नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में हालात खराब करने के मकसद से किसी भी हाल में पत्थरबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बात का खुलासा करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के कश्मीर जोन के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने साफ किया कि आतंकी को माफी मिल सकती है लेकिन पत्थरबाजी करने वालों पर कोई रहम नहीं किया जाएगा।
श्रीनगर में विजय कुमार ने कहा की आतंकवाद एक अलग समस्या है, जिससे आम जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन पत्थरबाजी से आम लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। पत्थरबाजी से बाजार बंद हो जाते है। पर्यटन ठप्प हो जाता है। स्कूल-कॉलेज और शिक्षा भी बुरी तरह से नुकसान उठाती है। इसलिए कश्मीर में विरोध प्रदर्शन पर रोक है और पत्थरबाजी करने वालों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत करवाई होगी।
पुलिस और सेना की तरफ से एनकाउंटर में गोलीबारी के दौरान सक्रिय आतंकी को जिंदा पकड़ने और आत्मसमर्पण पर जोर देने के साथ ही पत्थरबाजी में पकड़े गए छोटे लड़कों को दो-दो साल के लिए जेल भेजने की करवाई करने की बात पर पुलिस ने ये सफाई दी है।
पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस
जम्मू कश्मीर पुलिस ने फरवरी और मार्च के पहले हफ्ते में श्रीनगर की जामिया मस्जिद में जुम्मे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल 30 के करीब युवाओं को गिरफ्तार किया था। इसमें अब तक 15 पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
इसी तरह पुलवामा में हुई मुठभेड़ के दौरान हुई पत्थरबाजी के मामले में भी करीब एक दर्जन लड़कों को गिरफ्तार कर पब्लिक सेफ्टी एक्ट में जेल भेज दिया गया था।