Tag Archives: coronavaccination

गोरखपुर में शुरू हुआ तीसरे चरण की वैक्सीनेशन प्रक्रिया, सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट नर्सिंह होग भी शामिल

नई दिल्ली। गोरखपुर में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण में बुजुर्गों और आम नागरिकों को भी टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खास बात ये हैं कि टीकाकरण के लिए सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी नर्सिंगहोम को भी शामिल किया गया है। तीसरे चरण में तीन बूथों पर पहले दिन टीकाकरण किया जा रहा है।

पहचान पत्र भी जरूरी है

टीका लगवाने के लिए 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 45 से 59 साल के किसी बीमारी से ग्रसित लोगों को आधार कार्ड के अलावा डॉक्टर का पर्चा साथ लाना होगा। पहले दिन हर बूथ पर 100 लाभार्थियों के टीकाकरण का टार्गेट रखा गया है। टीकाकरण के बाद महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्‍सीनेशन करने को कहा गया है। उन्‍होंने कहा कि इसीलिए वे जिम्‍मेदार नागरिक होने के नाते यहां पर टीकाकरण के लिए आए हैं। उन्‍होंने कहा कि वे देश के वैज्ञानिकों पर उन्‍हें गर्व है।

मोदी जी के नेतृत्‍व में देश के वैज्ञानिकों ने वैक्‍सीन बनाकर दुनिया को आश्‍चर्य में डाल दिया है। देश के साथ दुनिया के कई देशों को वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराई जा रही है। उन्‍होंने कहा कि सभी देशवासी वैज्ञानिकों को धन्‍यवाद दे रहे हैं।

क्या आप लगवाएंगे कोरोना का टीका? जवाब सुनकर आपको भी आ जायेगी हंसी!

नई दिल्ली। देश में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वायरस की पहली खुराक ले ही है, लेकिन इन सब के बीच विपक्ष वैक्सीन को लेकर पूरी तरह से विरोध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हर दिन विपक्ष नए-नए बहाने विरोध करने लिए अजमाता है। सोमवार को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब पूछा किसी मीडिया वाले ने कि क्या वह कोरोना का टीका लगवाएंगे? सवाल के जवाब में खड़गे ने इतना बचकाना जवाब दिया कि सुनकर आपको भी हंसी आ जायेगी।

दरअसल, आज से पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत आमजमों में 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जायेगी।

वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा गया कि अब 60 साल से ऊपर के सभी लोग कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लगवा सकते हैं। ऐसे में आप कब वैक्‍सीन लगवाने जा रहे हैं? इस पर खड़गे ने कहा, ‘देखिए, मेरी उम्र 70 वर्ष से ज्‍यादा हो गई है। मेरी जिंदगी के अब कुछ ही साल बचे हैं। आपको ये (कोविड-19 वैक्‍सीन) युवा लोगों को देनी चाहिए, जिन्‍हें अभी बहुत लंबा जीवन व्‍य‍तीत करना है। मेरा क्‍या है, मैं तो 10-15 साल और जिंदा रहूंगा।’

मल्लिकार्जुन खड़गे बेहद समझदार हैं, तो उनको ये भी जरूर पता होता कि समाज के प्रतिष्ठित लोगों का लाखों लोग अनुसरण करते हैं। अगर ऐसे लोग किसी काम की आगे बढ़कर पहल करते हैं, तो उनके समर्थक और चाहनेवाले भी वो काम करने के लिए आगे आते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि देश से कोरोना महामारी के मुद्दे पर भी विपक्ष के नेता राजनीति करना चाहते हैं। इसलिए टीकाकरण को लेकर ऐसे बचकाने बहाने ढूंढ रहे हैं।

इधर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के सवाल पर कहा, ‘कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर अब कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। कुछ लोग जो सवाल कर रहे थे कि मोदी जी टीका कब लगवाएंगे, उन लोगों को मोदी जी ने आज जवाब दिया है। मैं आज विपक्ष के लोगों से एक अपील करूंगा, अगर कोरोना की लड़ाई में देश एक हो सकता है, तो क्या हम लोग एक नहीं हो सकते।’ साथ ही उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा था कि पहले कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया जाएगा और उसके बाद आम लोगों की बारी आएगी। मैं अपनी बारी आने का इंतजार कर रहा हूं। हम मंत्रियों ने निर्णय लिया है कि सरकारी खाते से नहीं पैसे देकर वैक्‍सीन लगवाएंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- नहीं के बराबर हैं Corona Vaccine  के साइड इफेक्ट, कल लगवाऊंगा टीका  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिए जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बहुत स्पष्ट संदेश  दे दिया है। अब इससे संबंधित हर तरह का दुष्प्रचार खत्म हो जाएगा। मैं आज अपनी बुकिंग करूंगा और कल यानि मंगलवार मेरी वैक्सीन लेने की योजना है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन को लेकर सभी गलत सूचनाओं और संदेहों को दफन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से कह रहा हूं कि हमारी दोनों वैक्सीन सेफ और परफेक्ट हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन के बारे में कोई संदेह न रखें। वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं के बराबर हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीनेशन के कारण अभी तक मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। वैक्सीनेशन के कुछ दिन बाद कोई मौत हुई है, तो उसे वैक्सीनेशन से नहीं जोड़ सकते, क्योंकि हर मौत की जांच वैज्ञानिक दृष्टि से की गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, बिहार में सभी को मुफ्त में लगेगा कोरोना का टीका

