DESK:इस सावन के महीने में देवों के देव महादेव अर्थात भगवान शिव की पूजा की जाती है. हर सोमवार शिवालयों के बाहर बेलपत्र लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. ज्यादातर शिवभक्त इस महीने कांवड़ लेकर देवघर जाते हैं, लेकिन भारत में ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां शिव की पूजा अर्चना होती है.
आइये बताते सावन में कौन कौन से मंदिर जाने से मनोकामना होती है पूर्ण
पशुपतिनाथ मंदिर
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में बसा यह इकलौता पशुपतिनाथ का मंदिर है. यह स्थित पशुपतिनाथ की प्रतिमा करीब सवा सात फीट ऊंची है. कहते हैं यहां सच्चे मन मांगी हुई मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं.
लिंगराज मंदिर
भुवनेश्वर में स्थित यह सबसे बड़े मंदिरों में शुमार है. सावन महीने में सुबह से ही शिवभक्त महानदी से पानी भरकर पैदल मंदिर तक आते हैं. माना जाता है कि इसके पानी से कई तरह की शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं.
सावन के महीने में यहां साधुओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. यहां तक की दुनिया के अलग-अलग हिस्से से लोग मंदिर में जल . गुजरात में स्थित जूनागढ़ की शिवरात्रि काफी प्रसिद्ध है.
तुंगनाथ मंदिर
उत्तराखंड में स्थित यह मंदिर दुनिया की सबसे ऊंची मंदिर है, जो बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के बीच स्थित है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर जहां भगवान शिव के प्रिय ‘नंदी’ की मूर्ति विराजमान है. वहीं द्वार के दाईं ओर भगवान गणेश की मूर्ति है.
भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना के रिकार्ड मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के लगभग 91 हजार नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 325 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है। वहीं, 19,206 मरीज रिकवर हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 90,928 नए मामले आए। इसके साथ ही कोरोना के कुल मामले बढ़कर 3,51,09,286 हो गए हैं। वहीं, सक्रिय मामले बढ़कर 2,85,401 हो गए हैं। इसके अलावा कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 4,82,876 हो गई है।देश में लगभग 200 दिन बाद कोरोना के इतने नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले 10 जून को 92,291 नए मामले सामने आए थे। वहीं, मंगलवार को कोरोना के 58 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे।
India reports 90,928 fresh COVID cases, 19,206 recoveries, and 325 deaths in the last 24 hours
Daily positivity rate: 6.43%
Active cases: 2,85,401 Total recoveries: 3,43,41,009 Death toll: 4,82,876
कोरोना वायरस के वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले भी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ओमिक्रोन के मामले बढ़कर अब 2,630 हो गए हैं। इसके अलावा 995 मरीज रिकवर भी हो चुके हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के 797 जबकि देश की राजधानी दिल्ली में इसके कुल मामले 465 हो गए हैं।
वहीं, देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 148 करोड़ के पार हो गया है। कोविन एप के मुताबिक, देश में कोरोना की लगभग 148 करोड़ 71 लाख खुराक दी जा चुकी है। 86 करोड़ 78 लाख से ज्यादा पहली खुराक जबकि लगभग 62 करोड़ दूसरी डोज दी गई है। वहीं, अब तक लगभग डेढ़ करोड़ किशोरों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 153.90 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध कराई गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 18.43 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली–कई देशों में पैर पसार चुका ओमिक्रोन वैरिएंट भारत में भी अपना कहर बरपा रहा है। देश में ओमिक्रोन के लगभग दो हजार मामले सामने आ चुके हैं। ओमिक्रोन के साथ ही कोरोना संक्रमण ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमिक्रोन को लेकर चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के चलते नए और घातक वैरिएंट का सामना करना पड़ सकता है। डब्ल्यूएचओ की वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी कैथरीन स्मालवुड ने कहा कि इससे सतर्क रहना होगा।
