बीजेपी में शामिल होने जा रहे ‘मेट्रो मैन’ श्रीधरन बोले- मोदी सरकार जो भी करे उसका विरोध करना फैशन बन गया
केरल से ताल्लुक रखने वाले श्रीधरन (88) ने कहा कि वह राज्य की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं, जो राजनीति में प्रवेश के बाद ही हो सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना में अहम भूमिका निभाने वाले ई श्रीधरन ने केंद्र के नए कृषि कानूनों का जमकर समर्थन किया और शुक्रवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के हर कदम का विरोध करना एक फैशन सा बन गया है। श्रीधरन ने कहा कि देश में कोई असहिष्णुता नहीं है। श्रीधरन ने कहा था कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे । उन्होंने कहा कि किसी विदेशी मंच अथवा माध्यम में सरकार की छवि खराब करने की किसी भी कोशिश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह व्यवस्था के खिलाफ युद्ध के समान होगा और अगर इसका इस्तेमाल हमारे देश के ही खिलाफ हो रहा है तो इस संवैधानिक अधिकार पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।
केरल से ताल्लुक रखने वाले श्रीधरन (88) ने कहा कि वह राज्य की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं, जो राजनीति में प्रवेश के बाद ही हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भाजपा को केरल में सत्ता में लाना है, जहां इस वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। श्रीधरन ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई वर्षों से जानते हैं और जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने राज्य में अनेक परियोजनाओं पर काम किया था।
उन्होंने कहा, ”मैं उन्हें(मोदी) काफी करीब से जानता हूं। वह बेहद ईमानदार, भ्रष्टाचार से दूर, संकल्पित, देश के हितों के प्रति सजग, परिश्रमी हैं।” श्रीधरन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रवाद पर जो बहस चल रही वह दुर्भाग्यपूर्ण है और निहित स्वार्थ वाले बहुत से दल हैं जो भाजपा के खिलाफ हैं और बिना किसी कारण के उस पर मिल कर हमला किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ”इसीलिए ये सब हो रहा है। सरकार इतनी भविष्योन्मुख और गतिशील है…..अगर वे सरकार का साथ दें, तो भारत और दुनिया के लिए चीजें बेहद अलग हो जाएंगी।” उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दलों के हमारे कुछ मित्र, देश हित के खिलाफ काम कर रहे हैं। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन पर उन्होंने कहा कि किसानों ने शायद इन कानूनों से होने वाले फायदों के बारे में सही से समझा नहीं हैं।
श्रीधरन ने कहा, ”या तो किसानों ने समझा नहीं है और या वे राजनीतिक कारणों से इसे समझना नहीं चाहते। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के हर कदम का विरोध करना इस देश में एक फैशन सा बन गया है….।” राष्ट्रवाद और असहिष्णुता पर बहस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि असहिष्णुता है कहां , ये सब केवल बातें हैं।