पीएम मोदी के आग्रह को भूले अधिकारी, बरसों से पैर दर्द से परेशान हैं आगरा के राधेश्याम

नई दिल्ली। ताजनगरी आगरा के रहने वाले राधेश्याम सालों बाद भी अपने पैर की समस्या से परेशान हैं। आलम ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह के बाद भी राधेश्याम के पैर का इलाज नहीं हुआ है। आलम ये है कि पैर की उंगली कट जाने के बाद दूसरे पैर की उंगलियों की नसें भी ब्लॉक होना शुरू हो गई हैं। राधेश्याम को दर्द असहनीय है. फलों का ठेला लगाने वाला राधेश्याम बमुश्किल परिवार का गुजर-बसर कर पाता है।

राधेश्याम की पत्नी से की थी पीएम ने बातचीत

राधेश्याम की पत्नी प्रीति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 27 अक्टूबर को वर्चुअल संवाद किया था। प्रीति ने स्वनिधि योजना के जरिए मिले 10 हजार की धनराशि से जिंदगी में आए हुए बदलाव को लेकर बात की थी। वार्तालाप के दौरान ही प्रीति ने कहा था पीएम से अपने पति का इलाज कराने की अपील की थी। मोदी ने भी प्रीति के दुख को समझते हुए जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे। पीएम के निर्देश के बाद प्रीति के घर जिलाधकारी और अन्य अधिकारी पहुंचे थे। प्रीति को घर तो मिल गया, लेकिन उसके पति का इलाज अभी भी नहीं हुआ है।

तीन बेटियों और एक बेटे का पिता राधेश्याम पैर के दर्द से काफी परेशान है। प्रीति कहती है कि दर्द बढ़ने पर टेबलेट खाकर सो जाते हैं। हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि अपने पति का इलाज करा सकें. अभी घर भी अधूरा पड़ा है, उसके लिए भी पैसों का इंतजाम करना होगा।

पीएम के आग्रह को भूले अधिकारी!

प्रीति को प्रधानमंत्री से बात करने के बाद काफी उम्मीद जगी थी। हालांकि उनके घर का सपना साकार होता दिख रहा है, लेकिन राधेश्याम का इलाज कराना अधिकारी भूल गए। प्रीति का यह भी कहना है कई बार जिलाधिकारी से उस दिन के बाद मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। प्रीति और राधेश्याम का प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का कार्ड भी नहीं बना है, जिससे वो इलाज करा सकें।

वहीं, इसको लेकर जब नगर आयुक्त निखिल फुंडे से बात की तो उन्होंने बताया कि राधेश्याम के पैर में दिक्कत है। हमने अगले दिन ही सीएम ऑफिस से राधेश्याम की जांच करवाई, लेकिन दिव्यांगता का ज्यादा प्रतिशत नहीं है। हमारी कोशिश रहेगी राधेश्याम का इलाज हो सके।

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