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हरियाणा : चोरों ने 12 घंटे बाद लौटा दी चोरी की हुई वैक्सीन, माफी भी मांगी  

जींद। हरियाणा के जींद में सिविल अस्पताल में चोरी का एक अजीब मामला सामने आया है। यहां 21 अप्रैल की  रात करीब 12 बजे चोरों ने कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड की कई सौ डोज चुरा लीं लेकिन,  22 अप्रैल को चोर सिविल लाइन थाने के बाहर एक चाय वाले को सारी वैक्सीन लौटा गया। यहां तक तो मामला फिर भी साधारण था लेकिन चोर वैक्सीन के साथ में एक नोट भी छोड़ गया। नोट पर लिखा है- सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है।

पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार को दिन में करीब 12 बजे एक बाइक सवार युवक सिविल लाइन के पास चाय के खोखे पर पहुंचा। उसने वहां बैठे बुजुर्ग को बैग थमाते हुए कहा कि ताऊ इस बैग में मुंशी का खाना है। इसे थाने में मुंशी को दे आना। बुजुर्ग ने उस बैग को मुंशी को दे दिया। जब बैग को खोला तो उसमें कोरोना वैक्सीन की चोरी हुई शीशियां थीं। कोविशील्ड की 182 वाइल और कोवैक्सीन की 440 वाइल। इन शीशियों के बीच में पर्ची पर लिखा था, सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है।

दरअसल बुधवार रात को नागरिक अस्पताल स्थित पीपी सेंटर से 1710 कोविड वैक्सीन चोरी हो गई थी। इसमें 1270 वैक्सनी कोविशील्ड व 440 को वैक्सीन थी। घटना का पता सुबह सवा पता लगा जब सफाई कर्मचारी पीपी सेंटर के सामने सफाई कर रहा था। सफाई कर्मचारी ने देखा कि पीपी सेंटर का ताला टूटा हुआ था। उसने इसकी जानकारी तुरंत फोन पर स्वास्थ्य निरीक्षण राममेहर वर्मा को दी। ड्यूटी पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी शीला देवी ने आकर देखा तो कोविड वैक्सीन गायब थी और फ्रिजर के बाहर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगने वाली वैक्सीन भी बाहर बिखरी पड़ी हुई थी।

 

1 मार्च से निजी अस्पतालों में शुरू होगा कोरोना का टीकाकरण, जानें कितने रूपये में लगेगा टीका?

नई दिल्ली। देश में तेजी के साथ कोरोना का टीकाकरण किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन की एक डोज की कीमत भी तय कर दी है, जो कि यह 250 रुपये की है और दोनों डोज को मिलाकर इसकी कीमत 500 रुपये हो जाती है। यह कीमत निजी अस्पताल में लगाई जा रही वैक्सीन के लिए तय की गई है। जो कि 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगेगा। वैक्सीन की कीमत को लेकर सरकार जल्द ही एलान कर सकती है।

इसी को लेकर गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की कीमत प्राइवेट अस्पतालों में 250 रुपये होगी और इसे राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त प्रदान किया जाएगा।

1 मार्च से निजी अस्पतालों में होगा टीकाकरण

एक मार्च से शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण के दूसर चरण में सरकारी हेल्‍थ सेंटर्स के साथ-साथ निजी अस्‍पतालों को भी शामिल किया गया है। यानी आपके पास अपनी पसंद के सेंटर पर टीका लगवाने का विकल्‍प होगा। पात्र लोगों का वैक्सीन लगवाने के लिए मौके पर ही पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए उन्हें ऐसी आईडी साथ में लानी होगी। जिसमें जन्म तिथि लिखी हो। आधार कार्ड के साथ ही मतदाता पहचान पत्र या अन्य आईडी से वैक्सीन लगाई जाएगी।

देश में 97 फीसदी लोग कोरोना टीकाकरण से संतुष्ट, 63 लाख से ज्यादा लोगों को दी जा चुकी है वैक्सीन

नई दिल्ली। देश में टीकाकरण के बीच कोरोना के नए मामलों में भी कमी आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में अब तक कुल 63,10,194 स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। दूसरी डोज 13 फरवरी से शुरू होगी। वहीं, कोविड संक्रमण के मामलों की संख्या घटकर 1,50,000 से भी कम हो गई है।

उन्होंने कहा कि हमने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को कम से कम 1 मार्च तक टीकाकरण के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए। हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों को 6 मार्च तक राउंड-अप करने का अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी से देशभर में शुरू किए कोरोना टीकाकरण के अनुभव को लेकर 97 फीसद लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं।

केरल में 45 फीसद सक्रिय मामले

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी भी दो राज्यों केरल और महाराष्ट्र में देश के कुल सक्रिय मामलों के 71 फीसद मामले हैं। केरल में 45 फीसद सक्रिय मामले हैं, महाराष्ट्र में 25 फीसद, कर्नाटक में फीसद, पश्चिम बंगाल में 3 फीसद, तमिलनाडु में 3 फीसद हैं।

सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले तीन हफ्तों में एक भी नहीं हुई मौत

उन्होंने बताया कि 33 राज्यों में कोरोना संक्रमण के 5,000 से भी कम सक्रिय मामले रह गए हैं। 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटे में कोई भी मृत्यु दर्ज नहीं की गई है। 7 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां पिछले 3 हफ्तों में कोई भी मृत्यु नहीं हुई है।

गौरतलब है कि देश में कोरोना का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू किया गया है। देश में अभी दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है। सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ लोगों को दी जा रही है।

पड़ोसी देशों की मदद के लिए भारत का बड़ा कदम, भूटान, मालदीव को भेजी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप    

नई दिल्ली। भारत ने अपने पड़ोसी देशों की मदद को लेकर भी कदम बढ़ा दिए हैं। भारत ने बुधवार को भूटान और मालदीव को कोरोना वैक्सीन की पहली खेप भेजी है।

विदेशमंत्री डॉ. एसजयशंकर ने बताया कि वैक्‍सीन मैत्री  की शुरूआत हो चुकी है। टीकों की खेप बुधवार को भूटान पहुंच गई है। उन्‍होंने कहा कि यह भारत की पड़ोसी पहले  नीति  का एक और उदाहरण है।  भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी ने टीके भेजने और कोविड के खिलाफ लड़ाई में उसकी मदद करने के लिए भारत को शुक्रिया कहा।

उधर, मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद ने भारत के सीरम इंस्टिटयूट से एक लाख कोविशील्‍ड के टीके मिलने पर खुशी जताकर भारत को धन्यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि भारत ने संकट की घड़ी में हमेशा मालदीव का साथ दिया है।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पडोसी देशों को दी जा रही मदद पर कहा कि भारत अपने विश्‍वसनीय सहयोगियों और वैश्विक समुदाय की स्‍वास्‍थ्‍य जरूरतों में काम आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

 

देश में शुरू हुआ वैक्सीनेशन, इस युवक को लगी देश की पहली वैक्सीन

कोरोना वायरस की वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में भी कई तरह की सावधानियां बरतनी होंगी जैसे कि शराब से दूरी बनाए रखना। शराब का इम्यूनिटी पर बुरा असर पड़ता है और ये इंफेक्शन से लड़ने की शरीर की क्षमता को कमजोर करता है।

https://youtu.be/XYSDPDvDMNs

वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहों पर लगी रोक, AIIMS के डॉ गुलेरिया ने दिए वैक्सीन से जुड़े सवालों के जवाब

नई दिल्ली। देश में वैस्सीनेशन का काम शुरु हो चुका है। दिल्ली के एस्म में डॉ. गुलेरिया ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की डोज ली। वैक्सीन लेने के बाद डॉक्टर गुलेरिया ने वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों और अफवाहों पर विराम लगाते हुए सभी सवालों के जवाब दिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनका जवाब देने के लिए तीन वीडियो जारी किए।

डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि शुरुआत में सभी लोगों को कोविड वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा है कि सरकार ने रिस्क फैक्टर के हिसाब से टीकाकरण की प्राथमिकताएं तय की हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे।

ये भी पढ़ेंः देश में शुरु हुआ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया ने लगवाया कोरोना का टीक

एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उन सवालों को जवाए दिए हैं, जिसको लेकर लोगों के मन में भ्रम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनका जवाब देने के लिए तीन वीडियो जारी किए।

देश में शुरु हुआ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया ने लगवाया कोरोना का टीका

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण आज से पूरे देश में शुरू हो गया है। वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही सभी आशंकाओं, अफवाहों और भ्रम पर अब रोक लग चुकी है, क्योंकि दिल्ली के एम्स डॉयरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने खुद कोरोना की वैक्सीन की खुराक ले ली है। पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस का पहला टीका लगाया जा चुका है।

बता दें कि डॉक्टर गुलेरिया देश के टॉप चिकित्सा विशेषज्ञ हैं और वैक्सीन लगवाकर इससे जुड़ी सभी तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। वहीं दिल्ली के एस्म के एक सैनिटेशन कर्मचारी को वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया। बता दें कि डॉ रणदीप गुलेरिया वैक्सीन लेने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं। वहीं डॉ. गुलेरिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में वैक्सीन लगवाई।

कोरोना टीका लगने के बाद बोले गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और हमें पूरा विश्वास है कि यह एक सुगम कार्यक्रम होगा और हम बहुत बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे। यह अंत की शुरुआत है जहां तक ​​महामारी का संबंध है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका सुरक्षित है। यह प्रभावोत्पादक है। हमें बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करना है और इसलिए हम बहुत अधिक अस्थिर नहीं हो सकते हैं। हमें अपने शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और नियामक अधिकारियों में विश्वास होना चाहिए।

AIIMS में लगी पहली वैक्सीन

दिल्ली स्थित एम्स से देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। देश में सबसे पहला टीका एम्स के सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी मनीष कुमार को लगाया गया। इसके साथ ही मनीष कुमार कोरोना का वैक्सीन लेने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।

कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रचार को लेकर देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने लिखा पत्र, कहा- हमें लांक्षित न करें

नई दिल्ली। देश के कई जाने-माने डॉक्टर, वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशनल ने एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे दुष्प्रचार के खिलाफ कहा है कि हमें लांक्षित न किया जाए। इस चिट्ठी में 49 डॉक्टर, साइंटिस्ट और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र के माध्यम से कहा गया है कि ऐसे बयानों से वैज्ञानिकों की साख पर असर पड़ता है। इसके अलावा चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत वैक्सीन की आपूर्ति के मामले में ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरा है। भारत में बनी वैक्सीन 188 देशों में निर्यात की जाती हैं, फिर भी कुछ लोग वैक्सीन को लेकर मीडिया में बयान देकर वैज्ञानिकों को बदनाम कर रहे हैं और राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं।

वहीं, चिट्ठी में एम्स के पूर्व डायरेक्टर टीडी डोगरा समेत 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने हस्ताक्षर किए हैं। चिट्ठी में देश के लोगों से अपील की गई है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे राजनीतिकरण के चक्कर में न आएं और डॉक्टरों वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल समुदाय को कलंकित करने की कोशिशों में न पड़ें।