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झारखंडः वो चीखती रही और दरिंदें उसकी अस्मत को तार-तार करते रहे, विधवा से गैंगरेप

झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में एक महिला के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई है। आरोप है कि तीन युवकों ने महिला के साथ गैंगरेप किया। युवकों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए महिला के प्राइवेट पार्ट में स्टील का ग्लास डाल दिया। गंभीर हालत में महिला को उपचार के लिए हंटरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक चतरा की पीड़ित महिला 50 साल की है। हंटरगंज पुलिस ने घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस संबंध में चतरा के पुलिस अधीक्षक ऋषभ झा ने बताया कि तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

देखिए खास चर्चा पल्लवी रविंद्र सिंह के साथ

https://youtu.be/AxPZ4Tumnso

 

बदांयू गैंगरेप मामलाः 50 हजार का इनामी आरोपी गिरफ्तार, गैंगरेप से था सीधा कनेक्शन

उत्तर प्रदेश के बदायूं में गैंगरेप के बाद हत्या के मामले को अंजाम दिया गया था। इस मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने  मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। बता दें, आरोपी की तलाश पुलिस को बहुत दिनों से थी, जिसके बारे में जानकारी दिए जाने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम दिए जाने की घोषणा की गई थी। आरोपी मेवाली गांव में एक महिला के घर में छिप कर रह रहा था।

सूत्रों के मुताबिक 45 वर्षीय महिला के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में शक के आधार पर पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। मगर जो मुख्य आरोपी था वह मौके से फरार हो गया था। पुलिस इस आरोपी को तलाश रही थी, जिसके कारण पुलिस द्वारा पूरे उघैती इलाके की नाकाबंदी की गई थी, और उच्छी तरह से सभी घरों की तलाशी ली जा रही थी।

बृहस्पतिवार की रात करीब 10 बजे सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली थी कि आरोपी मेवली गांव में एक महिला के घर छिपा हुआ है। जब गांव वाले उस महिला के घर पूछताछ करने पहुंचे तो महिला ने साफ इनकार कर दिया था। लोगों को तभी महिला पर शक हुआ और उन्होंने फौरन पुलिस को सूचित किया।

जानकारी मिलने पर बिना समय गवाए पुलिस और एडीजी की स्पेशल टीम महिला के घर पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने पर लोग महिला के घर में घुस गए। भीड़ को देखकर आरोपी के होश उड़ गए और उसने भागने की कोशिश की मगर उसकी यह कोशिश नाकाम रही और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

 

मामूली कहासुनी को लेकर दोस्तों ने एक दूसरे पर बरसाई गोलियां, दो की हालत गंभीर  

बिजनौर। दोस्तों के बीच में मामूली बात को लेकर हुई कहासुनी अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो गई। दोस्तों ने ही दोस्तों पर गोली चला दी, जिसमें दो दोस्तों को गोली लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों युवकों को बिजनौर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उनको मेरठ हायर सेंटर रेफर कर दिया है। वहीं, पुलिस की कई टीमें दोनों आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं।

बिजनौर में इंदिरा पार्क के पास आज दोस्तों में मामूली बात को लेकर हुए विवाद ने इतना तूल पकड़ा की मामला खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। हैप्पी और विशाल नामक व्यक्ति ने हितेश और वैभव को गोली मार दी, गोली लगने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस व एसपी सिटी लक्ष्मी निवास मिश्र ने स्थिति का जायजा लिया और दोनों घायलों को अस्पताल भेजवाया, जहां से डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए उनको मेरठ हायर सेंटर रेफर कर दिया है। फिलहाल, एसपी सिटी लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि विशाल ओर हैप्पी दोनों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

रिपोर्ट- लोकेन्द्र कुमार

बिहार के मुजफ्फरपुर में सामने आई शर्मसार कर देने वाली घटना, 5 युवकों ने 10वीं की छात्रा के साथ किया गैंगरेप

देश में बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा का सवाल अभी भी वहीं खड़ा हुआ है, सरकारें आती हैं जाती हैं मगर,  महिला सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं किया जाता हैं। जब भी कोई बड़ी घटना सामने आती हैं, तब सरकार के हाथ-पांव फूल जाते है, और तुरंत कार्रवाई शुरु कर दी जाती है। मगर, उस घटना के निपटने के बाद हालात वैसे ही हो जाते हैं ।

