उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

महोबा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जुन सहायक बांध समेत 32.64 अरब की परियोजनाओं का लोकार्पण करके बुंदेलखंड की वर्षों की प्यास बुझाई। इन परियाजनाओं से न सिर्फ लोगों की प्यास बुझी है बल्कि सूखी धरा पर फसलों की हरियाली लौटी है। लोकार्पण कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री के निशाने पूर्ववर्ती परिवारवादी सरकारें रहीं, नाम लिए बगैर उन्होंने पूर्व की सरकारों की उपेक्षा से बुंदलखंड की दुर्गति की कहानी बयां की और कर्मयोगियों की सरकार द्वारा क्षेत्र में काराए विकास कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वो उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं। उन्होंने कर्मयोगियों की डबल इंजन वाली सरकार द्वारा ही नल से जल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था। बुंदेल, परिहार और चंदेल राजाओं के काल में यहां तालाबों और सरोवरों पर जो काम हुआ वह आज भी जल संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिंध, बेतवा, केन जैसी नदियों के पानी ने बुंदेलखंड को समृद्धि और प्रसिद्धि भी दी। यही बुंदेलखंड का चित्रकूट की धरती ने प्रभु राम को आशीर्वाद दिया और वन संपदा ने उनका साथ दिया। लेकिन सवाल यह है कि कुछ समय बाद यही क्षेत्र पानी की चुनौतियां और पलायन का केंद्र कैसे बन गया। क्यों इस क्षेत्र के लोग बेटियों का ब्याह करने से कतराने लगे क्यों यहां कि बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी करने की कामना करने लगीं, इसे यहां के लोग बेहतर जानते हैं।

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