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असदुद्दीन ओवैसी के लिए यूपी से बुरी खबर, AIMIM नेता आज देंगे सामूहिक इस्‍तीफा; नाराजगी का कनेक्‍शन…

DESK : एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के लिए यूपी के प्रयागराज से बुरी खबर है। वहां जिला और महानगर कमेटी ने आज सामूहिक इस्‍तीफा देने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि अटाला प्रकरण में एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष मो. शाह आलम के आरोपी बनने के बाद प्रदेश और राष्‍ट्रीय स्‍तर के पार्टी पदाधिकारियों की खामोशी के खिलाफ यह ऐलान हुआ है।

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उन्‍हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया। वारसी के मुताबिक शाह आलम हमेशा से शांति और सौहार्द के लिए लोगों से अपील करते आए हैं। प्रयागराज जिलाध्‍यक्ष को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों की चुप्‍पी के खिलाफ पदाधिकारियों में आक्रोश है। इसी क्रम में जिला और महानगर के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्‍तीफा देने का फैसला किया है।

बताया जा रहा है कि आज शाम 4 बजे दोनों कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ करीब ढाई-तीन सौ लोग दाराशाह अजमल स्थित नगर कार्यालय में सामूहिक इस्‍तीफा देंगे। हालांकि पार्टी की महानगर इकाई के एक पदाधिकारी ने कहा कि अभी भी उन्‍हें उम्‍मीद है कि राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पूरे मामले का संज्ञान लेंगे। बता दें कि एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम पर आटाला हिंसा में भूमिका होने का आरोप है। हाल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था।

Madhya Pradesh के समाचार | BJP के महापौर प्रत्याशी का विवादित बयान | Aaryaa News

AIMIM प्रमुख औवैसी का उत्तर प्रदेश दौरा आज, बहराइच में करेंगे पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगातार हमला बोलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में उतारने की तैयारी में लगे असदुद्दीन ओवैसी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमौसी पर लैंड करने के बाद ओवैसी का बहराइच जाने का कार्यक्रम है।

बहराइच जाने से पहले ओवैसी लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर से भेंट करेंगे। वह उत्तर प्रदेश में राजभर की पार्टी के साथ पहले ही गठबंधन की घोषणा भी कर चुके हैं। बिहार के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने वाली एआइएमआइएम अब उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्र में सौ सीट पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को बहराइच जाकर करीब दो बजे

के कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम ने पूर्व और पश्चिम के दो अलग-अलग जिलों में कैम्प कार्यालय बनाकर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारी की योजना बनाई है। इन्होंने उत्तर प्रदेश का विधानसभा युद्ध को जीतने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। इनकी पार्टी का पहला कैम्प कार्यालय बहराइच के नानपारा में स्थापित हो रहा है। जिसका ओवैसी उद्घाटन करेंगे। यहां पर उनके स्वागत के लिए प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली बहराइच पहुंचे हैं। पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बहराइच के इस कार्यालय से पूर्वी उत्तर प्रदेश की काफी मुस्लिम बाहुल्य सीटों के लिए रणनीति बनाएंगे। बहराइच के कार्यालय की कमान एआईएमआईएम के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के हाथ में होगी। इस कार्यालय से पूर्व उत्तर प्रदेश के 27 जिलों पर नजर रखी जाएगी। पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद में पार्टी का कैम्प कार्यालय स्थापित किया जाएगा। ओवैसी की पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य वाले जिलों पर है। जहां पर मुस्लिम बाहुल्य आबादी है, वहां ओवैसी की पार्टी अपनी पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव लडऩे जा रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद पश्चिम बंगाल में भी प्रत्याशी उतारने वाली ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने उत्तरप्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सौ सीटों पर चुनाव लडऩे की घोषणा कर रखी है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं छोटी पाॢटयों के गठबंधन भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में नमाज पढ़ना हराम है- असद्दीन ओवैसी, इस्लामिक उलेमाओं ने बताया हराम

नई दिल्ली। अपने विवादों के चलते चर्चा का विषय बने रहने वाले AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बनने वाली मस्जिद पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या की मस्जिद ‘मस्जिद-ए-जारीर’ है और उसमें नमाज पढ़ना हराम है।

ओवैसी के इस बयान पर सुन्नी वक्फ़ बोर्ड द्वारा गठित न्यास, इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन (IICF) के सचिव अतहर हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ओवैसी का बयान उनके राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए अतहर हुसैन ने कहा, “उस ज़मीन का कोई भी टुकड़ा ‘हराम’ नहीं हो सकता है, जिस पर नमाज़ पढ़ी जाती है। ओवैसी एक हैदराबादी राजनेता हैं और उनका बयान राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित है। ओवैसी एक ऐसे इलाके से आते हैं, जिन्होंने न तो आज़ादी की पहली लड़ाई का संघर्ष झेला और न ही उसकी विडंबना महसूस की।”

अतहर हुसैन ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि ऐसा हो सकता है कि ओवैसी के पूर्वजों ने अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया हो। लेकिन अपनी बात करते हुए वो बताते हैं कि वो अवध क्षेत्र से आते हैं, जिस क्षेत्र के लोगों ने उस लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा, “हम अयोध्या में स्थित IICF केंद्र को महानतम स्वतंत्र सेनानियों में एक अहमदुल्लाह शाह के लिए समर्पित कर रहे हैं। क्या शहीद अहमदुल्लाह की स्मृति में IICF केंद्र का नामकरण करना भी ‘हराम’ है?”

अतहर हुसैन के मुताबिक़ ऐसी जगह जहां ‘सजदा’ किया जाता है, वह हराम नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वहीं पर शुरू किया जाने वाला चैरिटी अस्पताल, जो सैकड़ों-हज़ारों लोगों का मुफ़्त इलाज करेगा, वह ‘हराम’ नहीं हो सकता है।

ओवैसी पर निशाना साधते हुए अतहर हुसैन ने कहा कि उन्हें अपने बयान पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें अपना संकुचित राजनीतिक एजेंडा एक तरफ रखना होगा। आखिर एक राजनेता इंसानियत के लिए होने वाले इतने बड़े प्रयास को हराम कैसे कह सकता है।

दरअसल हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीदर की एक जनसभा में कहा था, “यह मस्जिद मुनाफ़िकों की मस्जिद है। इस मस्जिद में न केवल चंदा देना बल्कि नमाज़ पढ़ना भी हराम है। इस्लाम के सभी फ़िरकों के उलेमाओं ने इस मस्जिद में नमाज़ पढ़ने को हराम क़रार दिया है।”

एआईएमआईएम द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा था, “मुनाफ़िकों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीक़त में वह मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ है। मुहम्मदुर रसूलुल्लाह के ज़माने में मुनाफ़िकों ने मुसलमान की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी। हकीकत में उसका मकसद उस मस्जिद में नबी का खात्मा और इस्लाम को नुकसान पहुँचाना था (कुरान में उसे मस्जिद-ए-ज़ीरार कहा गया है)। ऐसी में मस्जिद में नमाज़ पढ़ना या चंदा देना हराम है।”