सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान, दिल्ली में बनेगा अब अलग शिक्षा बोर्ड, जानिए क्या हैं इसके फायदे   

नई दिल्ली। दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार ने स्‍कूली शिक्षा  के लिए अलग बोर्ड  बनाने का फैसला किया है। शनिवार को कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी मिल गई। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘दिल्‍ली बोर्ड ऑफ स्‍कूल एजुकेशन’ से केवल दिल्‍ली  ही नहीं,  भविष्‍य पूरे देश की शिक्षा व्‍यवस्‍था पर पड़ेगा। आज हमने दिल्ली की कैबिनेट में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी गई है।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये बोर्ड 3 लक्ष्य पूरे करेगा। हमें ऐसे बच्चे तैयार करने हैं जो कट्टर देशभक्त हों, जो आने वाले समय में हर क्षेत्र में देश की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार हों। हमारे बच्चे अच्छे इंसान बनें और ये बोर्ड बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए तैयार करेगा।

ऐसे में अब तक चल रहे सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) से अलग अब 2021-22 में दिल्‍ली के कुछ स्‍कूलों में नए शिक्षा बोर्ड के तहत भी पढ़ाई कराई जाएगी। बता दें कि पिछले साल ही दिल्‍ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने दिल्‍ली बोर्ड (Delhi Board) को लेकर कमेटी गठित करने की जानकारी दी थी।

हालांकि दिल्‍ली सरकार के इस फैसले पर बहस छिड़ गई है। अभिभावक और विशेषज्ञ इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि क्‍या अभी तक दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों में चल रहे सीबीएसई बोर्ड को हटा दिया जाएगा? क्‍या दिल्‍ली बोर्ड सीबीएसई बोर्ड से बेहतर होगा या शिक्षा के स्‍तर को और खराब कर देगा? हालांकि कुछ विशेषज्ञ दिल्‍ली सरकार के इस फैसले को अन्‍य राज्‍यों को देखते हुए बता रहे हैं, लेकिन केंद्रीय बोर्ड (Central Board) के दिल्‍ली के स्‍कूलों से हटने को लेकर आशंका भी जाहिर कर रहे हैं।

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