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असम सरकार का बड़ा फैसला, मदरसों को मिलने वाली सरकारी मदद होगी बंद

असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सरकारी मदरसों को बंद करने लिए आज विधानसभा में एक विधेयक पेश किया। इस विधेयक के तहत राज्य के सभी मदरसों को सामान्य शैक्षणिक स्थानों में तब्दील कर दिया जायेगा साथ ही भविष्य में सरकार द्वारा कोई मदरसा स्थापित नहीं किया जाएगा।

बिल पेश करने बाद शिक्षामंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा, हम शिक्षा प्रणाली में धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम लाना चाहते हैं और ऐसा करके हम खुश हैं। तो वहीं कांग्रेस यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने इस विधेयक का विरोध भी किया है, इस विरोध पर बिस्वा ने कहा कि इस विधेयक को पारित करने की आवश्यकता है और इसे पारित किया जाएगा।

गौरतलब है कि 13 दिसंबर को राज्य कैबिनेट की ओर से इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई थी। अक्टूबर में, सरमा ने घोषणा की थी कि राज्य में सभी सरकारी मदरसों व संस्कृत स्कूलों को बंद किया जाएगा। यह कदम असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत छात्रों की नियमित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस विधेयक के तहत मदरसा शिक्षा बोर्ड को खत्म करके सभी सरकारी मदरसों को सामान्य स्कूलों में तब्दील कर दिया जाएगा। जिसमें सभी छात्रों को नियमित छात्रों के तौर पर दाखिला दिया जाएगा। अंतिम वर्ष के छात्रों को उत्तीर्ण होने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद इन स्कूलों में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को नियमित छात्रों के तौर पर पढ़ाई करनी होगी।

हांलाकि,सरमा का यह भी कहना था कि सरकार का निजी मदरसों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्हें पाठ्यक्रम में विज्ञान व गणित जैसे विषय शामिल करने होंगे जिसका पंजीकरण भी करना होगा। संवैधानिक बाध्यताओं का सम्मान करते हुए मदरसे के चरित्र को बरकरार रख सकते हैं।

सरकारी खर्च पर कुरान पढ़ना बंद!

सरमा ने यह भी कहा था कि एकरूपता लाने के लिए सरकारी खर्च पर कुरान पढ़ाने की इजाजत जारी नहीं रखी जा सकती है, क्योंकि तब अन्य समुदायों के लिए धार्मिक शिक्षा के प्रावधान की जरूरत होगी। उन्होंने बताया था कि असम में 610 सरकारी मदरसे हैं। इनपर प्रतिवर्ष 260 करोड़ रुपये का खर्च आता है। उन्होंने कहा था कि संस्कृत स्कूलों को कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय को सौंपा जाएगा।

सांसद बदरुद्दीन अजमल के 6 बाल गृहों की होगी जांच, अल-कायदा से कनेक्शन का शक

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR ने कहा है कि उसे असम और मणिपुर में छह बाल गृहों की ओर से धन का दुरुपयोग किए जाने की जानकारी मिली है। एक बाल गृह जो कि ‘मरकजुल मारिफ’ नाम की संस्था के तत्वाधान में चल रहा था, उसमें अंतरराष्ट्रीय एनजीओ से पैसे मिले हैं। इसको लेकर चल रही जांच आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों के संदर्भ में हो रही है।
आयोग ने बताया कि उसके निरीक्षण दल के अनुसार इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं। इन बालगृहों की स्थापना लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने की थी। बता दें कि लोकसभा की वेबसाइट पर दिए गए उनके परिचय में जानकारी दी गई है कि, इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर अजमल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
 बाल आयोग ने कहा, ‘मरकजुल मारिफ की वेबसाइट पर कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1080 बच्चे हैं। ऐसे में वेबसाइट पर उपलब्ध संख्या के मुकाबले निरीक्षण दल ने इन बाल गृहों द्वारा बताई गई संख्या में अंतर पाया है। इस अंतर की जांच करना और 300 बच्चों के बारे में स्थिति का पता करना जरूरी है।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की से ताल्लुक रखने वाले इस एनजीओ के पदाधिकारियों से वहां के प्रशासन ने अलकायदा से इसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। मामले की रिपोर्ट आयोग ने असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी है।

असम में गृह मंत्री अमित शाह ने भरी हुंकार, कहा- केवल भाजपा ही लगा सकती है घुसपैठ पर लगाम

असम। अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन आज यानी शनिवार को असम पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें राज्य में घुसपैठ को रोकने में असफल रहीं। जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से घुसपैठ की घटनाओं पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि केवल भाजपा सरकार ही घुसपैठ पर रोक लगा सकती है।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि एक जमाने में यहां के सारे राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे। लेकिन आज वो सभी संगठन मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ जुड़कर खुद और देश के विकास में योगदान दे रहे हैं।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आचार्य शंकरदेव के जन्मस्थान के लिए कुछ नहीं किया जिनके योगदान ने असम के इतिहास, नाटक लेखन, कला और कविता को मान्यता दी। लेकिन भाजपा राज्यों की भाषा, संस्कृति, कला को मजबूत करने में विश्वास करती है।  भाजपा का मानना है कि भारत तब तक महानता हासिल नहीं कर सकता जब तक राज्यों की संस्कृति और भाषा को मजबूत नहीं किया जाता। भारत की संस्कृति और कलाएं असमिया संस्कृति और कलाओं के बिना अधूरी हैं।

कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर, वैक्सीनेशन से पहले इन 4 राज्यों में किया जाएगा ड्राई रन

नई दिल्ली। सरकार ने देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियां तेज कर दी हैं। लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने से पहले इसका ड्राई रन किया जाएगा। केंद्र सरकार पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात चार राज्यों में ड्राई रन चलाएगी। अगले सप्ताह से इन चार राज्यों में ड्राई रन शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो जिलों में वैक्सीन का ड्राई रन ट्रायल किया जाएगा। सरकार 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में वैक्सीनेशन का ड्राई रन करेगी।
बता दें कि कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की मदद से सरकार वैक्सीन आने पर तैयारियों को परखने का काम करना चाहती है। इस ड्राई रन के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई वैक्सीन नहीं दी जाएगी लेकिन वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
बता दें कि देश में अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आई है, लेकिन इसको लेकर केंद्र सरकार ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। जब भी वैक्सीन आएगी सरकार पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन देगी। जिसके लिए प्रायरिटी ग्रुप बना लिए गए हैं। इसमें सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें गंभीर बीमारी या इसके अलावा ऐसे लोग भी जिन्हें गंभीर बीमारी है और 50 साल से ज्यादा है।