संसद में राहुल गांधी और अखिलेयादव यह दो बड़े मजबूत चेहरे हैं विपक्ष के एक कांग्रेस के सांसद हैं नेता विपक्षहैं और दूसरे उत्तर प्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री और कन्नौज के सांसद लेकिन इन दोनों के बीच में आपने एक चेहरे को खूब देखा होगा और उस चेहरे का नाम है अवधेश प्रसाद हां अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद राहुल और अखिलेश के बीच में हमेशा नजर आते हैं जब नए सांसदों की शपथ हो रही थी उसके बाद भी अवधेश प्रसाद खूब सुरखी में रहे अखिलेश यादव ने भी उनकी तारीफ की राहुल गांधी ने भी उनकी तारीफ की राहुल गांधी ने अपना भाषण देते हुए बीच में रुककर उनसे हाथ मिलाया
अखिलेश यादव ने भी अपना भाषण देते हुए बीच में रुककर उनका नाम लिया और जब अवधेश प्रसाद बोल रहे थे तब भी अखिलेश यादव ने बार-बार उनको अयोध्या की याद दिलाई दोस्तों इस देश में इंडिया गठबंधन के जितने सांसद चुनाव जीत कर के आए उन सब में अगर आप यह माने किसबसे ज्यादा चर्चाओं वाला सांसद कौन है तो वह नाम अवधेश प्रसाद का है विपक्ष के तमाम सांसदों ने जब अपनी बात रखी तो उन्होंने एक बार अयोध्या का और अधेश प्रसाद का जिक्र जरूर किया अवधेश प्रसाद अयोध्या से चुनाव जीते हैं उन्होंने बीजेपी के लल्लू सिंह को चुनाव हराया है और राहुल गांधी और
अखिलेश यादव बार-बार अवधेश प्रसाद का चेहरा दिखाकर नरेंद्र मोदी को घिरते हुए उन पर तंज कसते हुए नजर आते हैं अब याद कीजिए जब अखिलेश यादव चुनाव जीतने के बाद पहली बार नई संसद में दाखिल हो रहे थे तो उनके एक हाथ में संविधान धान की कॉपी थी और दूसरे हाथ से उन्होंने अवधेश प्रसाद का हाथ पकड़ रखा था आखिर इसके मायने क्या है और आपके मन में भी यह सवाल होगा कि आखिर अखिलेश यादव जहां भी जाते हैं उनके साथ अवधेश प्रसाद क्यों मौजूद होते हैं हाल ही में अवधेश प्रसाद मुंबई गए जहां उनका पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी स्वागत किया सोनिया गांधी ने भी उनको बधाई दी मतलब इस देश के तमाम विपक्षी दल के नेता अवधेश प्रसाद को हाथों हाथ ले रहे हैं अवधेश प्रसाद की पूछ ज्यादा है
अवधेश प्रसाद के साथ लोग खड़े होकर तस्वीरें खिंचा चाहते हैं आखिर ऐसा क्यों क्या सिर्फ एक चुनावी जीत ऐसा करा सकती है बिल्कुल नहीं दोस्तों ऐसा बिल्कुल नहीं होता लेकिन क्योंकि अवधेश प्रसाद ने अयोध्या की सीट से चुनावी जीत दर्ज की है वह अयोध्या जहां भारतीय जनता पार्टी यह दावा करती है कि उसने विकास की गंगा बहा दी राम मंदिर बनवा दिया अयोध्या की तस्वीर बदल दी उस अयोध्या में अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को चुनाव हरा दिया अब यह कैसे हुआ यह भारतीय जनता पार्टी के लिए आज भी यानी परिणाम आने के डेढ़ महीने बाद भी एक दर्द बना हुआ है बीजेपी यह
समीक्षा नहीं कर पा रही कि आखिर अयोध्या कैसे हार गई बार-बार बीजेपी ने अपने तमाम बड़े नेताओं को अयोध्या भेजा यह समझने के लिए यह पता करने के लिए कि अयोध्या में हम क्यों हारे लेकिन उसकी वजह आज तक भारतीय जनता पार्टी को नहीं पता चल पा रही है अगर कोई वजह पता चलती है तो वो यह कि अयोध्या के लोगों के साथ मुआवजे में अनदेखी की गई लोगों के साथ जमीन में कई मौकों पर धोखाधड़ी की खबरें सामने आई और कई लोगों को सही मुआवजा नहीं मिला इसकी वजह से भी
अयोध्या के लोगों में नाराजगी थी और अखिलेश यादव का जो पीडीए कार्ड था जो पीडीए फार्मूला था वह हिट कर गया अब अवधेश प्रसाद जिस सीट से विधायक थे वहां उपचुनाव होगा और अवधेश प्रसाद के बेटे को ही समाजवादी पार्टी वहां चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है अवधेश प्रसाद के जरिए इंडिया गठबंधन साधना क्या चाहता है अवधेश प्रसाद के जरिए भारतीय जनता पार्टी का जो सनातन कार्ड था जो हिंदू कार्ड था जिस तरह से धर्म की राजनीति भारतीय जनता पार्टी करती थी और लोगों से धर्म के नाम पर वोट मांगती थी और वोट मिलते भी थे उस कार्ड को इंडिया गठबंधन ने फेल कर दिया है यानी एक जो वो नैरेटिव सेट कर दिया था कि बीजेपी ही चुनाव जीतेगी कोई चाहे जितनी कोशिश कर ले चुनाव तो मोदी जी जीत रहे हैं उस नरेट को भी अयोध्या की हार ने तोड़ दिया है और इसमें कामयाबी एक बहुत
बड़ी कामयाबी अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले की भी है साथ-साथ अवधेश प्रसाद दलित बिरादरी से आते हैं तो दलित बिरादरी का वोट हर किसी ने देखा जिस तरह इंडिया गठबंधन के साथ इस बार दलित वोटर्स खुलकर गए इसका फायदा अखिलेश यादव को मिला और दूसरा संविधान की बात संविधान के मुद्दे को उठाना भी इंडिया गठबंधन के लिए फायदेमंद रहा यानी अवधेश प्रसाद के जरिए अखिलेश यादव के कई सियासी फायदे साफ तौर पर नजर आते हैं और इसीलिए अखिलेश यादव के साथ हर जगह चाहे वह संसद हो संसद के बाहर हो पार्टी का कार्यक्रम हो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस हो हर जगह अवधेश प्रसाद जरूर नजर आते हैं और अखिलेश अवधेश प्रसाद को अपने साथ रखते हैं अपने बगल में रखते हैं शायद अखिलेश यादव अवधेश प्रसाद के जरिए कोई बड़ी तैयारी भी कर रहे हैं बड़ी तैयारी आप दोस्तों यह भी मान सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और आगे आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव है ऐसे में अवधेश प्रसाद को साथ लेकर चलना अख यादव के लिए फायदेमंद हो सकता है और इंडिया गठबंधन को भी इसका लाभ जरूर मिलेगा क्या अवधेश प्रसाद समाजवादी पार्टी के लिए एक संजीवनी बनकर आए हैं जो अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को आने वाले वक्त में और भी मजबूत कर सकते हैं