हाल में मुजफ्फरपुर क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घिनौनी घटना सामने आई है। बता दें, कोचिंग से घर की तरफ लौट रही 10वीं की छात्रा को अगवा कर उसके साथ 5 दरिंदों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। यह घटना सोमवार शाम की है, और लापरवाह पुलिस के चलते केस 3 दिन बाद दर्ज किया गया।

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है की जिस वक्त वारदात हुई छात्रा अपनी कोचिंग से अपने घर की तरफ लौट रही थी, उस समय मंचलों ने छात्रा को अगवा कर लिया। सुजावलपुर क्षेत्र में एक बंद पेट्रोल पंप के कमरे में  छात्रा के साथ दरिंदों ने बंदुक की नोक पर इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया। घटना स्थल से किसी तरह भाग कर मासूम पिडीता सड़क तक पहुंची, वहां एक राहगीर की नजर पिड़ीता पर पड़ी, और उसने इस घटना की जानकारी युवती के परिजनों को दी। मौके पर पहुंचे परिजनों ने मामले की जानकारी फौरन पुलिस को दी, मगर पुलिस मानों किसी गहरी नींद में थी और इस मामले पर कोई कारवाही नहीं की गई।

बता दे, पिड़ीता के परिवार नें एक आरोपी को पकड भी लिया था, मगर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पूरे 3 दिन बाद मामले को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। पिड़ीता को मेडिकल चेकअप के लिया भेज दिया गया और आगे की कार्रवाई जारी है।

 

 

 

पूजा करने गई 50 साल की महिला के साथ गैंगरेप, खून से लथपथ शव को छोड़कर फरार हुए आरोपी

बदायूं। उत्तर प्रदेश में हैवानो की एक बार फिर हैवानियत सामने आई है। एक ओर जहां सरकार महिला की सुरक्षा को लेकर दावे करती है तो वहीं दूसरी ओर ये सभी दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं। ये कहना गलत नही होगा कि मानवता शर्मशार हुई है। हैवानो ने इस बार 50 साल की महिला को अपने हवस का शिकार बनाया और जब महिला ने विरोध किया तो अपराधियो ने ऐसी हैवानियत दिखाई कि आप सोच भी नही सकते।

दरअसल, पहले तो हैवानो ने बारी-बारी से बलात्कार किया। उसके बाद दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया, जिससे उसका आंतरिक हिस्सा तक फट गया। जब खून से लथपथ महिला ने दम तोड़ दिया तो दरिंदो ने महिला को उसी हालत में छोड़कर फरार हो गए। वहीं मामले की जानकारी जब पुलिस को मिली तो पुलिस ने मामले को दबाते हुए पूरे गैंगरेप प्रकरण को झूठा बता दिया। उन्नाव, हाथरस और अब बंदायू शायद जो कोई सुने तो दांतो के तले उंगली दबा ले।

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुई निर्भया गैंगरेप जैसी हैवानियत ने एक बार फिर कानून के रखवाले और पुलिस की सख्ती को बेनकाब कर दिया है। साफ पता चलता है कि यूपी में दरिंदो के आगे पुलिस नतमस्तक है। आप सोच रहे होगें की हम ऐसा क्यों कह रहे हैं?

क्या है पूरा मामला?

बता दें, बंदायू में 50 साल की महिला से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। हत्या की वारदात को सुनकर आपकी रुह कांप उठेगी। दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज भी डालने की कोशिश की। महिला के शरीर के अन्य हिस्सों में गम्भीर चोटें आई हैं। जिन्हें देख कर अब ये साफ हो गया है कि महिला के साथ गैंगरेप हुआ है। गैंगरेप के बाद हत्या ने जहां एक तरफ झकखोर कर रख दिया। वहीं पुलिस ने मामले को दबाते हुए खुद ही फैसला सुना दिया। पुलिस की माने तो महिला की हत्या गैंगरेप के बाद नहीं बल्कि कुएं में गिरने के बाद हुई है।

वहीं पुलिस की इन दकियानूसी बातें सुनने के बाद गुस्साएं परिजनों ने सड़क पर मोर्चा खोल दिया। लेकिन इतना सब होने के बाद भी पुलिस की आंख नहीं खुली। मामले का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बड़े अधिकारियों की नींद खुली। थाना इंचार्ज को मामले की जांच होने तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं मृतक महिला के परिजनों की माने तो उन्होंने उघैती थाना में पूरे मामले की जानकारी दी थी, लेकिन थाना इंचार्ज ने मामले को दबाने की कोशिश की।

