Kisan Protest: किसान आंदोलन के बीच योगी आदित्यनाथ का किसानों ने किया जोरदार स्वागत

एक तरफ हरियाणा,पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन अपने अपने घरों से दिल्ली कूच कर रहे हैं तो दूसरी ओर एक और खबर है, खबर है यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और किसानों को लेकर, क्या है पूरा मामला आपको बताएंगे, एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक वीडियो है और दूसरी तरह है किसानों की वीडियो जिसमें वो दिल्ली कूच करते दिखाई दे रहे हैं इन दोनों वीडियो के बीच गहरा कनेक्शन है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ जनपद मुजफ्फरनगर में किसान चौपाल का संबोधन करने के पहुंचे, जहां महिलाओं ने उनपर फूल बरसा कर उनका स्वागत किया, योगी आदित्यनाथ किसानों के बच्चों से भी मिले। जो मुख्यमंत्री को देखकर काफी खुश हुए। इसके बाद योगी आदित्यनाथ किसानों के बीच पहुंचे और उनके साथ बात करना शुरु किया। क्या कहा है योगी आदित्यनाथ ने बताते हैं आपको, तो सुना आप लोगों ने… भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित करने वाली मोदी सरकार का अंधा विरोध करने वाले कभी इस पर बात नहीं करते।

कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी ने तो राज्यसभा में चौधरी साहब को मिलने वाले भारत रत्न का विरोध भी कर दिया था, लेकिन ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि किसानों को सम्मान और उनका हक देने का काम सबसे ज्यादा मोदी सरकार में हुआ और यूपी की बात करें तो योगी सरकार भी किसानों के अधिकारों को सबसे उपर ही रखती है, किसानों से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सौर ऊर्जा, स्वयं सहायता समूह, कृषि फार्म मशीनरी, पीएम कुसुम योजना के लाभार्थियों को सम्मानित भी किया।

अब अगर योगी सरकार के किसान चौपाल के राजनीतिक मायने समझे तो इसे योदी आदित्यनाथ का मास्टर स्ट्रोक समझा जा सकता है लोकसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है। यूपी में 4 प्रमुख् पार्टियां हैं जिनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी हैं। मायावती की बहुजन समाज पार्टी चुनावों में कुछ खास एक्टिव नजर नहीं आती। कांग्रेस की हालत ऐसी है कि मानों उसने सारी उम्मीद ही छोड़ दी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव बसपा और कांग्रेस से ही दो-दो हाथ करने में लगे हैं… और उधर राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद किसानों के बीच पहुंचना योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को दूसरी पार्टियों से बढ़त जरूर देता है।

 

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