डब्ल्यूएचओ की अधिकारी ने कहा कि ओमिक्रोन को हल्के में लेने की भूल ना करें। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी को आम बीमारी समझने की गलती कतई ना करें। ओमिक्रोन मौत का कारण बन सकता है। हालांकि, ये डेल्टा की तुलना में थोड़ा कम घातक है, लेकिन फिर भी इससे सतर्क करने की जरूरत है। बता दें कि ओमिक्रोन 29 दिसंबर 2021 तक लगभग 128 देशों में फैल चुका है। अधिकारी ने आगे कहा कि ओमिक्रोन जंगल में आग की तरह फैल रहा है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये कम गंभीर नजर आ रहा है। ऐसे में इससे जल्द उबरने की उम्मीद जगी है।
उधर, डब्ल्यूएचओ ने कोविड मरीजों को 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहने की सलाह दी है। एक अधिकारी ने कहा कि कम संक्रमण वाले देशों में क्वारंटीन की लंबी अवधि कोरोना मामलों को कम करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि देशों की अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए क्वारंटीन की छोटी अवधि को उचित ठहराया जा सकता है। ओमिक्रोन यूरोप समेत पूरे विश्व में कहर बरपा रहा है। ब्रिटेन में बीते 24 घंटे में इसके दो लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने मंगलवार को कहा कि इंग्लैंड बगैर लाकडाउन के संक्रमण में वृद्धि का सामना कर सकता है। वहीं इटली में एक दिन में 1,70,844 मामलों की पुष्टि हुई है। इटली में 259 मरीजों की मौत भी हुई है।
राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब वीकेंड कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इससे पहले सरकार की ओर से येलो अलर्ट जारी कर दिया गया था। इन दिनों कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए येलो अलर्ट के हिसाब से काम किया जा रहा है। मंगलवार को हुई डीडीएमए की बैठक में अन्य पाबंदियों पर भी चर्चा की गई। इसके तहत अब सरकारी कार्यलयों में 50 फीसद कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे और 50 फीसद आफलाइन काम करेंगे। केवल अनिवार्य सेवाओं के लिए कार्यालय खुले रहेंगे। दिल्ली में प्राइवेट कार्यालयों में भी 50 प्रतिशत स्टाफ को काम करने की इजाजत होगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि एक समस्या ये भी आ रही थी कि बस स्टाप, मेट्रो स्टेशन सुपर स्प्रेडर बनने के संकेत मिल रहे थे। यहां लंबी लाइनें लग रही थी। इसको देखते हुए अब ये तय किया गया है कि बसें और मेट्रो पूरी कैपेसिटी पर चलेंगी मगर बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा। बिना मास्क के मेट्रो और बस में यात्रा करना पूरी तरह से वर्जित रहेगा। उधर सख्त पाबंदियों को लागू करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई गई थी। इसी बैठक में राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद कुछ चीजें तय की गई। बैठक में राजधानी में कड़े नियम लागू करने पर भी विचार किया गया, इसके तहत ही वीकेंड कर्फ्यू लागू करने पर सहमति बनी।
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेसवार्ता की और वीकेंड कर्फ्यू के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन के केस लगातार बढ़ रहे हैं। मगर इससे नुकसान ज्सादा नहीं हो रहा है। पिछले आठ-दस दिन में कुल मरीज 11 हजार आए हैं। मगर अस्पतालों में 300 के करीब मरीज हैं। आक्सीजन पर 120 के करीब हैं, सात लोग वेंटिलेटर पर हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि मरीज घर पर रहकर ही होेम आइसोलेशन में रहें।
सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक हुई है। फैसला लिया गया है कि दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगेगा, जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी। सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत स्टाफ ही करेगा काम। बाकी का घर से काम करेगा। सरकारी कार्यलयों में आनलाइन या वर्क फ्राम होम लागू होगा, केवल अनिवार्य सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। प्राइवेट कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को काम करने की इजाजत होगी। सभी डीएम और डीसीपी को इसे सख्ती से लागू कराने के लिए कहा गया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत छह प्रतिशत संक्रमण दर व चार हजार से अधिक कोरोना मामले सोमवार को दर्ज होने के बाद राजधानी अब रेड अलर्ट की स्थिति में पहुंच चुकी है। ग्रेप के तहत लगातार दो दिनों तक पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर होने पर रेड अलर्ट जारी किया जा सकता है।
