‘दीदी’ पर बरसे PMMODI, कहा- पहले चरण की वोटिंग के बाद और बढ़ गई है ममता बनर्जी की बौखलाहट
"घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं"
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में गुरुवार को दूसरे चरण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव सिर्फ सत्ता के परिवर्तन का नहीं है, बल्कि चुनाव पश्चिम बंगाल की आकांक्षाओं का है, नौजवानों के Aspirations का है। बंगाल में पहले चरण में हुए शांतिपूर्ण और रिकॉर्ड मतदान में लोगों ने बीजेपी को भारी समर्थन दिया है। पहले चरण में जिस तरह की दमदार शुरुआत बीजेपी ने की है, बंगाल में बीजेपी की जीत का आंकड़ा 200 के भी पार जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि शोवा मजूमदार जी बंगाल की उन अनगिनत माताओं, उन अनगिनत बहनों का चेहरा थीं जिन पर तृणमूल के लोगों ने अत्याचार किया। शोवा जी का वो चेहरा मेरी आंखों से उतरता नहीं है। जब मैं ऐसे अपराध के बाद दीदी को कूल-कूल कहते देखता हूं तो मुझे बहुत कष्ट होता है। उन्होंने कहा कि धमकी और गाली देनी वाली दीदी अब कह रही हैं कि कूल..कूल। दीदी तृणमूल कूल नहीं बंगाल के लिए शूल है। बंगाल को असहनीया पीड़ा देना वाला तृणमूल शूल है, बंगाल को रक्तरंचित करने वाला शूल है, बंगाल के साथ अन्याय करने वाला तृणमूल शूल है।
उन्होंने कहा कि पहले चरण की वोटिंग होने के बाद दीदी की बौखलाहट और बढ़ गई है। कल ही दीदी ने देश के कई नेताओं को संदेश भेजकर मदद की अपील की है। जो लोग दीदी की नजर में बाहरी हैं, टूरिस्ट हैं, जिन्हें वो कभी मिलने तक का समय नहीं देती थीं, अब उनसे समर्थन मांग रही हैं। ममता दीदी जिस तरह यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ दुश्मनी की भाषा बोल रही हैं, वो उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल पैदा कर रहा है। दीदी आप ये भूल रही हैं कि आपने सीएम के नाते संविधान की शपथ ली हुई है। भारत का संविधान आपको इसकी इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे राज्यों का इस तरह अपमान करें। पीएम मोदी ने कहा कि ममता दीदी को जय श्रीराम के नारों से दिक्कत है, दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत है, ये पूरा बंगाल पहले से जानता है। लेकिन अब दीदी को तिलक से दिक्कत है। अब दीदी को भगवावस्त्र से दिक्कत है और तो और दीदी के लोग अब चोटी रखने वालों के राक्षस कहने लगे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दीदी की समस्या पूरा क्षेत्र जानता है, ये सुंदरबन का इलाका जानता है। घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं। यहां उन्नयन के नाम पर उन्होंने 10 साल में क्या किया, इसका कोई ठोस जवाब दीदी के पास नहीं है।