पुलिस की लापरवाही आई सामने

मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने घरवालों की तहरीर पर 3 आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप व हत्या का मुकदमा दर्ज किया। बता दें कि घटना बीते 2 जनवरी को हुई थी। लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते 4 जनवरी को शव का पोस्टमॉर्टम न करवाकर 5 जनवरी को 48 घंटे बाद कराया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस ने गैंगरेप के बाद हत्या जैसी बड़ी वारदात में इतनी लापरवाही क्यों बरती?

गौरतलब है कि गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में लापरवाही बरतने व घटना को दबाने के मामले में थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को एसएसपी संकल्प शर्मा ने निलंबित कर दिया है। वहीं पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, बाकि फरार चल रहे दोनो आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

 

पड़ोस में रहने वाले युवक ने 14 साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार, पुलिस ने दर्ज किया केस

रामपुर के कोतवाली मिलक क्षेत्र में दिल को झकझोर कर देने वाली घटना सामने आई है। एक 14 साल की मासूम को उसी के पड़ोस में रहने वाले युवक ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। मामला जब परिजनों तक पहुंची तो वह भी सुनकर चौंक गए। जिसके बाद उन्होंने पुलिस में तहरीर दी। पुलिस ने देर न करते हुए आरोपी को फौरन गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

https://youtu.be/sudYALYbM3o

स्कूटर पर लाश लेकर रात भर गलियों में घूमता रहा ये शख्स, जुर्म छुपाने की हर कोशिश हुई नाकाम

हत्या और फिर हत्या के सुराग को छुपाना, वैसे तो ये हर खूनी करता है। वह पहले हत्या करता है और फिर वहां के सभी सबूतों को मिटा देता है। लेकिन छूट जाते हैं कुछ ऐसे सुराग, जो खुद हत्यारे का पता साफ बताते हैं। ऐसे ही जुर्म की एक ऐसी तस्वीर सामने आई हैं। जिसमें हत्या के बाद युवक लाश को ढिकाने लगाने के लिए बोरे में भरकर रातभर इधर-उधर गलियों में भटकता रहा, उसने लाश को कहां और कैसे ठिकाने लगाया और कैसे पुलिस उस आरोपी तक पहुंचेगी? देखिए इस रिपोर्ट में…

https://youtu.be/nuJEoRs1CuE

16 दिसंबर 2012 की वो मनहूस रात, निर्भया की मां के हौसले बुलंद

16 दिसंबर 2012 की रात देश के लिए किसी मनहूस रात से कम नहीं थी। आज इस कांड को पूरे 8 साल हो चुके है, मगर हमारे जहन से आज भी वो दिल्ली की दर्दनाक तस्वीरें उतरी नहीं है । हर मां बाप की आंखों में खौफ के आंसू आज भी है। दिल्ली की दौड़ती सड़कों पर इस घिनौनी हरकत के बाद भी हर दिन बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। देश की ना जाने कितनी बेटियों ने अपनी जान गवाई है और बार बार प्रशासन को याद दिलाना पड़ा है कि बस अब और नहीं । मगर 2012 हो या 2020 हाल कुछ बदले नहीं है आज भी बच्चियां अपनी इज्जत का बलिदान दे रही है।

आज निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बलात्कारियों के खिलाफ शुरू की अपनी मुहिम के लिए कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल तक लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।

आगे उन्होंने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानूनों में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून जल्द दूर करे। जब हमारा सिस्टम और सरकार जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे। निर्भया केस का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे देश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है।

 इतना ही नहीं निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने ये भी कहा की इस से पहले मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। और आगे भी मुझे जीवन भर इसी पहचान से जाना जाएगा

आगे निर्भया के पिता ने कहा कि आठ साल पहले जब मेरी बेटी मुझसे छीन ली गई तो महिलाओं की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरे और इंसाफ के लिए मेरे परिवार की लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया। मैंने सोचा था यह केस हमारे देश को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन आज भी समाचार देखता हूं तो हर दिन किसी न किसी बेटी से दरिंदगी की खबर होती है। निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है।