22 | 32 |
प्याज | 23 | 38 |
टमाटर | 32 | 48 |
अब मंहगाई की मार से बाचने के लिए मानसून सहारा है क्योंकि उम्मीद है की मगर मानसून मुताबिक अनुसार रहता है तो अगस्त से सब्जियां सस्ती हो सकती हैं क्योंकि मंहगाई हीट वेव की वजह से ज्यादा देखने को मिल रही है. जिसमें जल्दी खराब होने वाले खाद्य सामान प्रमुख हैं. हालांकि, कम आपूर्ति से दूध, अनाज और दालों की कीमतें ऊंची बनी रहने की आशंका है अगले सीजन में उत्पादन घटने से चीनी की कीमतें भी ऊंची बनी रह सकती है मंगर जिस तेजी से मंहगाई बढ़ रही है इस्से आम आदमी परेशान है मीडिस क्यास फैमली के लिए तो आमदनी उठन्नी खर्चा रूपया जैसी बात है