ओमिक्रोन की दहशत के बीच मेरठ और आसपास के जिलों में इनदिनों कोरोनावायरस पांव पसारने लगा है। ओमिक्रोन से बचाव रखना जरूरी है। चिकित्सकों के मुताबिक ओमिक्रोन के शुरुआती लक्षणों में कमजोरी महसूस होना, नाक बहना, गले में खराश व सुगंध न आना आदि शामिल है। यदि ऐसा होता है तो इन लक्षणों को गंभीरता के साथ लें और तुरंत डाक्टर को दिखाए और उनकी सलाह लें। घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मास्क पहनकर ही निकलें। ज्यादा जरूरी होने पर घर से बाहर निकलें। भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। मेरठ में भी ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है।
मेरठ में मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट की आर-वैल्यू यानी एक व्यक्ति से 1.6 लोगों में संक्रमण फैल रहा था, जो ओमिक्रोन में 2.0 पाई गई है। दोनों वायरसों की संक्रमण दर में दोगुने का भी अंतर नहीं मिला है। लेकिन वायरस के बदलते रूप को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं मेरठ मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डा. ज्ञानेश्वर टांक का कहना है कि मेडिकल कालेज में 20 बेडों का ओमिक्रोन वार्ड बनाया जा रहा है। इस वायरस से संक्रमित होने वालों में कई नए लक्षण मिल रहे हैं। मेरठ में ही सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर भी यूरोप के बाद भारत आई थी। ओमिक्रोन के बड़ी संख्या में मरीज मिल चुके हैं। वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि संक्रमण की नई लहर जनवरी-फरवरी 2022 में तेजी पकड़ सकती है। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि आरएनए वायरस में म्यूटेशन होता रहता है, ऐसे में ओमिक्रोन आने वाले दिनों में ज्यादा खतरनाक बन सकता है या कमजोर पड़ जाएगा।
इस बीच सांस एवं छाती रोग विशेष डा. वीएन त्यागी ने बताया कि विदेश में ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित कई मरीजों में फेफड़े में भी संक्रमण मिल रहा है। इसका वायरस कमजोर है, यह कहना जल्दबाजी होगी। वहीं प्रो. अरिवंद कुमार ने बताया कि ओमिक्रोन संक्रमित हो रहे मरीज में संक्रमण गले में ही रुक जा रहा है। पूर्व की लहर की तरह ओमिक्रोन संक्रमितों में फेफड़ों के टिश्यू को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग बेपरवाह हो जाएं। घर की कमजोर कड़ी यानी बुजुर्ग या पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह घातक साबित हो सकता है। ऐसे में पूरी तरह से सावधानी बरतें।
देश के कई राज्यों में बाढ़ से हाल बेहाल है। उसपर मौसम विभाग द्वारा एक बार फिर भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। भारत के मौसम को लेकर आने वाले दिनों का ताजा अपडेट जारी किया गया है। बताया गया कि मध्य प्रदेश पर स्थित एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा समेत उससे जुड़े राज्यों और उत्तराखंड में लगातार बारिश होती रहेगी। कहा गया कि इन क्षेत्रों में तेज बारिश और बिजली भी कड़कने की संभावना है। तदनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन सभी उपखंडों में शनिवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
बताया गया कि मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर अपनी सामान्य जगह के करीब है, लेकिन पूर्वी छोर सामान्य से अधिक दक्षिण में स्थित है। जैसे-जैसे पूर्वी छोर धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ेगा, पूर्वोत्तर भारत में अगले सप्ताह बारिश तेज होगी। अगले पांच दिनों के लिए, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 200 मिमी से अधिक वर्षा होने की संभावना ह इस बीच, मुंबई और आसपास के इलाकों में शनिवार तक तेज मानसूनी बारिश होने की संभावना है, जो रविवार तक ही खत्म हो जाएगी। वहीं, राजस्थान और गुजरात में अगले सप्ताह के शुरुआती दिनों में तेज बारिश के बाद मानसून गतिविधि में कमी देखी जा सकती है।इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में सोमवार तक अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस कम रहने की संभावना है, जबकि अगले पांच दिनों तक दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। अगले पांच दिनों तक पूरे हिमालयी क्षेत्र में रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।
कैसा रहेगा रविवार जिस दिन पड़ रहा है रक्षा बंधन का त्योहार-अरुणाचल प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छिटपुट बारिश और गरज के साथ व्यापक बारिश का अनुमान है।जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में छिटपुट बारिश और गरज के साथ व्यापक बारिश की संभावना है। उत्तराखंड और सिक्किम में हिमपात हो सकता है।झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गंगीय-पश्चिम बंगाल, केरल, लद्दाख में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। लद्दाख में भी छिटपुट बर्फबारी हो सकती है।पश्चिमी में अधिकतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने की संभावना है।
