NATIONAL

मौलाना तौकीर करवाएंगे इस्लाम कबूल, योगी को देनी होगी इजाजत !

मौलाना तौकीर रजा, इन साहब ने उत्तरप्रदेश की सियासत और सामाजिक ताने बाने को एक बार फिर चैलंज किया है, तौकीर रजा 5 शादीशुदा जोड़ो का घर्मपरिवर्तन करनावा चाहते है,

मौलाना तौकीर रजा, इन साहब ने उत्तरप्रदेश की सियासत और सामाजिक ताने बाने को एक बार फिर चैलंज किया है, तौकीर रजा 5 शादीशुदा जोड़ो का घर्मपरिवर्तन करनावा चाहते है, और इसके लिए उन्हें योगी सरकार के प्रशाशन से इजाजत चाहिए.

खबर है कि इस्लाम धर्म को कबूल करने वाले और निकाह करने वाले जोड़े मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से हैं. मौलाना तौकीर रजा ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से इन जोड़ों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा रही है. मौलाना का दावा है कि उनके पास 23 प्रार्थना पत्र हैं, जिन्हें उन लोगों ने लिखा है जो इस्लाम धर्म कबूल करना चाहते हैं. इनमें 15 लड़कियां और 8 लड़के हैं.

धर्म परिवर्तन को जायज ठहराने के लिए मौलाना तौकीर रजा का कहना है कि कई मुस्लिम युवतियां हिंदू धर्म अपना चुकी हैं, लेकिन किसी भी हिंदू संगठन ने इस पर विरोध नहीं जताया है. इसलिए हमारे इस कार्यक्रम पर भी कोई धार्मिक संगठन विरोध नहीं जताएगा.

इसके साथ ही तौकीर रजा कहते हैं,  ‘मुझे नहीं लगता कि हम कोई गैरकानूनी काम करने जा रहे हैं. तमाम बालिग लोगों को अपने मजहब और मामलात का फैसला करने का अख्तियार है. जिन पांच जोड़ों का निकाह पहले चरण में होना है, उनमें एक एमपी का है और बाकी बरेली के आसपास के ही हैं.’

मौलाना तौकीर रजा बरेली के एक धार्मिक नेता हैं. वह आला हजरत खानदान से आते हैं. लेकिन धर्म साथ साथ वो राजनीति में भी दिलचस्पी रखते हैं. साल 2001 में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल नाम से उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई थी. अपने पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी ने नगरपालिका की 10 सीटें जीती थीं. साल 2009 में तौकीर रजा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. जिसके बाद वो हर चुनाव में कांग्रेस का साथ देने लगे.

तौकीर रजा ने राजनीति और धर्म की ऐसी चास्नी बनाई की उत्तर प्रदेश में उनका रूतबा दिन दुगना रात चौगुना बढञने लगा. लेकिन फिर उत्तर प्रदेश के बरेली में 2 मार्च 2010 को सांप्रदायिक दंगे भड़काने, इन दंगों के आरोप में तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में मौलाना तौकीर रजा समाजवादी पार्टी के समर्थन में खड़े हो गए. जिसका ईनाम उन्हें अखिलेश यादव की ओर से दिया गया. अखिलेश यादव की सरकार ने तौकीर रजा को 2013 में हथकरघा निगम का उपाध्यक्ष बना दिया. जिसके बाद सत्ता की बगल में खड़े तौकीर नें अपनी पार्टी को समाजवादी पार्टी में विलय करने का ऐलान कर दिया. इसी साल मुजफ्फरनगर में दंगें भड़के और सपा ने तौकीर से दूरी बनाने में ही फायदा समझा. लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के करीब रह चुके तौकीर को सहारे के लिए एक्टिव पॉलिटिकल पार्टी का साथ चाहिए था, तो साल 2014 में तौकीर रजा ने मायावती की बसपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.

लेकिन 2017 में यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव आया, यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ को बिठाया गया, और तौकीर रजा की राजनीति फेल होने लगी. लेकिन खुद की दम तोड़ती राजनीति में फिर से जान फूंकने के लिए तौकीर रजा ने हिन्दू मुस्लिम ऐजेंड़े पर बयान देने शुरु कर दिए, साल 2022 में मौलाना ने बरेली में एक धार्मिक आयोजन को संबोधित करते हुए हिंदुओं को धमकी दी थी. उन्होंने कहा था, ‘मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं. मुझे डर है कि जिस दिन मेरे मुस्लिम युवाओं को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर किया जाएगा, आपको भारत में कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.’

इसके बाद तौकीर रजा ने उत्तराखंड में लागू हुए UCC बिल का विरेध भी किया, और अपनी गिरफ्तारी दी, लेकिन यूपी में शांति बनी रही. और अब मौलाना तौकीर रजा ने धर्म परिवर्तन के खेल को खेला है. अब आपकी क्या है राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button