लखनऊ SI आत्महत्याः ‘मैं जा रहा हूं मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा’, सुसाइड नोट में बीमारी का किया जिक्र

लखनऊ। लखनऊ विधानसभा गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गुरुवार को दरोगा निर्मल कुमार चौबे ने अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। दरोगा के पास से बरामद हुए सुसाइड नोट के मुताबिक उसमे लिखा है कि ‘बीमारी से परेशान हूं। मैं जा रहा हूं मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा’। सुसाइड नोट में दरोगा ने बीमारी से तंग होकर खुदकुशी करने की बात लिखी है। हांलाकि उन्होंने कौन सी बीमारी थी, इसका जिक्र नहीं किया है।

बंथरा थाने में तैनात दारोगा निर्मल मूलरूप से वाराणसी के गांव पल्ही पट्टी, चौबेपुर के रहने वाले थे। वह यहां परिवार के साथ चिनहट में रहते थे। गुरुवार को उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगी थी। दिन में करीब साव तीन बजे गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गोली चलने की आवाज सुनकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य लोग उस ओर दौड़े। पार्किंग में दारोगा लहूलुहान पड़े थे और उनकी सर्विस पिस्टल जमीन पर पड़ी थी। पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी और निर्मल को सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर और संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा सिविल अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इसके बाद निर्मल के घरवालों को सूचना दी गई।

वर्ष 1987 में हुई थी भर्ती

निर्मल 15 अगस्त 1987 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वह लंबे समय से अलग अलग स्थानों पर सुरक्षा में ड्यूटी कर रहे थे। बंथरा थाने में वर्ष 2019 में उनकी तैनाती हुई थी। इंस्पेक्टर बंथरा जितेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक निर्मल मानसिक रूप से परेशान थे। बीमारी के कारण उन्होंने मेडिकल लीव भी ली थी।

फारेंसिक टीम ने की छानबीन

घटना स्थल पर छानबीन के दौरान फारेंसिक टीम ने निर्मल की सर्विस पिस्टल को कब्जे में ले लिया। यही नहीं, सुसाइड नोट को भी सुरक्षित रख लिया गया है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि दारोगा की सहमति से उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगाई गई थी।

लंबे समय से परेशान थे पापा

निर्मल चिनहट में पत्नी निरुपमा और बेटे विकास व सर्वेश के साथ रहते थे। निर्मल की आत्महत्या की खबर मिलते ही निरुपमा बेसुध हो गईं, जिन्हें उनके बेटों ने संभाला। विकास ने बताया कि पापा लंबे समय से परेशान थे। उनका इलाज भी चल रहा था, लेकिन राहत नहीं मिली। निर्मल के तीन छोटे भाई प्रदीप, अतुल और अनिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *