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अमेरिका : बाइडेन ने की एक खरब 90 अरब डॉलर के कोरोना राहत पैकेज की घोषणा

नई दिल्ली। अमेरीका के निर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने एक खरब 90 अरब डॉलर के कोरोना वायरस आपात राहत पैकेज की घोषणा की है। बाइडेन के इस प्रोत्‍साहन पैकेज का उद्देश्‍य बिगड़ती अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाना और महामारी से हुए नुकसान की भरपाई करना है।

बता दें कि इस पैकेज को कोविड के बढ़ते मामलों से संघर्ष करने वाले परिवारों, व्‍यापारियों और स्‍थानीय सरकारों के लिए संघीय सहायता में अधिक राशि देने के लिए तैयार किया गया है। बाइडेन की इस योजना में अमरीकी परिवारों को प्रत्‍यक्ष भुगतान की नई राशि, स्‍कूलों को सुरक्षित खोलने के लिए धनराशि देना और राष्‍ट्रीय वैक्‍सीन कार्यक्रम में तेजी लाना शामिल है।

बाइडेन ने 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहले 100 दिनों में 10 करोड़ वैक्‍सीन दिये जाने का लक्ष्‍य तय किया है। अमरीका सरकार ने आपात उपयोग के लिए दो अलग-अलग वैक्‍सीन की मंजूरी दी है। दोनों वैक्‍सीन अलग-अलग  दी जाएंगी। अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्‍सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।

 

कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने चीन पहुंची WHO की टीम

नई दिल्ली। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्‍सपर्ट्स की एक टीम वुहान पहुंच गई है। डब्‍ल्‍यूएचओ की टीम ‘शुरुआती मामलों में संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू कर दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में 10 विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम बृहस्पतिवार को चीन के वुहान पहुंची। यह टीम पता लगाएगी कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति वुहान से हुई या नहीं। शुरुआती आनाकानी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को अपने यहां आने की अनुमति दी है। 10 वैज्ञानिकों की इस टीम को वुहान में दो हफ्तों का क्वारंटाइन समय बिताना होगा। इसके बाद टीम अपने काम की शुरुआत कर सकेगी।

बता दें कि कोरोना वायरस की उत्तपत्ति कहां से हुई, यह बड़ा मुद्दा है, लेकिन साल 2019 में वुहान में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था। बीजिंग पर यह आरोप है कि उसके वुहान शहर स्थित लैबोरेटरी से ही वैश्विक महामारी का कारण बनने वाला कोविड-19 वायरस पैदा हुआ और यहीं से पूरी दुनिया में फैल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले यह आरोप लगाया था और इसे चीनी वायरस करार दिया था।

 

देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान का सुबह साढ़े दस बजे शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी 16 जनवरी को यानी कल सुबह साढ़े दस बजे देश व्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करेंगे। ये कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित किया जाएगा। ये दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा, जिसमें देश का हर हिस्सा और हर कोना शामिल होगा। लॉन्च के दौरान सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 3006 सत्र स्थल वर्चुअल तरीके से जुड़े रहेंगे। उद्घाटन के दिन प्रत्येक सत्र स्थल पर लगभग 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा।

यह टीकाकरण कार्यक्रम प्राथमिकता वाले समूहों के सिद्धांतों पर आधारित है, जिनका टीकाकरण पहले किया जाना है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के स्वास्थ्यकर्मी और ICDS कर्मी इस चरण के दौरान टीका प्राप्त करेंगे।

यह टीकाकरण कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विकसित एक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन के जरिए संचालित किया जाएगा। ये डिजिटल प्लेटफॉर्म  टीका स्टॉक, भंडारण तापमान और कोविड -19 वैक्सीन के लिए लाभार्थियों के व्यक्तिगत ट्रैकिंग की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा। यह प्लेटफॉर्म टीकाकरण सत्रों का संचालन करते हुए सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों की सहायता करेगा।

कोरोना महामारी, टीकाकरण अभियान और को-विन सॉफ़्टवेयर से जुड़े प्रश्नों को संबोधित करने के लिए एक 24×7 कॉल सेंटर – 1075 भी स्थापित किया गया है।

 

कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रचार को लेकर देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने लिखा पत्र, कहा- हमें लांक्षित न करें

नई दिल्ली। देश के कई जाने-माने डॉक्टर, वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशनल ने एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे दुष्प्रचार के खिलाफ कहा है कि हमें लांक्षित न किया जाए। इस चिट्ठी में 49 डॉक्टर, साइंटिस्ट और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र के माध्यम से कहा गया है कि ऐसे बयानों से वैज्ञानिकों की साख पर असर पड़ता है। इसके अलावा चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत वैक्सीन की आपूर्ति के मामले में ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरा है। भारत में बनी वैक्सीन 188 देशों में निर्यात की जाती हैं, फिर भी कुछ लोग वैक्सीन को लेकर मीडिया में बयान देकर वैज्ञानिकों को बदनाम कर रहे हैं और राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं।

