BIHAR DESK: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बवाल मचा है. बीजेपी कार्रवाई की मांग कर रही है साथ ही इस्तीफा भी मांगा जा रहा है. शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर सीएम नीतीश कुमार से सवाल किया गया. वे समाधाना यात्रा के तहत गुरुवार को दरभंगा में थे.
दरअसल, नीतीश कुमार जब दरभंगा में अपनी यात्रा के दौरान लोगों से मिलजुल रहे थे तो इस दौरान मीडिया ने शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर सवाल किया. पूछा गया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमको पता नहीं है. हम देखे नहीं हैं. हम पूछ लेंगे उनसे. इतना कहते हुए नीतीश कुमार ने बाकी सवालों को छोड़ दिया.
चंद्रशेखर ने क्या कहा था?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है कि हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को मनुस्मृति की तरह जलाया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में जाति विभाजन को बढ़ावा देता है. उन्होंने पटना में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान यह टिप्पणी की.
उन्होंने दावा किया कि रामचरितमानस के श्लोक ‘अधम जाति में विद्या पाये, भयातु यथा दूध पिलाये’ का अर्थ है ‘निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद ऐसे जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं’. यह कविता का अक्सर जानबूझकर गलत व्याख्या किया गया अनुवाद है, क्योंकि जहरीला शब्द पद्य में दावा के रूप में प्रकट नहीं होता है. तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार दूध पीकर सर्प सुख का अनुभव करता है, उसी प्रकार अपने को अधम जाति बताने वाला वक्ता भी शिक्षा पाकर प्रसन्न होता है.
Desk: बिहार के सीएम नीतीश कुमार का एक बयान बेहद सुर्खियों में है. मीडिया से बात करते हुए बिहार के सीएम नें कहा कि अब हम बीजेपी से अलग है और आगे तेजस्वी यादव को बढ़ावा देना है. बात करने के दौरान वो तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए नजर आ रहे है.
ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि क्या JDU नें अपना नया उत्तराधिकारी ढूंढ लिया है या नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को ही अपना उत्तराधिकारी बनाने का मन बना चुके है. दरअसल तेजस्वी यादव आरजेडी के भी उत्तराधिकारी है. इसी के साथ सीएम नीतीश भी उनको अपने उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे है.
आपको बता दें कि बिहार के कुछ सीटों पर उप चुनाव होने है. ये उप चुनाव तब हो रहे है जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ही है. पहले बीजेपी के साथ सरकार में थे लेकिन अब वो आरजेडी के साथ सरकार में है. एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि अब हम बीजेपी से अलग और भाजपा हम पर कई प्रकार के हमले करने में लगी है.
DESK : बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से अलग-अलग मंत्रियों को लेकर नई-नई बातें सामने आ रही हैं. कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार पर अपहरण का मुकदमा है तो कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर धान चोरी (चावल चोरी) का केस का मामला भी सुर्खियों में आ गया है. हालांकि सुधाकर सिंह अपने ऊपर लगे आरोप को गलत बता रहे हैं. सुधाकर सिंह के मुताबिक; इस मामले को लेकर इन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाते हुए सरकार को धान लेने की अपील कर रहे हैं; मगर तब तो सरकार ले नहीं रही थी और अब चावल चोर बता रही है.
क्या है पूरा मामला- दरअसल, एसएफसी ने साल 2013 में रामगढ़ थाने में गबन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. सुधाकर सिंह पर रामगढ़ थाने में दर्ज कांड संख्या 184/13 के अनुसार; धान मिलिंग के लिए जो मिल रजिस्टर्ड कराया गया था उसमें सोन वैली राइस मिल और सुधाकर राइस मिल शामिल है. एसएफसी कैमूर से मिली जानकारी के मुताबिक सुधाकर राइस मिल सहूका में 365.30 मीट्रिक टन सीएमआर बकाया था; जिसकी कीमत 69 लाख 52 हजार 133 रुपये थी. जिसमें विभाग द्वारा 10 लाख 50 हजार रुपए की रिकवरी की गई और अभी भी उनके ऊपर 59 लाख 2 हजार 133 रुपए का सरकार का बकाया है. इसको लेकर एसएफसी द्वारा 35/2012-13 में नीलाम वाद दायर किया गया था. जिसके बाद रामगढ़ थाना में 184/13 कांड संख्या अंकित किया गया था.
इसी तरह से उनके द्वारा दूसरा फॉर्म रजिस्टर्ड कराया गया जो सोन वैली राइस मिल सहूका के नाम से था. इसमें सीएमआर 2424.91 मीट्रिक टन लौटाना था. जिसकी कीमत चार करोड़ 61 लाख 49 हजार 132 रुपए था. जिसमें प्रशासन 50 लाख 50 हजार रुपए ही रिकवर कर पाई. इसमें भी सरकार का सुधाकर सिंह के सोन वैली राइस मिल सहुका के ऊपर चार करोड़ 10 लाख 99 हजार 132 रुपये बकाया है. इसको लेकर 36/2012-13 में नीलाम पत्र वाद किया गया था और इस मामले में भी रामगढ़ थाने में 184/13 कांड अंकित किया गया था. जिसको लेकर विपक्ष लगातार मोर्चा खोले हुए है.
