Tag Archives: bsp mayawati

बरसाती मेढकों से नहीं बढ़ेगा जनाधार-बसपा मुखिया मायावती का इशारों में ?

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमला करने के साथ सलाह भी दे रहे हैं। इसी बीच में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले निलंबित विधायकों को बरसाती मेढक बताया।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

बसपा मुखिया मायावती ने रविवार को दो ट्वीट में सलाह देने के साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को आगाह भी किया। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा आम चुनाव नजदीक आने पर अब फिर से आए दिन दलबदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढऩे वाला नहीं है बल्कि इससे उन्हें हानि ही होगी। उन्होंने कहा कि बीएसपी के लोग ऐसे बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखेंगे।मायावती ने कहा कि केवल दलबदलू ही नहीं बल्कि बरसाती मेंढकों की तरह अनेकों ऐसी पार्टियों के नाम भी लोगों को सुनने को मिल रहे हैं जिनके नाम अब तक देखने-सुनने को नहीं मिले थे। उन्होंने कहा कि सत्ता लोलुपता के ऐसे खेल को जनता खूब समझती है व इससे उनपर कोई प्रभाव नहीं पडऩे वाला है। परिवर्तन अटल है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

बसपा अध्यक्ष मायावती ने इशारों में पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि दलबदलू लोगों को शामिल कर लेने से पार्टी का जनाधार नहीं बढऩे वाला है। बसपा के लोग ऐसे बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें। शनिवार को बसपा के छह विधायकों ने सपा का दामन थामा है। अखिलेश यादव ने बसपा छह विधायकों को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।

सर्वे के बहकावे में नहीं आने वाले ,बीएसपी के लोग (नेता कार्यकर्ता व समर्थक) इस प्रकार के षडय़ंत्रों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं-मायावती

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बेहद मजबूत बताया है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कल एक हिन्दी न्यूज चैनल के उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मत प्रतिशत को पहले से भी अधिक बढ़ाकर दिखाने पर शनिवार को मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी।बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इससे इनका खास मकसद भाजपा को मजबूत दिखाते रहने से ज़्यादा बसपा के लोगों का मनोबल गिराना ही लगता है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

उन्होंने कहा कि इनको मालूम होना चाहिए कि बीएसपी के लोग (नेता, कार्यकर्ता व समर्थक) इस प्रकार के षडय़ंत्रों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वह लोग इस सर्वे के बहकावे में नहीं आने वाले हैं।मायावती ने कहा कि कल मीडिया के एक हिंदी न्यूज चैनल ने प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का वोट प्रतिशत पिछली बार की अपेक्षा 40 प्रतिशत से भी अधिक दिखाने का प्री-पोल सर्वे प्रायोजित लगता है। उन्होंने कहा कि यह प्री-पोल सर्वे लोगों को हवा हवाई, शरारतपूर्ण और भ्रमित करने वाला ही ज्यादा लगता है

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के हर सकारात्मक कार्य में उनके साथ

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के हर सकारात्मक कार्य में उनके साथ हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ओबीसी की जातिवार जनगणना की मांग को लेकर शुक्रवार को एक ट्वीट करने के साथ ही केंद्र सरकार के हर सकारात्मक कदम पर साथ देने की बात की।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने इस बयान को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने देश में ओबीसी की अलग से जनगणना की मांग की। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाए तो हम साथ हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कदम उठाएगी तो बसपा समर्थन करेगी। मायावती ने ओबीसी की अलग जनगणना की मांग करने के साथ कहा कि अगर सरकार कदम बढ़ाती है तो सरकार का समर्थन करूंगी। मायावती ने देश में जातिगत आधारित जनगणना की मांग के बीच ओबीसी की अलग जनगणना की मांग की है। मायावती ने शुक्रवार को कहा कि देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग पर केंद्र सरकार अगर कोईसकारात्मक कदम उठाती है तो बसपा संसद के अन्दर व बाहर भी इसका जरूर समर्थन करेगी।मायावती ने ट्वीट किया कि बसपा तो शुरू से ही देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग करती रही है तथा अभी भी बसपा की यही मांग है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की थी। सीएम नीतीश ने इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है।देश में आखिरी जाति आधारित जनगणना आजादी से पहले 1931 में हुई थी। इसी आंकड़े के आधार पर बताया गया है कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है। जाति के आंकड़ों के बिना काम करने में मंडल आयोग को काफी दिक्कत आई और उसने सिफारिश की थी कि अगली जो भी जनगणना हो उसमें जातियों के आंकड़े इकट्ठा किए जायें।