बिहार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने जन्मदिन पर घोषणा की है कि राज्य में सभी को कोरोना वैक्सीन का टीका मुफ्त में लगाया जाएगा। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में मुफ्त में कोरोना वैक्सीनेशन किया जाएगा। यहां तक कि निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा मुफ्त रहेगी।

उन्होंने कहा कि 50 निजी अस्पतालों में टीका लगवाने का अधिकतम सेवा शुल्क 100 रुपये और टीका का अधिकतम मूल्य 150 रुपये होगा। यह कुल 250 रुपये प्रति टीका की राशि राज्य सरकार वहन करेगी। कोरोना के निशुल्क टीकाकरण का निर्णय नवंबर 2020 की राज्य कैबिनेट की बैठक में हुआ था।

बता दें कि टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों के चयन के लिए चार मानक निर्धारित किये गये हैं। इनमें वैक्सीनेटर की उपलब्धता, कोल्डचेन सुविधा, रजिस्ट्रेशन व टीकाकरण के लिए पर्याप्त जगह सहित टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए किसी भी आंशिक प्रभाव का परखने की सुविधा शामिल है। मानकों पर खरा उतरने पर फिलहाल 50 अस्पतालों का चयन हुआ है। उनका भौतिक सत्यापन चल रहा है।

 

अब आप भी मात्र 250 रुपये में लगवा सकते है कोरोना टीका, डिटेल में जानें कहाँ और कैसे लगवा सकते है टीका

देश भर में केंद्र सरकार ने 1 मार्च से 60 साल से अधिक आयु के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके अलावा 45 साल से अधिक आयु के ऐसे लोगों का भी टीकाकरण होगा, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। इस बीच एक अहम सवाल जवाब भी मिल गया है कि आखिर प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना टीके की कीमत क्या होगी।

सरकार ने तय किया है कि निजी अस्पतालों में एक डोज की कीमत 250 रुपये होगी। वहीं सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण पूरी तरह से मुफ्त होगा। देश भर में सरकार ने 10,000 सरकारी अस्पतालों और 20,000 निजी केंद्रों में टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया है। 28 दिनों के अंतराल में लगने वालीं कुल दो डोज की कीमत 500 रुपये होगी। इसमें सभी तरह के टैक्स भी शामिल होंगे।

इस बीच गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कन्फर्म कर दिया है कि राज्य में एक टीके की कीमत 250 रुपये निजी अस्पतालों में होगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई नेता पीएम से सभी को मुफ्त टीका लगाने की अपील कर चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया है कि निजी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण नहीं होगा। बीते कुछ दिनों में तेजी से कोरोना के मामलों में इजाफा होने के चलते सरकार ने निजी अस्पतालों में भी टीकाकरण कराने का फैसला लिया है।

इससे पहले 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का पहला राउंड शुरू हुआ था। इसके चलते देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया है। अब 1 मार्च से दूसरा राउंड शुरू होगा। इस चरण में बुजुर्गों को वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा 45 साल से अधिक के गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भी टीका लगेगा। सभी 10,000 सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका पूरी तरह फ्री होगा। हालांकि किसी भी निजी अस्पताल में टीकाकरण के लिए 500 रुपये तक का चार्ज देना होगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने ऐसे कई दावों को खारिज किया है, जिसमें कोरोना टीकाकरण के चार्ज के अलग-अलग दावे किए जा रहे थे। देश में यह पहला मौका होगा, जब कोविशील्ड और कोवैक्सीन जैसी दवाएं निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध होंगी।

देश में बढ़ने लगे कोरोना के मामले, वैज्ञानिकों ने बताए ये कारण

कोरोना वायरस में आए 7000 से ज्यादा बदलावों का रिकॉर्ड तैयार किया गया है, लेकिन यह नए स्वरूप से संबंधित नहीं है। वैज्ञानिकों ने वायरस में होने वाले परिवर्तन और नए स्वरूप के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 के संबंध में उचित तौर-तरीका नहीं अपनाने के कारण शायद मामले बढ़ रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि अगर सुरक्षा संबंधी नियम नहीं अपनाए गए तो ज्यादा संक्रामक स्वरूप का प्रसार हो सकता है या यह मूल स्वरूप की जगह ले सकता है। एक हालिया सर्वेक्षण में भारत में सार्स कोव-2 के जीनोम में 7684 बदलाव का जिक्र किया गया है। हैदराबाद स्थित सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) का अध्ययन चिंता का विषय है और कुछ धड़े में घबराहट बढ़ गई है।