चावल गबन के आरोपी सुधाकर सिंह जो सोन वैली राइस मिल सहूका और सुधाकर राइस मिल सहूका के प्रोपराइटर हैं. उनको राजद कोटे से कृषि मंत्री बना देने से सियासी गलियारे में चर्चा तेज है. एसएफसी के कैमूर डीएम बताते हैं सत्र 11-12 में कुल 68 प्राथमिकी चावल घोटाले को लेकर जिले के विभिन्न थानों में अलग-अलग लोगों पर दर्ज करायी गयी थी, जिसमें सरकार का लगभग 76 करोड़ रुपए बकाया है. हालांकि अब जब यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आया है; तब सुधाकर सिंह कहते हैं कि वो तो अभी भी पूरी राशि लौटने को तैयार हैं, मगर एफएससी पैसा ले तो.
सावन के महीने में होने वाली कांवड यात्रा को इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार बेहतर ढंग से कराने की योजना तैयार कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को इस बार सफल तथा सुरक्षित बनाने की जोरदार तैयारी की है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रदेश में कांवड़ यात्रा को सफल बनाने का निर्देश दिया है। बीते वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया था। इस बार सरकार बीते वर्ष की कमी को पूरा करने की तैयारी में लगी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आप सभी लोग पड़ोसी राज्यों बिहार तथा उत्तरांचल से संवाद स्थापित करें। जिससे कि कांवड़ यात्रा को सुचारू रूप से चलाया जाए। इस बार कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरु होकर अगस्त के तीसरे हफ्ते तक चलेगी। इसको सफल बनाने की योजना के निर्देश भी जारी किया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में हो रही कांवड़ यात्रा को बिल्कुल सुरक्षित ढंग से कराने की भी योजना को अंतिम रूप दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि कांवड़ यात्रा में बिहार, उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए हर स्तर पर जलाभिषेक की सुरक्षित तथा उत्कृष्ट व्यवस्था करें। पड़ोसी राज्यों से उचित संवाद स्थापित कर कांवड़ यात्रा को पूरा किया जाए। कोविड काल को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा को सुचारू रूप से चलाया जाए। शिवभक्तों की परंपरागत कांवड़ यात्रा 25 से शुरू होगी। सभी कांवड़ मार्ग को दुरुस्त कर लें। रास्ते में शिवभक्तों के रुकने की व्यवस्था के साथ ही इनकी चिकित्सा के इंतजाम को भी परख लें। योगी आदित्यनाथ सरकार हर वर्ष कांवड़ यात्रा के लिए विशेष इंतजाम भी करती रही है। प्रदेश में उनके स्वागत में कई जगह हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा आदि भी की जाती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में स्कूल और कॉलेज को एक हफ्ते और बंद करने का फैसला लिया गया। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर बात हुई। कोरोना वैक्सीनेशन का काम बिहार में तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क लगाना और सैनिटाइडर का उपयोग जरूरी होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से आने वाली सभी ट्रेनों के यात्रियों का स्टेशन पर ही कोविड डांच की जा रही है। जो भी पॉजिटिव पाए जाएंगे उन्हें क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। 30 अप्रैल तक घर की सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम सात बजे तक ही खुलेंगी। हालांकि यह नियम रेस्तरां और होटल पर लागू नहीं है।
बता दें कि बिहार में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार ने 11 अप्रैल तक स्कूल और कॉलेज को बंद करने का आदेश दिया हुआ है। अब इसकी अवधि एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है। यानी अब 18 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इसके अलावा 30 अप्रैल तक सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम सात बजे तक ही खुलेंगे।
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण का आज से आगाज हो चुका है। पीएम मोदी ने दिल्ली स्थित AIIMS में वैक्सीन की पहली खुराक ली। वहीं पीएम मोदी को वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद दूसरे अन्य नेताओं ने भी वैक्सीन लगवाने का काम शुरू किया।
कोरोना वैक्सीन को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमले करते आया है, वहीं जबकि वैक्सीन का निर्माण नहीं हुआ था, उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय सभी को बिहार में मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया था। वहीं जब सरकार बन गई है और वैक्सीन भी भारत में उपलब्ध है, तो मुफ्त देने वाले वादे को पूरा करना भी बहुत जरूरी थी।
Vaccination will be absolutely free in the entire Bihar state. Such facility will be made available even at private hospitals, it will be facilitated by the state government: Bihar Chief Minister Nitish Kumar #COVID19Vaccinepic.twitter.com/t0cVKG7pH9
दूसरे चरण के आगाज होते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने पटना स्थिति IGIMS अस्पताल में कोरोना की पहली खुराक ली। टीका लगवाने के बाद सीएम नीतिश ने मीडिया से बात करते हुए सभी को मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया।
बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आज कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज़ ली। pic.twitter.com/uqC1Zxz80o
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ”पूरे बिहार राज्य में टीकाकरण बिल्कुल मुफ्त होगा। निजी अस्पतालों में भी इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी सुविधा राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।”
आज नए दौर के टीकाकरण कार्यक्रम के पहले दिन मुझे टीकाकरण का अवसर मिला है। हमने पहले से ही तय कर लिया है कि बिहार में टीकाकरण बिल्कुल मुफ्त होगा। जो 50 के करीब निजी अस्पताल भी चिन्हित किए गए हैं वहां भी टीकाकरण का मुफ्त प्रबंध राज्य सरकार कराएगी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार pic.twitter.com/B5DHFyEdLu