अब ‘राम-परशुराम’, ब्राह्मणों को रिझाने के लिए अपनाया भगवा-BSP

उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव में इस बार दलित-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे अपनी राजनीति को बचाने की जुगत में लगी रही बहुजन समाज पार्टी ने अब राजनीति का नया रंग दिखाया है। कभी ब्राह्मणों के लिए जहर उगलने के बाद सफल यू-टर्न तो पार्टी 2007 के विधानसभा चुनाव में ही ले चुकी, लेकिन इस प्रबुद्ध वर्ग को रिझाने के लिए राम और परशुराम की चरणवंदना भी की जा रही है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

राजनीति की माया यह भी है कि नीले खेमे ने अयोध्या से ब्राह्मणों को जोडऩे का अभियान शुरू किया तो अपने पोस्टर को भी भगवा रंग में रंग डाला। राम मंदिर आंदोलन के वक्त बसपा के राजनीति पूर्वजों के बोल कतई कसैले थे, जबकि 2007 में ब्राह्मणों के साथ सत्ता का स्वाद चख चुकीं बसपा प्रमुख मायावती मंदिर निर्माण शुरू होने के पहले तक इस मुद्दे पर कुछ कहने से बचते हुए सेक्युलर छवि बचाए रखने की चिंता में डूबी रहीं। इसके पीछे उनकी रणनीति दलित के साथ मुस्लिम को जोड़े रखने की थी। मगर, इधर स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सूबे की राजनीति में अहम भूमिका निभा चुका राम मंदिर अब बन रहा है तो इसका श्रेय भाजपा और उसके विचार परिवार के खाते में ही जाएगा।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

आस्था की यह डोर निस्संदेह हिंदुओं को काफी हद तक एक पाले में बांधने का प्रयास कर सकती है। अब ऐसे में संभवत: बसपा के रणनीतिकारों ने महसूस किया है कि ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचना है तो राम व परशुराम की ‘अग्रपूजा’ जरूरी है। यह प्रयास बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के शुक्रवार को अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी से पहले अधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट कार्यक्रम के पोस्टर में नजर भी आया। पोस्टर में राम मंदिर का माडल, बैकग्राउंड में रामलला के साथ भगवान परशुराम का चित्र है। बसपा मुखिया मायावती का भी फोटो है।खास बात है कि यहां नीले रंग का इस्तेमाल जरूरत भर का है। बाकी पूरे पोस्टर पर भगवा रंग की अधिकता में नजर आ रहा है। इस कदम के लिए बसपा क्यों मजबूर हुई, इसका जवाब भी सतीशचंद मिश्रा के ट्वीट की यह लाइन देती है- ‘सत्ता की चाबी ब्राह्मण 13 फीसद व दलित 23 फीसद के हाथ में है।’ गौरतलब है कि राम की धरा से मुस्लिम मतों की भागीदारी का जिक्र करने से भी परहेज किया गया। अब राजनीति का यह दांव अंतत: क्या रंग दिखाता है, यह 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगे। 

अबBSP पंजाब में अपनाएगी यूपी का फार्मूला, 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बनाई  रणनीति

