मेरठ। कोरोना महामारी के दौर में वेंटिलेटर बेड दिलाने के नाम पर 40000 की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वेंटिलेटर बेड ना मिलने के अभाव में युवक ने दम तोड़ दिया। मृतक बेटे का अंतिम संस्कार करके लौटे पिता ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मामला मेरठ के थाना खरखौदा क्षेत्र के एनसीआर मेडिकल कॉलेज का है। जहां गाजियाबाद के एक कोरोना संक्रमित युवक को वेंटिलेटर बेड ना मिलने के कारण जान चली गई। दरअसल गाजियाबाद के रहने वाले सतपाल सिंह अपने कोरोना संक्रमित बेटे के इलाज के लिए वेंटिलेटर ढूंढ रहे थे। तभी किसी से बातचीत के बाद उन्हें मेरठ के हरेंद्र का नंबर मिल गया। हरेंद्र ने फोन पर सतपाल सिंह को भरोसा दिलाया ₹40000 के एवज में वह वेंटिलेटर बेड उपलब्ध करा देगा। जिसके लिए उन्हें मेरठ के एनसीआर मेडिकल कॉलेज पर बुला लिया गया। मजबूर पिता ने बेटे के इलाज के लिए ₹40000 हरेंद्र और राजेश को दे दिए। जिसके बाद डॉक्टर से बात करने का झांसा देकर दोनों फरार हो गए ।काफी देर तक सतपाल सिंह आरोपियों का इंतजार करते रहे। लेकिन बाद में जब मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया तो वह समझ गए कि उनके साथ ठगी हो गई। गंभीर रूप से बीमार बेटे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
बेटे का अंतिम संस्कार करके लौटे पिता ने आरोपियों के खिलाफ मेरठ के थाना खरखौदा में मुकदमा दर्ज करवा दिया। जिसके बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने वेंटीलेटर बेड दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से ठगी की रकम भी बरामद कर ली है। फिलहाल पुलिस आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी में जुटी है।
रिपोर्ट-शाहिद मंसूरी