नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चल रहे लाउडस्पीकर के मुद्दे पर प्रयागराज पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की चिट्ठी के मद्देनजर पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। प्रयागराज रेंज में अब अदालत के आदेश का सख्ती से पालन कराया जाएगा। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए धार्मिक अथवा सार्वजनिक स्थल पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर रोक लगा दी गई है। आइजी केपी सिंह ने मातहतों को हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
शोर करने पर होगी सख्त कार्रवाई
आइजी केपी सिंह ने गुरुवार को रेंज के सभी जिलों, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी, एसपी को इस आशय का पत्र भेजा। इसमें उन्होंने ध्वनि प्रदूषण, प्रदूषण एक्ट और हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसका सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। यह भी निर्देश दिया है कि यदि निर्धारित समयावधि में कोई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करे तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। रात 10 से लेकर सुबह छह बजे के बीच लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, डीजे और दूसरे ध्वनि विस्तारक यंत्र के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
कुलपति की चिट्ठी से जागे हाकिम
अजान के लिए लाउडस्पीकर की तेज आवाज से हो रही परेशानी पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने तीन मार्च को जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। इसकी प्रतिलिपि कमिश्नर, आइजी और एसएसपी को भेजी थी। दो दिन पहले उनका पत्र सार्वजनिक हुआ तो राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया। कुलपति ने जनहित याचिका (570/2020) में हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश का भी हवाला दिया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। बुधवार को सिविल लाइंस में कानपुर रोड स्थित लाल मस्जिद के मुतवल्ली रहमान को कोर्ट के आदेश का अनुपाल करने के लिए निर्देशित किया गया। इसके बाद मुतवल्ली ने मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी। साथ ही वॉल्यूम को 50 फीसद से कम कर दिया। मस्जिद से कुछ ही दूरी पर कुलपति का निवास है। इधर इविवि कैंपस में कुलपति के विरोध का क्रम गुरुवार को भी जारी रहा। कुछ छात्रों ने बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया।
‘कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए पत्र भेजा गया है। अदालत के आदेश में रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे के बीच लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही गई है, जिसका पालन कराया जाएगा।