प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में हुए फेरबदल में मनसुख मंडाविया को नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन () के इस्तीफे के बाद उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। बुधवार को मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले 12 मंत्रियों ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कोरोना काल में मोदी सरकार के मैनेजमैंट पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए थे और स्वास्थ्य मंत्रालय निशाने पर था। राष्ट्रपति भवन में आज शाम 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हर्षवर्धन दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से सांसद हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह कैबिनेट मंत्री थे। इसके बाद 2019 में भाजपा के नेतृत्व में दूसरी बार एनडीए की सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
हर्षवर्धन के इस्तीफे पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया-डॉ. हर्षवर्धन के इस्तीफे पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी से निपटने में विफलता के लिए हर्षवर्धन को बलि का बकरा बनाया गया है। पार्टी ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लेकर अपना पल्ला झाड़ लेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और स्वास्थ्य राज्य मंत्री (अश्विनी चौबे) का इस्तीफा इस बात की ठोस स्वीकारोक्ति है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह विफल रही। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ये इस्तीफे मंत्रियों के लिए एक सबक हैं। अगर चीजें अच्छी होंगी तो श्रेय प्रधानमंत्री को जाएगा, लेकिन अगर चीजें खराब हो जाती हैं तो फिर मंत्री पर गाज गिरेगी। जी हुजूरी और चापलूसी की कीमत चुकानी पड़ती है।