बहुजन समाज पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अपना दम दिखाने की तैयारी में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी ने खास रणनीति बनाई है। पार्टी उत्तर प्रदेश के तर्ज पर यहां काम करेगी और सभी वर्गों को साथ लेकर अपना दायरा बढाएगी। इसी रणनीति के तहत अब तक दलित राजनीति में सक्रिय रहने वाली बसपा अब पंजाब में सर्वपार्टी सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्व धर्म की नीति अपनाने वाली बसपा पंजाब में भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी। इसे लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा को ब्राह्मण समाज से संपर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर ¨सह गढ़ी ने कहा कि जो नीति उत्तर प्रदेश में अपनाई जा रही है वही पंजाब में भी लागू होगी। बसपा समाज के हरेक वर्ग को साथ में लेकर सर्व धर्म की बात करती है। अगर अभी की बात करें तो जनरल सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों की लिस्ट काफी लंबी है।कभी दलित राजनीति तक सीमित रहने वाली बसपा पिछले 20 साल से पंजाब की राजनीति में अपना दम नहीं दिखा पाई है। बसपा ने 1992 में नौ सीटें जीत कर सबको चौंका दिया था। उस समय शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था और कांग्रेस ने सबसे अधिक 87 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

इसके बाद 1997 में बसपा फिर एक सीट पर सिमट गई। पिछले चार विधानसभा चुनाव में बसपा खाता भी नहीं खोल पाई। 20 वर्षों में पंजाब में बसपा की छवि वोट कटुआ के रूप में बनी रही, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर अकाली दल से समझौता होने के बाद पार्टी में एक बार फिर से नया उत्साह देखने को मिल रहा है।शिरोमणि अकाली दल के साथ हुए समझौते के बाद बसपा को 20 सीटें मिली हैं। इनमें जालंधर नार्थ, होशियारपुर, उड़मुड़, दसूहा, नवांशहर, लुधियाना (नार्थ), पठानकोट, सुजानपुर, श्री आनंदपुर साहिब, अमृतसर (नार्थ), अमृतसर (सेंट्रल) और एसएएस नगर (मोहाली) 12 जनरल सीटें भी शामिल हैं।

ब्राह्मणों को फ्रंट पर लाकर अपने परंपरागत वोट बैंक की मदद से सत्ता पर काबिज होने की तैयारी-BSP

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है। इसी क्रम में पहला ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई को अयोध्या में होगा। बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी है। बसपा मुखिया मायावती के आवास पर बीते शुक्रवार को बसपा से जुड़े प्रदेश भर से दो सौ से अधिक ब्राह्मण नेता एकत्र हुए थे। इसके बाद ही प्रदेश भर में ब्राह्मण सम्मेलन कराने का फैसला किया गया। बसपा एक बार फिर से 2007 विधानसभा चुनाव की तरह ही ब्राह्मणों को फ्रंट पर लाकर अपने परंपरागत वोट बैंक की मदद से सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में है।सतीश चंद्र मिश्रा 23 जुलाई को अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को जोड़ने की कवायद शुरू करेंगे। पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन होंगे।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पर काबिज भाजपा के साथ अन्य दल भी जोरदार तैयारी में जुटे हैं। अपने परंपरागत वोट बैंक को सहेजने के साथ ही दल अन्य वोट पर भी निगाह गड़ा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है। बसपा का लक्ष्य सर्वसमाज के प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इसी को लेकर पार्टी जातीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसकी शुरुआत ब्राह्मण सम्मेलन से होगी।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में जिलेवार यह सम्मेलन किए जाएंगे। बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 मायाके चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा। बीएसपी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है। मायावती अब दलित ब्राह्मण ओबीसी इस फॉर्मूले के साथ 2022 चुनाव में उतरेंगी।उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए संगठन को दुरुस्त करने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर मुख्य सेक्टर प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए पिछले दिनों मुख्य सेक्टर प्रभारियों को सौंपे गए दायित्व में एक बार फिर बदलाव करते हुए नए सिरे से जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. अशोक सिद्धार्थ और डा. विजय प्रताप गौतम को कई मंडलों का दायित्व दिया गया है। कानपुर मंडल से जहां अशोक सिद्धार्थ को प्रयागराज में लगाया गया है, वहीं प्रयागराज से भीमराव अंबेडकर को हटाकर कानपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से 