वहीं, चिट्ठी में एम्स के पूर्व डायरेक्टर टीडी डोगरा समेत 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने हस्ताक्षर किए हैं। चिट्ठी में देश के लोगों से अपील की गई है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे राजनीतिकरण के चक्कर में न आएं और डॉक्टरों वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल समुदाय को कलंकित करने की कोशिशों में न पड़ें।

 

 

 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, भारत की कोरोना वैक्सीन सबसे किफायती, टीकाकरण की तैयारियां जोरों पर

नई दिल्ली। देश में कोरोना की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोरोना के सक्रिय मामलों लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने बताया कि देश में अब कोरोना के 2.2 लाख से भी कम सक्रिय केस हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि केवल दो राज्य महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के सक्रिय मामले 50 हजार से अधिक हैं। केरल में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 63,547 और महाराष्ट्र में 53,463 है। मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना के कुल 1.04 करोड़ मामले हैं। इनमें से 2.16 लाख सक्रिय मामले हैं। वहीं, देश में कोरोना के चलते 1.51 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं, अब तक 18.2 करोड़ लोगों की जांच की गई है।

साथ ही वैक्सीनों को उपयोग की अनुमति को लेकर उन्हों ने कहा कि अन्य देशों की वैक्सीनों की तुलना में भारत की वैक्सीन अधिक किफायती है। स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। साथ ही कहा कि टीका लगने के बाद भी सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें।

स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में हुईं क्वारंटाइन

नई दिल्ली। मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुकीं सायना नेहवाल कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इन दिनों वो थाईलैंड में बैडमिंटन टूर्नामेंट खेल रही थीं। इसी बीच वो कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गईं। जिससे टीम के लिए टेंशन बढ़ गई है। हालांकि उन्हें थाईलेंड के एक अस्पताल में 10 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया है।

बता दें कि साइना के कोरोना पॉजिटिव होने से उनको बड़ा झटका लगा है क्योंकि 12 से 17 जनवरी के बीच योनेक्स थाईलैंड ओपन खेला जाएगा। वहीं, 19 से 24 जनवरी के बीच टोयोटा थाईलैंड ओपन और 27 से 31 जनवरी के बीच बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स खेला जाएगा। इन सबके बीच साइना के इस वायरस से संक्रमित होने का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

 

अमेरिका में कोरोना वैक्सीन से बढ़ी टेंशन, वैक्सीन से 90% लोगों में एलर्जी के दर्ज हुए मामले

विश्व भर में कोरोना वैक्सीन आने की खुशी देखी गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना महामारी से जल्द निपटा जा सकता है। अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन का अस्पतालों में  इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया था।

समय के साथ कोरोना मामलों में गिरावट तो आई मगर, वैक्सीन का नकारात्मक असर लोगों पर देखा गया। वर्तमान में कोरोना वैक्सीन से एलर्जी के मामले बढ़ते जा रहे है। अभी तक 90% महिलाओं में एलर्जी के मामले सामने आए है। इस खबर से देश में टेंशन की स्थिति बनी हुई है।

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) देश मे इस समस्या की जांच कर रहा है। जिन लोगों को एलर्जिक रिएक्शंस हुआ है, उन्हें दूसरी बार वैक्सीन न दी जाए इसका ख्याल रखा जा रहा है। बताया जा रहा है की अगर जल्द इस समस्या से निकला नहीं गया तो यह एक खतरनाक बीमारी मे बदल सकती है।

सूत्रों के मुताबिक हर 10 लाख लोगों जिन्हें वैक्सीन दी जा रही है उनमें से 11% लोगों में  एलर्जिक रिएक्शन देखा गया है। बता दें, 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच 18.96 लाख वैक्सीन की डोज दी गई, जिनमें से एनाफिलेक्सिस के 21 केस के मामले सामने आए।

ड्रैगन को कोरोना पर पोल खुलने का डर, WHO की जांच टीम को नहीं दी देश में एंट्री की परमिशन

नई दिल्ली। चीन के कोरोना वायरस पर पोल खुलने का डर सता रहा है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति के जांच करने वुहान शहर जा रही विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को चीन ने परमिशन देने से मना कर दिया। टीम वुहान शहर में इस वायरस के उत्पत्ति की जाँच करने के लिए निकली थी, लेकिन अब तक इन लोगों को चीन आने की परमिशन नहीं मिल पाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस ने चीन के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की है।