किसकी होगी शिवसेना, किसे मिलेगा ‘धनुष-बाण’ सबसे बड़ा सवाल? ,एकनाथ शिंदे या उद्धव ठाकरे…
56 साल पहले 19 जून 1966 को मुंबई में स्थापित हुई बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना आज जून महीने में ही बिखर गई...

DESK : 56 साल पहले 19 जून 1966 को मुंबई में स्थापित हुई बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना आज जून महीने में ही बिखर गई। पार्टी दो टुकड़ों में बंट गई। शिवसेना से बगावत कर नया गुट तैयार करने वाले एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए। लिहाजा, अब शिवसेना पार्टी किसकी होगी और किसे मिलेगा पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण इसे लेकर शिंदे और ठाकरे परिवार के बीच बड़े स्तर पर जंग होना तय है।
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एकनाथ शिंदे ने नया मुख्य सचेतक भरत गोगावले को नियुक्त कर पहले ही साफ कर दिया है कि असली शिवसेना तो उनके पास है। बुधवार की रात इस्तीफा देने के साथ उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवसेना उनकी है और उसे कोई नहीं छीन सकता। लेकिन एकनाथ शिंदे के बयानों ने साफ कर दिया है कि वे पीछे नहीं हटने वाले। शिवसेना तो उनके साथ है और शिवसैनिक भी उनके साथ हैं।
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इससे आभास हो रहा है कि आने वाले दिनों में शिवसेना किसकी होगी, इस पर विवाद छिड़ेगा। पार्टी और पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर शिंदे और ठाकरे परिवार आमने-सामने होंगे। मामला चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट-कचहरी में जाने से इंकार नहीं किया जा सकता। गौर हो कि चुनाव आयोग किसी भी पार्टी को मान्यता देने और चुनाव चिन्ह आबंटित करने का काम 1968 के चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आबंटन) आदेश के तहत करता है।