देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के कारण हाल बेहाल हो रहा है। मध्यप्रदेश में चंबल, सिंध, पार्वती, नोन और कूनो नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर में बाढ़ से भारी तबाही मची है। यहां पर पिछले कुछ दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इन इलाकों में बाढ़ और मकान गिरने से 18 लोगों की मौत हुई है। ग्वालियर-चंबल संभाग के करीब सभी जिलों में पानी भर गया है। यहां के इलाकों में हेलिकॉप्टर की मदद से खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं।
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वहीं पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ की घटनाओं की वजह से करीब 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, बीते दिन भले ही बारिश कम हुई लेकिन स्थिति अभी भी खतरनाक बनी हुई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बाढ़ के कारण पश्चिम बंगाल के सात जिलों में तीन लाख लोग प्रभावित हैं और अबतक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारी के मुताबिक, अभी भी स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है, जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें लगातार पीने का पानी और अन्य जरूरी चीज़ों की सप्लाई की जा रही है।बताया जा रहा है बाढ़ के कारण बंगाल में करीब 4 लाख हेक्टेयर खेती वाली जमीन डूब गई है। पश्चिम बंगाल के पूर्व और पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, साउथ 24 परगना और बीरभूम जिले इस वक्त सबसे अधिक प्रभावित हैं। बंगाल में स्थिति को काबू में करने के लिए लगातार डैम से पानी भी छोड़ा जा रहा है।
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मध्य प्रदेश में भी बाढ़ के कारण हाल बेहाल हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। ग्वालियर और चंबल क्षेत्र के कई जिलों में बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। शिवराज सिंह चौहान ने लिया जायजा स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश में अभी तक बारिश से जुड़ी कुल 18 मौतें हुई हैं। इनमें से कुछ मौत बारिश या बाढ़ की वजह से घर या दीवार गिरने की वजह से हुई हैं। अभी तक ग्वालियर और चंबल के इलाकों में 30 हज़ार लोगों को रेस्क्यू किया गया है और 126 रिलीफ कैंप में रुके हुए हैं।