कैसा रहेगा रविवार जिस दिन पड़ रहा है रक्षा बंधन का त्योहार-अरुणाचल प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छिटपुट बारिश और गरज के साथ व्यापक बारिश का अनुमान है।जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में छिटपुट बारिश और गरज के साथ व्यापक बारिश की संभावना है। उत्तराखंड और सिक्किम में हिमपात हो सकता है।झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गंगीय-पश्चिम बंगाल, केरल, लद्दाख में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। लद्दाख में भी छिटपुट बर्फबारी हो सकती है।पश्चिमी राजस्थान में अधिकतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने की संभावना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर पूर्वोत्तर के आठ राज्यों असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ आज बैठक कर रहे हैं। इससे पहले पिछले बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पूर्वोत्तर राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ कोरोना के ताजा हालात की समीक्षा बैठक की थी।
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय टीम ने भी इन राज्यों का दौरा किया था। बता दें कि देश में कोरोना के 80 फीसद मामले 90 जिलों में हैं जिनमें से 14 पूर्वोत्तर राज्यों के जिले हैं। देश में 73 जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक है। इनमें से 46 जिले पूर्वोत्तर राज्यों से हैं। शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पीछे R फैक्टर है। इस फैक्टर से पता चलता है कि कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति द्वारा दूसरे कितने व्यक्तियों को संक्रमित करने की संभावना है।पिछले दिनों कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार की स्थिति बना दी थी जिसमें अब राहत के संकेत मिलने लगे हैं।
हालांकि इन राज्यों में जमीनी स्तर पर केंद्र सरकार की टीम काम कर रही है स्वास्थ्य मंत्रालय की डॉ भारती परवीन पवार (Dr Bharati Pravin Pawar) ने कहा, ‘केंद्र सरकार की टीम जमीनी स्तर पर काम कर रही है। हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं, नियमित तौर पर राज्य सरकारों से फीड बैक ले रहे हैं। अभी कोविड-19 खत्म नहीं हुआ है।’
कहते हैं कि प्राचीन काल में एक वैश्या का नाच देखने के लिए लोग उसके खास मकान(कोठे) पर जाया करते थे। तो वो वैश्या देखने वालों को अपनी मनमोहक नृत्य शैली और कुछ अपनी फ़ूहड़ नग्नता भरी अदाओं से वाह वाही लूटती थीं। यदि उस वैश्या से पूछा जाता कि वो ये काम क्यों करती हैं ? तो 100 में से 99.99 का ये जवाब होता कि मजबूरी है। मैं मजबूर हूं अपने ये नाचने का काम नहीं करती हूं। वो मजबूरी अगर पता लगाने की कोशिश की जाती हैं तो हर किसी की एक अपनी दिल को दहलाने वाली कहानी होती थी।
परंतु आज क्या हो गया है, हमारी युवा पीढ़ी को? पता नहीं में बात कर रह हूं उन कुछ Tik Tok, Instagram, Reels, Snack Vedio, Niki, Moj वाली लड़कियों की…. जी हां मुझको पता है कि बहुत से लोगों को मेरी बात बहुत ही बुरी लग रही होगी। पर इस बात पर विचार करना भी आवश्यक है। कहना चाहूंगा उन लोगों से कि बहन बेटियो महिलाओ से, जरा अपने दिमाग पे ज़ोर डालो और सोचो कि हमारे आस पास कितनी निर्लज्जता है? क्या ये TikTok, instagram, Moj, Like, Reels सहित इस जैसे दूसरे अनेक ऐप्स इसके लिए जिम्मेदार है? यह हमारी भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मर्यादा का उपहास है और सनातन संस्कृति का अपमान भी।
यदि बनाना ही है तो ऐसे वीडियो बनाओ जिससे हमारी युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को कुछ अच्छा सीखने को मिले जैसे कि विज्ञान से संबंधित, सामाजिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक वीडियो बनाओ। उसमे भी अपनी संस्कृति और मर्यादा तथा पहनावे का ध्यान रखें ll निवेदन है कि माता पिता अपने लड़के लड़कियों की देख रेख अच्छे से करें, उनको कुछ अच्छा बनाये ना कि नचनिया। ये नचनिया हीरोइन बनने के चक्कर में सबकुछ लुटा रही हैं।
बेटी को विवाह पूर्व नौकरी करवाना अधिकांश माता पिता के लिये बना मुसीबत। आज अधिकांश माता पिता अपनी पुत्रियो को विवाह पूर्व नौकरी करवाकर, अपने लिये एक समस्या तैयार कर लेते है। उन्हें उनके विवाह मे जो समस्यायें आती है उसका हल निकालना उनके लिये, दुष्कर हो जाता है। समस्यायें समझिये इस प्रकार है :
