*कारगिल शहीद की 22 वी पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन।*
*मैनपुरी/किशनी*
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले।
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा।।
ये गाथा है उन वीर जवानों की जिन्होंने अपने वतन की खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। भारतीय झंडे की शान में अपने प्राणों की आहुति देने में जरा सी भी चिंता नहीं की। पूरा भारत देश हमेशा कर्जदार रहेगा उन वीर सपूतों का जिन्होंने हमारी आजादी के खातिर हंसते हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी।
ऐसा ही भारत मां का एक वीर सपूत जनपद मैनपुरी की तहसील किशनी के ग्राम दिवन्नपुर साहिनी
में पैदा हुआ था नाम था अमरुददीन। अपने नाम के अनुसार अमरूददीन बचपन से ही होनहार व पराक्रमी थे। सेना में भर्ती होकर अपनी मात्रभूमि की सेवा करने का जज़्बा बचपन से ही उनके अंदर कूट कूट कर भरा हुआ था। आखिरकार वे सेना में भर्ती हो गए। देश की सेवा करते हुए सन् 1999 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में अनेकों पाकिस्तानियों को मौत के घाट उतारने वाले वीर जांबाज शहीद अमरुद्दीन 03 जुलाई 1999 को वीरगति को प्राप्त हुए।
भारतीय सेना द्वारा उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया जहां सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उन्हीं की याद में उनके परिजन हर वर्ष 03 जुलाई को इस सैनिक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भंडारे का आयोजन अपने निज प्रतिष्ठान शहीद अमरुद्दीन इंडेन गैस एजेंसी किशनी पर किया जाता हैं। आज़ भी क्षेत्रीय गणमान्य लोगों एवं परिजनों द्वारा शहीद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भंडारे का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट- राजनारायण सिंह चौहान मैनपुरी