अशोक सिद्धार्थ लखनऊ मंडल का काम भी मुनकाद अली व रामजी गौतम के साथ देखते रहेंगे। प्रयागराज में डा. सिद्धार्थ के साथ डा. विजय प्रताप, अशोक कुमार गौतम, अमरेंदर पासी, राजू गौतम, दीपचंद्र गौतम को भी लगाया गया है। कानपुर मंडल में भीमराव के साथ हेमंत प्रताप व नौशाद अली रहेंगे। मिर्जापुर मंडल में डा. विजय प्रताप के साथ अशोक गौतम, बी सागर व राज नरायण निराला तथा वाराणसी मंडल में डा. विजय प्रताप गौतम के साथ रामचंद्र गौतम, अमरजीत व इंदल राम को लगाया गया है। 

बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा-सतीश चंद्र मिश्र हैं आयोजक

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पर काबिज भाजपा के साथ अन्य दल भी जोरदार तैयारी में जुटे हैं। अपने परंपरागत वोट बैंक को सहेजने के साथ ही दल अन्य वोट पर भी निगाह गड़ा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है। बसपा का लक्ष्य सर्वसमाज के प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इसी को लेकर पार्टी जातीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसकी शुरुआत ब्राह्मण सम्मेलन से होगी।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है। इसी क्रम में पहला ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई को अयोध्या में होगा। बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी है। बसपा मुखिया मायावती के आवास पर बीते शुक्रवार को बसपा से जुड़े प्रदेश भर से दो सौ से अधिक ब्राह्मण नेता एकत्र हुए थे। इसके बाद ही प्रदेश भर में ब्राह्मण सम्मेलन कराने का फैसला किया गया। बसपा एक बार फिर से 2007 विधानसभा चुनाव की तरह ही ब्राह्मणों को फ्रंट पर लाकर अपने परंपरागत वोट बैंक की मदद से सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में है।सतीश चंद्र मिश्रा 23 जुलाई को अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को जोड़ने की कवायद शुरू करेंगे। पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन होंगे।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में जिलेवार यह सम्मेलन किए जाएंगे। बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा। बीएसपी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है। मायावती अब दलित ब्राह्मण ओबीसी इस फॉर्मूले के साथ 2022 चुनाव में उतरेंगी।उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए संगठन को दुरुस्त करने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर मुख्य सेक्टर प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए पिछले दिनों मुख्य सेक्टर प्रभारियों को सौंपे गए दायित्व में एक बार फिर बदलाव करते हुए नए सिरे से जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. अशोक सिद्धार्थ और डा. विजय प्रताप गौतम को कई मंडलों का दायित्व दिया गया है। कानपुर मंडल से जहां अशोक सिद्धार्थ को प्रयागराज में लगाया गया है, वहीं प्रयागराज से भीमराव अंबेडकर को हटाकर कानपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

अशोक सिद्धार्थ लखनऊ मंडल का काम भी मुनकाद अली व रामजी गौतम के साथ देखते रहेंगे। प्रयागराज में डा. सिद्धार्थ के साथ डा. विजय प्रताप, अशोक कुमार गौतम, अमरेंदर पासी, राजू गौतम, दीपचंद्र गौतम को भी लगाया गया है। कानपुर मंडल में भीमराव के साथ हेमंत प्रताप व नौशाद अली रहेंगे। मिर्जापुर मंडल में डा. विजय प्रताप के साथ अशोक गौतम, बी सागर व राज नरायण निराला तथा वाराणसी मंडल में डा. विजय प्रताप गौतम के साथ रामचंद्र गौतम, अमरजीत व इंदल राम को लगाया गया है।

