विश्व भर में कोरोना वैक्सीन आने की खुशी देखी गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना महामारी से जल्द निपटा जा सकता है। अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन का अस्पतालों में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया था।
समय के साथ कोरोना मामलों में गिरावट तो आई मगर, वैक्सीन का नकारात्मक असर लोगों पर देखा गया। वर्तमान में कोरोना वैक्सीन से एलर्जी के मामले बढ़ते जा रहे है। अभी तक 90% महिलाओं में एलर्जी के मामले सामने आए है। इस खबर से देश में टेंशन की स्थिति बनी हुई है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) देश मे इस समस्या की जांच कर रहा है। जिन लोगों को एलर्जिक रिएक्शंस हुआ है, उन्हें दूसरी बार वैक्सीन न दी जाए इसका ख्याल रखा जा रहा है। बताया जा रहा है की अगर जल्द इस समस्या से निकला नहीं गया तो यह एक खतरनाक बीमारी मे बदल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक हर 10 लाख लोगों जिन्हें वैक्सीन दी जा रही है उनमें से 11% लोगों में एलर्जिक रिएक्शन देखा गया है। बता दें, 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच 18.96 लाख वैक्सीन की डोज दी गई, जिनमें से एनाफिलेक्सिस के 21 केस के मामले सामने आए।