आईटीबीपी ने हाल ही में जन्मे 17 श्वानों को दिए भारतीय नाम, जानिए क्या है पूरी खबर ?

नई दिल्ली। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पहली बार किसी भी सशस्त्र बल में अपने पप्स (डॉग स्क्वायड) को देसी नाम देने का प्रचलन शुरू किया है। आईटीबीपी के सुप्रसिद्ध के-9 विंग के इन श्वानों के नामकरण कर देश की सुरक्षा में लगे जवानों को समर्पित किया है।

बता दें कि नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स (एनटीसीडी) आइटीबीपी बीटीसी भानु पंचकुला, हरियाणा में आज एक औपचारिक नामकरण समारोह आयोजित किया गया। समारोह में आईटीबीपी ने 2 महीने पूर्व जन्मे योद्धा मैलिनोईस श्वानों के नाम रखे। इन 17 श्वानों, जिनके पिता का नाम गाला और माताओं का नाम ओलगा और ओलिशिया हैं, उनके नए नाम हैं- आने-ला, गलवान, ससोमा, सिरिजाप, चिप चाप, सासेर, चार्डिंग, रेजांग, दौलत, सुल्तान-चुस्कू, इमिस, रांगो, युला, मुखपरी, चुंग थुंग, खार्दुंगी और श्योक है। इन के-9 योद्धाओं को 100% स्थानीय नाम दिए गए हैं, जहां आईटीबीपी सीमाओं पर ड्यूटी करती है और स्वतंत्रता के बाद पहली बार अब आईटीबीपी में केनाइन विंग के श्वानों को देसी विरासत और नामों से जाना जाएगा। इस पहल के साथ ही श्वानों के जो परंपरागत पाश्चात्य नाम जैसे सीजर, ओलगा, एलिजाबेथ, बेट्टी, लीजा आदि होते थे।

इसके अलावा, बल ने यह भी योजना बनाई है कि अब नवजात श्वानों का नाम काराकोरम पास से जचेप ला तक फैले 3488 किलोमीटर लंबी भारत चीन-सीमा पर अवस्थित प्रसिद्ध स्थानों पर रखा जाएगा।

 

 

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