मिलिए बिहार के ऑक्सीजनमैन से, आम इंसान से ऑक्सीजन मैन बनने की पूरी कहानी
50 वर्षीय गौरव राय को शहर के लोग ऑक्सीजन मैन के नाम से जानते हैं। गौरव राय को लोग ऑक्सीजन मैन क्यों कहते हैं?
पटना। गौरव राय आज बिहार के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए जाना पहचाना नाम बन चुका हैं। बिहार के सिवान जिले के कोरिया माघर गांव निवासी गौरव राय जी पटना में कोरोना काल के दौरान एक ऐसे अभियान के प्रणेता बन बैठे, जिसने हजारों जिंदगियों को तो बचाया ही साथ ही साथ लोगों को उनके अभियान से जुड़ने का हौसला भी दिया। बिना किसी सहयोग, बिना किसी संगठन के इन्होंने जब लोग ऑक्सीजन के अभाव में तिल तिल के मर रहे थे। तब अपने पैसे से सिलेंडर का जुगाड़ किया और निशुल्क लोगों के घर-घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना शुरू किया।
मीडिया में खबर आने के बाद लोग इस अभियान में जुड़ने लगे। कई लोगों ने सिलेंडर दान भी किया। जिसको जरूरत पड़ी उसने गौरव राय जी के से संपर्क किया निशुल्क उसे सिलेंडर मिला। अभियान अभी भी जारी है। 50 वर्षीय गौरव राय को शहर के लोग ऑक्सीजन मैन के नाम से जानते हैं। गौरव राय को लोग ऑक्सीजन मैन क्यों कहते हैं?
गौरव राय कैसे बने ऑक्सीजन मैन?
दरअसल, इसके पीछे की कहानी ये है कि पिछले 5 महीनों से वह लगातार बिना किसी से पैसे लिए हुए मुफ्त में लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि गौरव अब लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का काम केवल पटना में ही नहीं बल्कि अब बिहार के 18 जिलों में शुरू कर दिया है। गौरव राय के ऑक्सीजन मैन बनने की कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है। दरअसल, पांच महीने पहले इसी साल जुलाई में गौरव को भी कोविड-19 संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया था। उनकी हालत गंभीर हुई तो उन्हें पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी। अस्पताल में भर्ती गौरव राय को ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ दिनों में गौरव कोविड-19 संक्रमण से लड़कर ठीक हो गए मगर उसी दौरान उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की अहमियत का एहसास हुआ।
राय बताते हैं कि “14 जुलाई को मैं पीएमसीएच गया था और मेरी पत्नी को मेरे लिए ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसी दौरान मैंने सोच लिया कि मैं अब लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाऊंगा।” कोरोना से जंग जीतने के बाद गौरव राय ने ठान लिया कि वह कोविड-19 मरीजों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाएंगे। गौरव राय रोजाना अपनी कार में एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक घूमते रहते हैं और जैसे ही उन्हें जरूरतमंद लोगों का फोन आता है तो उसके घर पहुंचकर ऑक्सीजन सिलेंडर उन्हें उपलब्ध करवाते हैं।
वह ज्यादातर ऐसे मरीजों की मदद करते हैं जो कोविड-19 से संक्रमित हैं और घर पर ही जिनका इलाज चल रहा है। राय बताते हैं कि उन्होंने इस काम को करने के लिए अपने घर से तकरीबन 2 लाख रुपए लगाए हैं और उनके इस काम से प्रभावित होकर अब कई अस्पताल और डॉक्टर भी उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर दान में दे रहे हैं ताकि वह लोगों की मदद कर सकें। पिछले 5 महीनों में गौरव राय ने 800 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है। हालांकि, गौरव राय की मदद के बावजूद भी 14 लोगों की जिंदगी को नहीं बचाया जा सका है। बकौल गौरव, “मैं लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाता हूं और इसके लिए कोई पैसे नहीं लेता हूं। मैं लोगों के घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाता हूं और फिर वहां से उन्हें वापस भी ले कर आता हूं।” राय बताते हैं कि उनके उनके काम से प्रभावित होकर ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने वाले लोग अब 300 प्रति सिलेंडर के बदले सिर्फ 100 में ही सिलेंडर रिफिल कर देते हैं। राय के पास आज कुल 251 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं जिनमें से 200 ऑक्सीजन सिलेंडर उनके काम से प्रभावित होकर बिहार फाउंडेशन ने उन्हें दान में दिए हैं। बाकी 51 ऑक्सीजन सिलेंडर राय ने अपने पूंजी से और दोस्तों की मदद से खरीदे हैं।
लेखकः अनूप नारायण सिंह