DESK: राजस्थान में दीवाली पर सिर्फ दो घंटे ही आतिशबाजी कर सकेंगे। राज्य के गृह विभाग ने पिछले साल जारी की गई गाइडलाइंस को ही यथावत रखने का फैसला किया है। पिछले साल जारी गाइड लाइंस के अनुसार प्रदेश के 31 जिलों में केवल दो घंटे ग्रीन आतिशबाजी कर सकेंगे। जबकि दिल्ली एनसीआर में होने की वजह से अलवर और भरतपुर में पटाखों पर पूरी तर से प्रतिबंध रहेगा। जोधपुर में दिवाली के मध्यनजर धारा 144 लगा दी गई है। धारा 144 के जोधपुर पुलिस आयुक्तालय ने आदेश जारी किए है। आयुक्तालय क्षेत्र में धारा 144 प्रभावी रहेगी।
गृह विभाग की गाइड लाइंस के अनुसार इस बार भी इको फ्रेंडली ग्रीन पटाखे और ग्रीन आतिशबाजी की ही अनुमति होगी। ज्यादा शोर करनेवाले और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे नहीं चला सकेंगे। दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही ग्रीन आतिशबाजी कर सकेंगे। रात 8 बजे से पहले और रात 10 बजे बाद किसी तरह की आतिशबाजी और पटाखे चलाने पर रोक रहेगी।प्रदेश के 31 जिलों में इस बार केवल ग्रीन पटाखे, ग्रीन आतिशबाजी बेचने के ही लाइसेंस दिए गए हैं। गृह विभाग ने सभी कलेक्टर और जयपुर-जोधपुर पुलिस कमिश्नर को पटाखों की गाइडलाइन के निर्देश भेज दिए हैं।
बता दें, भरतपुर और अलवर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आते हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार इन जिलों में पटाखों पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। जबकि जोधपुर में दिवाली के मध्यनजर धारा 144 लगा दी गई है। धारा 144 के जोधपुर पुलिस आयुक्तालय ने आदेश जारी किए है। आयुक्तालय क्षेत्र में धारा 144 प्रभावी रहेगी। 20 अक्टूबर से धारा 144 प्रभावी हो गई है। जारी आदेश के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में दीपावली के दौरान ग्रीन पटाखे फोड़ने और असामाजिक तत्वों से खतरे की आशंका है। जोधपुर आयुक्तालाय क्षेत्र में ग्रीन पटाखें छोड़ने की अनुमति होगी। लेकिन ये भी रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ही छोड़े जाएंगे।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिवाली पर मिलावटखोरों पर कड़ी कार्यवाही करेगा। स्वास्थ्य विभाग ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान प्रदेश भर में चला रखा है। मिठाइयों और मावा में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में मावा नष्ट किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने अधिकारियों को मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है।