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संसद सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, राहुल बोले बचा कर रहूंगा सविंधान !

18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार को हंगामे के साथ हुआ. सत्र की शुरुआत से पहले ही इंडिया गठबंधन के सांसदों ने हाथों में संविधान की..

18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार को हंगामे के साथ हुआ. सत्र की शुरुआत से पहले ही इंडिया गठबंधन के सांसदों ने हाथों में संविधान की कॉपी लेकर. संविधान की रक्षा हम करेंगे हम करेंगे. Our constitusan long live जैसे तमाम नारों से संसद की चारदीवारी को गूंजा दिया, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी जमकर हल्ला बोला. वहीं, इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम संविधान पर हमला नहीं होने देंगे, हमारा सीधा सा संदेश है कि कोई भी ताकत संविधान को छू नहीं सकती. दरअसल ये सारा हंगामा

बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्‍पीकर बनाए जाने के विरोध में विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदो ने संसद परिसर में संविधान की किताब लेकर विरोध प्रदर्शन किया. सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेंत तमाम नेताओं ने इसमें हिस्‍सा लिया. लेकिन इसमें खास बात ये रही कि अधिकांश विपक्षी सांसदों ने संविधान के चमड़े के जिल्‍द वाली उस किताब को लेकर प्रदर्शन किया जिसको लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान राहुल गांधी ने खासा पॉपुलर बनाया है. राहुल गांघी जहां भी जनसभा या रैली को संबोधित करने जाते थे.  संविघान की इस खास किताब को अपने साथ लेकर जाते थे.

राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह संविधान पर हमला कर रहे हैं। हम संविधान पर वह हमला नहीं होने देंगे।’ इंडिया गठबंधन को संविधान का रक्षक बताते हुए राहुल ने कहा कि हमारा संदेश जनता तक पहुंच रहा है और कोई भी ताकत भारत के संविधान का बाल भी बांका नहीं कर सकती और हम इसकी रक्षा करेंगे। वहीं दुसरी ओऱ बीजेपी की और से पीएम मोदी ने मौर्चा संभाला और संसद में जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए

साल 1957 में देश में लगे आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करे।लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या देश में वाक्ई देश में संविधान खतरे में है. क्योंकि जिस मुद्दे को लेकर वो ये नारा लगा रहा है. वास्तव में वो मुद्दा है ही नही.

संसद की प्रत्येक कार्यवाही पर करीब हर मिनट में ढाई लाख (2.5 लाख) रुपये खर्च का होता है,
आसान भाषा में समझें तो एक घंटे में डेढ़ करोड़ रुपये (1.5 करोड़) खर्च हो जाता है।

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