पंचायत चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा भाजपा पर-मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार से तुलने करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में जिस प्रकार से अपराध बढ़े हैं उससे साबित हो गया है कि यहां पूरी तरह से जंगलराज है। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनाव में सपा की तरह भाजपा ने भी सत्ता का दुरुपयोग करते हुए धनबल और बाहुबल के दम पर अधिक सीटें जीतने का दावा किया। सरकार का यह कार्य अतिनिंदनीय और लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de… लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या सपा की और वर्तमान में भाजपा की हो, इनकी लोकतंत्र विरोधी सोच से साबित हो गया है कि कानून का राज स्थापित करने में इन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है। ‘सइयां भये कोतवाल तो डर काहे का’ मुहावरे को सही साबित करते हुए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में जिस प्रकार से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हुआ वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुंचाने वाला है। इसके बावजूद सरका का जीत का दावा और जश्न मनाना जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि प्रदेश में पिछले कई वर्षों से अराजकता का माहौल है। गरीब, किसान और व्यापारियों के साथ दलितों, पिछड़ों और मुस्लिम समाज के लोगों पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई अब आम बात हो गई है। पंचायत चुनाव के दौरान भी यही माहौल देखने को मिला। ऐसी स्थिति को पहले से भांप कर ही बहुजन समाज पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया। चुनाव के दौरान हुईं घटनाओं को देखते हुए यह फैसला सही साबित हुआ है। पंचायत के आम चुनाव में, जिसमें जनता सीधे वोट देती है, बसपा का प्रदर्शन सभी को चौंकाने वाला रहा।

मायावती बोलीं- अगर मामला आतंकी साजिश है तो हो उचित कार्रवाई

राजधानी लखनऊ में रविवार को उत्तर प्रदेश एटीएस के एक ऑपरेशन में अलकायदा से जुड़े दो आतंकियों को पकड़े जाने के बाद राजनीति दल भी अपनी प्रतिक्रिया देन लगे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को जहां उत्तर प्रदेश पुलिस व भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा ही नहीं हैं, तो दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सधी चाल चली है।

मायावती ने अलकायदा से जुड़े दो आतंकियों के पकड़े जाने पर दो ट्वीट में प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने साफ कहा कि अगर उत्तर प्रदेश पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भण्डाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है। इस मामले में कठोर तथा उचित कार्रवाई होनी चाहिए। इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सात ही कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही। यह तो वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं। अत: सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े।

 *एलाऊ पंचायत घर पर हुआ पौधारोपण*पौधारोपण के लिए समाजसेवी,ग्रामीण व समूह की महिलाओ मे उत्साह दिखा

*एलाऊ पंचायत घर पर हुआ पौधारोपण*

ग्रामीणों ने किया  विकासखंड जागीर क्षेत्र के ग्राम पंचायत एलाऊ के पंचायत घर पर वृक्षारोपण | बुधवार को 12:00 बजे ग्राम पंचायत एलाऊ स्थित पंचायत घर परिसर में ग्राम प्रधान विपिन पाल ने पौधारोपण कार्यक्रम की शुरुआत कराई | पंचायत घर के बाहर समूह की महिलाओ व ग्रामीणों का हुजूम जुड़ गया | पौधारोपण के लिए समाजसेवी,ग्रामीण व समूह की महिलाओ मे उत्साह दिखा |

पंचायत घर परिसर में अशोक,शहतूत,जामुन,गोल्ड मोहर,केशिया के 50 पौधे रोपित किए गए | मौजूद सभी ग्रामीणों ने पौधारोपण कार्यक्रम में शपथ ली और कहां हम सभी ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने को लोगों को प्रेरित करेंगे और वृक्षों की देखभाल करने की सभी ने शपथ ली | ग्राम प्रधान विपिन पाल ने बताया मैं अपनी ग्राम पंचायत में धरा के श्रृंगार के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण कराऊंगा | और कहां वृक्षारोपण ही आने वाले समय में बीमारियों से निजात दिलाएगा |

समाजसेवी ज्ञानेंद्र चौहान व अशोक नेता ने बताया वृक्षारोपण से ही वायुमंडल का शुद्धिकरण हो सकेगा और कहां अगर वृक्ष ही नहीं रहेंगे तो आने वाले समय में हमें ऑक्सीजन को लेकर काफी  दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा | इस मौके पर सुनील चौहान,,संतोष पाल,,ऋषि पाल,,सुनील पाल,,शिवम राठौर,,अवधेश कठेरिया,,अवनीश पाल,,रेखा देवी,,सुनीता,,विमला कुमारी आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे |

संवाददाता –  राजनारायण सिंह चौहान
स्थान – मैनपुरी
Exit mobile version