सीएसआईआर-सीसीएमबी के निदेशक और अध्ययन के सह लेखक राकेश मिश्रा के मुताबिक, 6017 जीनोम अनुक्रमण के डाटा विश्लेषण से कोरोना वायरस के 7684 बदलावों का दस्तावेजीकरण किया गया है। मिश्रा ने बताया, ‘इसका ये मतलब नहीं है कि देश में कोरोना वायरस के 7000 स्वरूप हैं। इसका बस ये मतलब है कि अपेक्षा के अनुरूप वायरस के स्वरूप में बदलाव हुआ है और हमने इन बदलावों का दस्तावेजीकरण किया है।’ साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अभी यह कह पाना कठिन है कि देश में वायरस के कितने स्वरूप हैं।

विषाणु विज्ञानी उपासना रे ने बताया कि वायरस के स्वरूप में बदलाव का मतलब न्यूक्लिक एसिड बेस या अमीनो एसिड कण में बदलाव से है और इसमें परिवर्तन को स्वरूप बदलना कहते हैं। सीएसआईआर-सीसीएमबी के विश्लेषण में पाया गया कि कई देशों में खौफ पैदा करने वाले नए स्वरूप के मामले भारत में बहुत कम आए हैं और इसमें ‘ई484के’ और ‘एन501वाई’ स्वरूप भी हैं।

अब पैसे देकर भी लगवा सकते हैं वैक्सीन, 1 मार्च से बुजुर्गों के लिए टीकाकरण शुरू

कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण 01 मार्च से शुरू होगा, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। तीसरे चरण का टीकाकरण अभियान सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी अस्पतालों के जरिए भी शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं, 1 मार्च से पैसे देकर भी टीका लगवाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को यह निर्णय लिया गया। बाद में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों के पास यह विकल्प होगा कि वे टीकाकरण के लिए निजी एवं सरकारी अस्पतालों का चयन कर सकें।

उन्होंने कहा कि दस हजार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं 20 हजार निजी अस्पतालों में दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान चलेगा। जो लोग निजी अस्पतालों में टीका लगाना चाहेंगे, उन्हें इसके लिए शुल्क चुकाना होगा। यह शुल्क कितना होगा, इसे सरकार अगले तीन-चार दिनों में तय करेगी। इसके लिए टीका निर्माता, अस्पतालों से बातचीत कर निर्णय लिया जाएगा। जबकि सरकारी केंद्रों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। यानी जिनके पास क्षमता है वे पैसे देकर प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन लगवा सकते हैं।

इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र के किन बीमारियों के लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा, इसके लिए भी जल्द ही बीमारियों की एक सूची जारी की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से देश में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था। 02 फरवरी से दूसरे चरण की शुरुआत की गई, जिसमें अंग्रिम पंक्ति के कार्मिकों का टीकाकरण आरंभ किया गया। पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए, जबकि दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता थे। तीसरे चरण में जिन लोगों को टीका लग रहा है, उनकी संख्या 27 करोड़ होने का अनुमान है।

टीकाकरण अभियान में जल्द प्राइवेट सेक्टर की होगी एंट्री

देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ने के बाद केंद्र सरकार टेंशन में है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्थिति की समीक्षा की और स्वास्थ्य मंत्रालय से टीकाकरण अभियान में तेजी लाने को कहा ताकि कोरोना को एक फिर फैलने से रोका जा सके। सरकार अब 50 साल से ज्यादा उम्र वालों को कोरोना टीका लगाने की योजना बना रही है। ऐसे में कम समय में 27 करोड़ लोगों को टीका दिए जाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार अभियान में प्राइवेट सेक्टर को मंजूरी देने की तैयारी कर रही है।

अगले चरण में उन लोगों को भी टीका दिया जाएगा जिनकी उम्र 50 साल से कम है लेकिन जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं और कोरोना से जिनको मौत का जोखिम ज्यादा है।

सूत्रोंं  के मुताबिक, नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने कहा कि टीकाकरण अभियान के अगले चरण की तैयारियां जोरों पर हैं और इसमें प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बड़े स्तर पर होगी।

अभी भी हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण में प्राइवेट सेक्टर मुख्य रूप से शामिल है। एक दिन में दी जाने वाली 10 हजार वैक्सीन में से 2 हजार प्राइवेट सेक्टर की देखरेख में दी जा रही है। चूंकि हम टीकाकरण