स्किन टू स्किन कान्टेक्ट के बिना भी माना जाएगा यौन उत्पीड़न, सुप्रीम कोर्ट ने रद किया बाम्बे हाईकोर्ट का फैसला

स्किन टू स्किन कान्टेक्ट के बिना भी माना जाएगा यौन उत्पीड़न, सुप्रीम कोर्ट ने रद किया बाम्बे हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बाम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि अगर किसी आरोपी और पीड़िता के बीच सीधे स्किन टू स्किन कान्टेक्ट नहीं होता है तो पाक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न का कोई अपराध नहीं बनता है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से Aaryaa News – ख़बर पक्की – सही और सटीक खबरों के लिए जरुर SUBSCRIBE करे https://bit.ly/3aF3qDL

Akhilesh Yadav की विजय रथ यात्रा | अखिलेश का BJP पर हल्ला-बोल | सपा | Aaryaa News

यौन उत्‍पीड़न से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। स्किन-टू-स्किन कान्टेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बाम्बे हाई कोर्ट के फैसले को रद कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कानून का उद्देश्य अपराधी को कानून के जाल से बचने की अनुमति देना नहीं हो सकता है। शीर्ष अदालत, अटार्नी जनरल और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई कर रही थी।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से Aaryaa News – ख़बर पक्की – सही और सटीक खबरों के लिए जरुर SUBSCRIBE करे https://bit.ly/3aF3qDL

इससे पहले बाम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा गया था कि स्किन टू स्किन कान्टेक्ट के बिना नाबालिग के निजी अंगों को टटोलना यौन उत्पीड़न के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर दोषी को बरी कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि पाक्सो एक्‍ट में फिजिकल कांटेक्‍ट के मायने सिर्फ स्किन-टू-स्किन टच नहीं है। सत्र अदालत ने व्यक्ति को पाक्सो अधिनियम और आइपीसी की धारा 354 के तहत अपराधों के लिए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से Aaryaa News – ख़बर पक्की – सही और सटीक खबरों के लिए जरुर SUBSCRIBE करे https://bit.ly/3aF3qDL

न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न का सबसे महत्वपूर्ण घटक यौन इरादा है, न कि बच्चे के साथ स्किन-टू-स्किन कान्टेक्ट। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब विधायिका ने इसपर स्पष्ट इरादा व्यक्त किया है, तो अदालतें प्रावधान में अस्पष्टता पैदा नहीं कर सकती हैं। अदालतें अस्पष्टता पैदा करने में अति उत्साही नहीं हो सकती हैं। इस बेंच में जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी शामिल थीं।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से Aaryaa News – ख़बर पक्की – सही और सटीक खबरों के लिए जरुर SUBSCRIBE करे https://bit.ly/3aF3qDL

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *