बालाकोट एयरस्ट्राइकः घर में घुसकर भारतीय वायुसेना ने दिया था पाक के आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्ली। 26 फरवरी का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास और गर्व का दिन है। इस दिन को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसी दिन साल 2019 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने पर ताबड़तोड़ बमबारी की थी। अचनाक हुए इस हमले से न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया हैरान थी। किसी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारतीय सेना इस तरह से कार्रवाई करेगी।

इस दिन को याद रखने की सिर्फ एक ही वजह नहीं है, बल्कि इसकी एक और वजह ये है कि 1971 के बाद पाकिस्तान पर ये पहली एयरस्ट्राइक की गई थी। इस दिन को याद रखने का एक कारण ये भी है कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की पाकिस्तान से सकुशल वापसी भी है। ये वापसी इतनी आसान नहीं थी जितनी पाकिस्तान ने दिखाई थी। बल्कि उनकी ये वापसी पाकिस्तान के उस डर का भी परिणाम है जो उन्हें भारत से लगने लगा था।

पाकिस्तान ने देखी थी भारत की ताकत

बहराल, बालाकोट एयरस्‍ट्राइक की पटकथा 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिखी गई थी। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा की सड़क पर खून और जवानों के शरीर के क्षत-विक्षत शव नजर आ रहे थे। भारतीय जवानों का गुस्‍सा उबाल पर था। देश की आम जनता चाहती थी कि इस हमले को अंजाम देने वाले जैश ए मोहम्‍मद के आतंकियों पर इससे भी कहीं जबरदस्‍त हमला कर करारा जवाब दिया जाए। पाकिस्‍तान भी कहीं न कहीं इस बात को जान चुका था कि भातर इस हमले के बाद चुप नहीं बैठने वाला है। यही वजह थी कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टीवी पर प्रसारित एक संदेश में दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की कि इस हमले में पाकिस्‍ताना या पाकिस्‍तान में बैठे किसी भी इंसान का कोई हाथ नहीं है। इस प्रसारण में उन्‍होंने एक बार फिर से आतंकियों को शहीद बताते हुए भारत को भड़का दिया था।
ऐसे तैयार हुआ था एयरस्ट्राइक का प्लान!

वहीं पुलवामा हमले के बाद सरकार की हलचलें तेज हो गई थीं। बैठकों का दौर चल रहा था। सरकार की मंशा बेहद साफ थी कि हर हाल में पाकिस्‍तान से बदला लेना है। सेना के अधिकारियों के बीच हुई उच्‍चस्‍तरीय बैठक के बाद बालाकोट एयरस्‍ट्राइक का खाका खींचा गया। थल सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख ने साफ कर दिया था कि पाकिस्‍तान को इसकी बड़ी कीमत अदा करनी होगी। इस बार जगह और समय का चयन हम करेंगे। बालाकोट खैबर-पख्‍तूंख्‍वां में आता है। पहाड़ी और पेड़ों से घिरा ये इलाका आतंकियों की ट्रेनिंग का एक बड़ा अड्डा है। यहां पर सिर्फ जैश ही नहीं बल्कि अन्‍य आतंकी संगठनों के आतंकियों को तरह-तरह की ट्रेनिंग दी जाती है और फिर इन्‍हें भारत में हमले के लिए भेजा जाता है। भारत और पाकिस्‍तान के बीच कई जगहों पर फेंसिंग नहीं है बल्कि प्राकृतिक चीजों के आधार पर सीमा निर्धारित है। इसका फायदा ये आतंकी कभी-कभी उठाने में सफल हो जाते हैं। इसलिए ही बालाकोट में एयरस्‍ट्राइक करने पर मुहर लगी थी। यहां पर हमला कर भारत साफ संदेश भी देना चाहता था कि वो आतंकियों को उनके ही घर में घुसकर मार सकता है।

अभिनंदन से सच उगलवाना चाहती थी पाक आर्मी

26 फरवरी 2019 की सुबह भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इजरायली बम स्‍पाइक का इस्‍तेमाल किया और बालाकोट में जबरदस्‍त बमबारी की। भारतीय सेना की तरफ से इसकी जानकारी देते हुए कहा गया कि इसमें विमानों ने काफी बड़ी संख्‍या में आतंकियों के ठिकानों को नष्‍ट कर किया। साथ ही ये भी बताया गया कि इस एयरस्‍ट्राइक में कई आतंकियों को मार गिराया गया। इस एयरस्‍ट्राइक में शामिल विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्‍तान के एक फाइटर जेट एफ-16 को भी मार गिराया था। लेकिन बाद में किसी वजह से उनका विमान क्रैश हो गया और उन्‍हें विमान से इजेक्‍ट होना पड़ा था। जमीन पर उनका सामना पाकिस्‍तान के गांववालों से हुआ। उन्‍हें बाद में पाकिस्‍तान आर्मी ने गिरफ्तार किया और अपने साथ बेस कैंप ले गए। वहां पर उन्होंने अभिनंदन के पाकिस्‍तान में घुसने का मकसद जानना चाहा लेकिन उन्‍होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था। पाकिस्‍तान की सेना और उनके जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में आया था।

विंग कमांडर अभिनंदन करीब 60 घंटे पाकिस्‍तान की हिरासत में रहे और बाद में उन्‍हें सकुशल रिहा करना पड़ा। पाकिस्‍तान जानता था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उसको कितना भयानक अंजाम भुगतना होगा। अपनी लाज बचाने के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सदन में बयान दिया कि वो अभिनंदन को इसलिए रिहा कर रहे हैं जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक खराब न हो सकें।

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