1 आत्म निर्भर हो जाने के कारण अधिकांश पुत्रियाँ माँ बाप की नही मानती। अपनी पसंद का खानपान, पहनना, खाना पीना आम बात है। बडें या छोटे शहरों में सिगरेट बीयर आम बात है।
2 नौकरियो मे उनका वेतन अधिक होने से उनसे कम वेतन वाले लड़के उन्हे पसन्द नही आते। पढी लिखी और कमाऊ लडकी, कम पढ़े लिखे लड़के को लात मार देती है जबकि लड़के, अनपढ लडकियों संग सफल जिन्दगी गुजारते हैं।
3 अपने शहर हो या अन्य शहर, मे नौकरी करने के कारण उनके विजातीय लड़को से संपर्क होता ही है। जान पहचान दोस्ती के बाद रिलेशिनशिप की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता। लोक लाज और संस्कार संस्कृति बचाना कठिन है।
4 एक बार नौकरी करने पर नौकरी छोड़ने को तैयार नही होती। जिस शहर मे नौकरी करती है उसी शहर में ही उस कार्यरत लड़की से, अधिक पेकेज वाला, उसी शहर का रहने वाला सजातीय वर चाहिये जो कि माता पिता के लिये जटिल कार्य है।
5 ऐसा अक्सर देखा गया है कि जबरन लोकलाज में विवाह हो भी जाए तो विवाह विच्छेद यानि तलाक हो जाते हैं जिसका प्रमुख कारण, अनैतिक संबंध व नशे को दिया जाता है।
6 मां बाप की शर्त को दरकिनार कर, ये कमाऊ लडकियां- दूसरे जाति प्रदेश भाषा यहां तक कि धर्म को भी ताक पर रखके, कोर्ट मैरिज करके घर में रहती है। नौकरी करती हैं। समय आने पर निकल लेती हैं।
7 कमाऊ लड़की की सभी गतिविधियों में सहायक के रूप में मां और बहन रहती है और बेचारा पिता शर्त की लिस्ट निकल लेकर, एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे भटकता है।
ऐसे वर की तलाश मे उनकी विवाह की उम्र निकल जाती है। ऐसा वर ढूँढ़ना उन के लिये क्या किसी के लिये भी मुश्किल कार्य है।
अत: सभी माता पिता से निवेदन है कि यह निर्णय ना ले कि कन्या को कुछ वर्ष नौकरी करा ले फिर शादी करेंगे अन्यथा आप निश्चित रुप से जटिल समस्या का सामना करने को तैयार रहे। यह सुझाव आपको उस वक्त याद आयेगा जब आप भी कई लोगो की तरह अपनी पुत्री के विवाह के लिये जटिल समस्या मे फंसे होंगे। इसलिए अपनी बेटियों का विवाह समय पर करें ।
नोट- सभी शहरों में कमाने वाली हिन्दू लड़कियों से छल कपट धोखा से व नाम जाति धर्म छुपाकर, तमाम हवाई सपने दिखाकर फंसाने की टीम है। विदेशी चमक धमक गिफ्ट.. धर्मपरिवर्तन निकाह बच्चे और फिर तलाक। कमाओ और बच्चे को संभालो। 2-3 तलाक के बाद ये फिर हिन्दू पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने आती है क्योंकि ससुराल पक्ष तो फटीचर है।
नई दिल्ली-नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार में पूर्वोत्तर के राज्यों को भी जगह दी गई है। पीएम मोदी की नई कैबिनेट टीम में कुल पांच लोगों को पूर्वोत्तर के राज्यों से जगह दी गई है। नई कैबिनेट में केंद्र सरकार में पूर्वोत्तर के राज्यों से दो कैबिनेट मंत्री और तीन राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
इन पांच लोगों को मिली जगह-असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही किरेन रिजिजू को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। रिजिजू अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य हैं। इसके साथ ही त्रिपुरा से लोकसभा सदस्य प्रतिमा भौमिक, मणिपुर से लोकसभा सांसद
को मंत्री बनाया गया है। असम से रामेश्वर तेली पहले से ही मोदी सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कुल पांच लोग फिलहाल मोदी की नई कैबिनेट में शामिल हैं।
सर्बानंद सोनोवाल को आयुष मंत्रालय-असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को आयुष मंत्रालय दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय भी मिला है।
सोनोवाल का चुना जाना गर्व की बात: सरमा-राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोनोवाल को कैबिनेट में शामिल किए जाने पर बधाई दी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लंबे समय के बाद हमें असम से कैबिनेट मंत्री मिला है और यह खुशी तब दोगुनी हो जाती है जब चुना गया व्यक्ति सर्बानंद सोनोवाल जैसा अनुभवी हो। केंद्रीय कैबिनेट में उत्तर-पूर्व के व्यक्ति का होना गर्व की बात है। हमारे पार अरुणाचल प्रदेश से किरण रिजिजू भी हैं
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्वोत्तर की 25 में से 14 सीटें जीती थीं। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपनी नई टीम में कुल 43 नए मंत्रियों को शामिल किया है। देशभर के अलग-अलग राज्यों से इन चेहरों को आगे लाया गया है।