Tag Archives: Arvind Kejriwal

ऑनलाइन सोफा बेच रहीं थीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी, हो गई 34 हजार की ठगी

दिल्ली।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता से एक शख्स ने 34,000 रुपये की ठगी की है। हर्षिता ने एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सोफा बेचने के लिए सूचनाएं दी थी और व्यक्ति ने खुद को खरीदार बताकर उनके साथ ठगी की। पुलिस के मुताबिक, इस मामले में रविवार को पुलिस को सूचना मिलने के बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत उत्तरी जिले के सिविल लाइंस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस के मुताबिक मुख्यमंत्री केजरीवाल की बेटी ने एक सोफा बेचने के लिए सूचनाएं ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर दी थी। व्यक्ति ने खरीदारी में रुचि दिखाते हुए उनसे संपर्क किया। अकाउंट सही होने के नाम पर उसने हर्षिता के खाते में छोटी रकम ट्रांसफर की। इसके बाद व्यक्ति ने उनको एक क्यूआर कोड भेजा और उनसे स्कैन करने को कहा ताकि तय रकम उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाए। लेकिन, ऐसा करने पर हर्षिता के खाते से 20 हजार रुपये कट गए।

इसके बाद जब हर्षिता ने व्यक्ति से इसकी शिकायत की तो उसने कहा कि गलती से ऐसा हुआ। फिर से ऐसी ही प्रक्रिया करने पर हर्षिता के खाते से 14 हजार रुपये कट गए। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘मिली शिकायत के आधार पर हमने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। जांच शुरू कर दी गई है और हम आरोपी का पता लगा रहे हैं।

…तो अरविंद केजरीवाल ने इसलिए दिल्ली पुलिस से वापस मांगी DTC की बसें !

नई दिल्ली।  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं DTC बसों को तुरंत डिपो में लौटने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि DTC की तकरीबन 10% बस दिल्ली पुलिस की सेवा में हैं जबकि दिल्ली की बसों में अब भी कोरोना की वजह से स्टैंडिंग अलाउड नहीं है। इसलिए अब दिल्ली पुलिस को बस देना मुमकिन नहीं है।

वहीं, दिल्ली सरकार के इस फैसले पर अब बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक तानाशाही रवैया दिखाया है,  वे अराजक थे और आज भी अराजक के रूप में व्यव्हार कर रहे हैं। डीटीसी बस किसलिए है, दिल्ली के जवानों को आवागमन के लिए जिस जगह सुरक्षा की आवश्यकता होती है वहां ट्रांसपोर्ट करके दिल्ली के जवानों को पहुंचाया जाता है।

सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली के निवासी नहीं है क्या, वे दिल्ली के नागरिकों के लिए काम नहीं करते है, क्या संसाधन उनके लिए नहीं हैं क्या? पुलिस वालों ने लाठी खाईं, तलवार खाईं, 400 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं लेकिन केजरीवाल को उनकी फिक्र नहीं। इससे पता चलता है केजरीवाल कितने आराजक हैं।

 

 

दिल्ली वालों के लिए खुशखबरी : अब शादी में बुलाएं दिल खोलकर मेहमान

नई दिल्ली।   कोरोना के कम होते आंकड़े को देख केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लोगों को राहत दी है। सरकार दिशा-निर्देश जारी कर शादियों और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में अधिकतम लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर दी है।

दिल्ली सरकार के अनुसार बंद जगह पर आयोजित होने वाले सामाजिक, धार्मिक, खेल मनोरंजन, सांस्कृतिक, शादी या अंतिम संस्कार में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं। इसके अलाव अगर ऐसे कार्यक्रम किसी खुली जगह पर आयोजित किए जा रहे हैं तो कार्यक्रम में शामिल होने वाले अधिकतम लोगों की संख्या की कोई सीमा नहीं है।

इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कई और नियमों में भी बदलाव किए हैं। दिल्ली में अब सभी सिनेमा हॉल पूरी लिमिट के साथ खुल सकते हैं। इसके अलावा स्वीमिंग पूल और स्टेडियम खोलने की भी इजाजत दे दी गई है। इतना ही नहीं, दिल्ली में अब मेलों और प्रदर्शन को भी मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, इन सभी कार्यक्रमों में मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। बीमार लोगों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने बताया सच, कहा- दिल्ली दंगे के आरोपियों को बचा रही है केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली। साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दंगे के एक आरोपित को इसलिए जमानत मिल पाई क्योंकि सरकारी वकील ने हाईकोर्ट के सामने मामले से जुड़ी जानकारी छुपाई। बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सरकारी वकील को जानकारी थी कि केंद्र सरकार ने दिल्ली दंगों के लिए विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया है।

फिर भी जब आरोपित इलियास की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी तब उसने जाँच एजेंसियों को इस बारे में सूचित नहीं किया। 25 अगस्त 2020 के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए ASG विक्रमजीत ने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील ने पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं दी जो कि हाईकोर्ट से जुड़े हुए थे। इसके विपरीत उन्होंने झूठा बयान दिया कि वह इस बारे में डिप्टी कमिश्नर को जानकारी दे चुका है। हाईकोर्ट ने विशेष सरकारी वकील को नोटिस भेजे बिना ही आरोपित को जमानत दे दी।

अपनी याचिका में दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के वकील ने खुफ़िया एजेंसियों को धोखे में रखा और सही जानकारी को रोके रखा। इतना ही नहीं उन्होंने आधिकारिक अनुमति के बगैर इस प्रकरण में दखल दिया और ऐसे बयान दिए जिसकी वजह से आरोपित के पक्ष में जमानत आदेश जारी किया गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ यह इकलौता मामला नहीं है और दिल्ली सरकार के इसी वकील का अन्य मामलों में भी ऐसा ही रवैया था। जिसमें इसने न तो विशेष सरकारी वकील को कोई जानकारी दी और न ही हाईकोर्ट में मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को।

इसके बाद विक्रमजीत बनर्जी ने दो पुलिसकर्मियों का निजी हलफ़नामा जमा किया, जिसमें लिखा था कि उन्हें इलियास की जमानत याचिका पर सुनवाई की जानकारी नहीं थी। इलियास पर हत्या का प्रयास, दंगा भड़काना, आगजनी जैसे मामलों के तहत दयालपुर पुलिस थाने में एफ़आईआर दर्ज है। हाईकोर्ट के आदेश को ‘विचित्र’ बताते हुए बनर्जी ने कहा कि आदेश के आधार पर कहा जा सकता है कि न तो इलियास की चार्जशीट का संज्ञान लिया गया और न ही उसके खिलाफ़ मौजूद तमाम सबूतों पर गौर किया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ASG विक्रमजीत से कहा कि दिल्ली पुलिस के लिए सही यही होगा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट को अपने आदेश की समीक्षा के लिए राज़ी करें।