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पूरी दुनिया में बज रहा है मेक इन इंडिया का डंका

भारत में बनें समानों की अब दुनिया दिवानी हो रही है नया भारत अब नये क्रितिमान बना रहा है मेक इन इंडिया ने अब अपनी पहचान बना ली क्योंकि भारतीय सामान अब दुनियाभर में ब्रांड के तौर पर स्थापित होने लगे हैं

भारत में बनें समानों की अब दुनिया दिवानी हो रही है नया भारत अब नये क्रितिमान बना रहा है मेक इन इंडिया ने अब अपनी पहचान बना ली क्योंकि भारतीय सामान अब दुनियाभर में ब्रांड के तौर पर स्थापित होने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत है कि अमेरिका समेत दूसरे विकसित देशों में भारत में बने सामानों… की मांग तेजी से बढ़ रही है. दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी बीते 10 साल में 19 फीसदी से बढ़कर 23 परसेंट हो गई है.

भारत अब इकोनॉमी  को 7 वे स्थान से और ज्यादा ऊपर ले जाना चाहता है  इसलिए अब दुसरे देशो मे भारत मे बने सामानो को निर्यात कर रहा है और सबसे बडी बात की भारत को विदेशो मे हो रहे निर्यात की सरहाना भी मिल रही है

मेक इन इंडिया की शरुआत कब हुई मेक इन इंडिया की शरुआत भारत के निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को इस कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके मेक इन इंडिया के जादू से भारतीय उत्पादों की क्वालिटी में काफी असर हुआ है। इससे प्रोडक्ट्स की क्वालिटी टॉप लेवल की हो गई है।

क्वालिटी प्रोडक्ट्स के निर्माण से दुनिया भर के देशों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत की एक अलग पहचान बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ का मूल मंत्र दिया था। जिसके बाद विश्वभर में भारतीय ब्रांड के उत्पादों की मांग बढ़ गई है। अमेरिका और कुछ विकसित देशों में भारत में बने सामानों की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके पीछे का कारण है पिछले 10 साल 10 सालो के आंकड़ों के अनुसार, भारत के निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई है।

भारत के निर्यात में यूरोप की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो चुकी है। विकसित देशों में भारत का निर्यात बढ़ने से ये साफ हो गया है कि भारतीय प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को दूसरे देश सराह रहे है। पिछले 10 सालों में भारत की एशियाई देशों में निर्यात की हिस्सेदारी घटी है और पश्चिमी देशों में निर्यात की हिस्सेदारी बढ़ी है।

अब आपको बताते है की कौन कौन से भारतीय उत्पादों की मांग विदेशो में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बताये गए आंकड़ों के अनुसार, बीते कुछ साल में भारत में बने स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक मशीनरी, इक्विपमेंट्स ड्रग फार्मूलेशन और बायोलाजिकल के निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है। 2023-24 में भारत ने 15.57 अरब डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए थे, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी थी, साल 2022-23 में भारत ने 11 अरब डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए थे, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 19.7 प्रतिशत ही रही थी। इससे साफ हो जाता है कि मेक इन इंडिया के असर के कारण भारत की उत्पादन क्षमता बढ़ रही  है। साथ ही भारतीय उत्पादों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है, जिससे भारत में बने सामान की डिमांड बढ़ रही है।

स्मार्टफोन ब्रांड एप्पल और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों ने भारत में उत्पादन करना शुरु किया है या फिर अपना एक्सपोर्ट बढ़ा दिया है, जिससे भारत के स्मार्टफोन के निर्यात में भी बढ़त हुई है।

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