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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- कोविड महामारी के दौरान भारत ने 123 देशों को भेजी दवाओं की खेप

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घैब्रेसियस भी मौजूद रहे।

बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने सबसे पहले इस संगठन के अध्यक्ष और अज़रबैजान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्री तैमूर मुसायेव को सम्मेलन के आयोजन और भारत को बैठक में शामिल होने और हमारे सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य अधिकार सुनिश्चित करने में अपना सहयोग जारी रखने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमेशा प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि अपनी जरूरतों के बावजूद, कोविड-19 महामारी के दौरान, हमने 59 एनएएम देशों सहित 123 भागीदार देशों को दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की। भारत कोविड-19 के निदान, चिकित्सा और टीके विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में भी सक्रिय रहा है, क्योंकि हम जानते और समझते हैं कि जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा कि सार्वभौम स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए, भारत ने परिवर्तनकारी रणनीतियों को अपनाया है और सार्वभौम स्वास्थ्य प्रणाली के सभी मूल सिद्धांतों, जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सहित स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, मुफ्त दवाओं और निदान तक पहुंच में सुधार और विनाशकारी स्वास्थ्य देखभाल खर्च को कम करने के उद्देश्य से कई पहलों पर तेजी से काम किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सभी के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसका मतलब है कि भारत के हर नागरिक को विश्व स्तर पर उपचार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। ग्राम आधारित सूक्ष्म योजनाओं पर अधिक जोर देने के साथ पूर्ण टीकाकरण प्रक्रिया तीव्र गति से आगे बढ़ रही है क्योंकि हमारा लक्ष्य एक वर्ष में कवरेज को 90 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

वहीं, भारत की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के बारे में बोलते हुए  डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत नामक हमारी प्रमुख स्वास्थ्य पहल का उद्देश्य 500 मिलियन से अधिक वंचित लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना बन गई है। हमारा सपना है कि इस योजना का दायरा और व्यापक बनाकर, हम इस योजना को हर भारतीय के लिए सुनिश्चित करें! यदि भारत जैसा विकासशील राष्ट्र इस स्तर की ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ नीति का सपना देख सकता है तो, मुझे लगता है कि बाकी दुनिया को भी इससे आगे सोचना होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने वर्तमान महामारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 ने मानव जाति को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह स्वीकार करते हुए कि हमें अधिक गति और पूर्वावलोकन के साथ कार्य करने का प्रयास करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें बीमारियों से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य योजना की आवश्यकता है, जिन्हें समाप्त किया जा सकता है। हमें दवाओं और टीकों की कमी को दूर करने के लिए एक नई कार्य योजना की आवश्यकता है। हमारा आदर्श वाक्य हमेशा निर्धन लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना होना चाहिए। मुझे यकीन है कि आप सभी की यही भावना है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य दायित्वों के कुशल, प्रभावी और उत्तरदायी निर्वहन के लिए सभी गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए हम एक प्रबुद्ध, समावेशी और सहकारी वैश्विक अनुक्रिया की दिशा में भागीदार के रूप में काम करें। मुझे विश्वास है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन देश सार्वजनिक स्वास्थ्य के सभी क्षेत्रों में मजबूत और अधिक लचीले बनकर उभरेंगे।

 

डॉ. हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह के पत्र का दिया जवाब, कहा- आपकी पार्टी में आपके जैसी सोच वाले नेता कम हैं

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री की चिट्ठी पर अब केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा है कि ऐसे असाधारण समय में अगर कांग्रेस के नेता मनमोहन सिंह के बेशकीमती सुझाव मान लें और आपसी सहयोग बनाकर रखें तो अच्‍छी बात होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि दुनियाभर में भारत की वैक्सीन की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। यहां महामारी के खिलाफ 2 वैक्सीन है और यह भारत के लिए गर्व का विषय है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने वैज्ञानिकों की तारीफ में एक शब्द तक नहीं बोले। यह दर्शाता है कि पार्टी में शीर्ष पर बैठे लोगों का नजरिया कैसा है। बता दें कि भारत में 15 अप्रैल तक 10 करोड़ लोगों को सिंगल डोज वैक्सीन लग चुकी है। जबकि करीब डेढ करोड़ लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। भारत में औसतन हर दिन 30 लाख वैक्सीन की डोज दी जा रही है।

11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में बोले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन- वैक्सीन की कोई कमी नहीं है

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज (शनिवार) को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ कोरोना वायरस की स्थिति पर बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश के राज्‍यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है।

जिसे देखते हुए वेंटीलेटर की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा  कि देश में आज सुबह तक राज्यों को वैक्सीन की 14 करोड़ 15 लाख डोज सप्लाई की गई हैं। वेस्टेज को मिलाकर सब राज्यों ने लगभग 12 करोड़ 57 लाख 18 हजार वैक्सीन की डोज का इस्तेमाल किया है। इस समय राज्यों के पास एक करोड़ 58 लाख डोज हैं और सप्लाई के अंदर वैक्सीन की 1 करोड़ 16 लाख 84 हजार डोज हैं। वैक्सीन की कहीं कोई कमी नहीं है।

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने हरित शवदाह गृह का किया अनावरण, कहा- इससे नहीं होगा पर्यावरण को नुकसान

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली के निगम बोध घाट पर हरित शव दाह गृह का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि इस हरित शवदाह गृह से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों को अगाह करते हए कहा कि लोग कोविड के प्रति सजग रहे, जरा सी भी लापरवाही न बरतें।

दरअसल, दिल्ली के निगम बोध घाट पर आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हरित मोक्ष दाह प्रणाली का अनावरण किया। इस मोक्ष दाह प्रणली से पर्यावरण को में हानिकारक प्रदूषण नही फैलेगा। इस ग्रीन प्रणाली से सारा धुंआ एक जगह इकट्ठा होगा। इसमें से सभी हानिकारक तत्व को अलग कर दिया जाएगा साथ ही हरित मोक्ष प्रणाली से हमारे पर्यावरण में जहरीली गैस नही जा पाएगी और पर्यावरण दूषित नही होगा।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना जैसी संक्रमण महामारी पर सावधानी बरतने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग अब लापरवाही बरतने लगे है। जिनकी वजह से कुछ राज्यो में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा हैं। ऐसे में लोगों को अभी भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ मंत्री ने दो गज की दूरी मास्क जरूरी का सख्त संदेश देते हुए अपनी बात खत्म की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- नहीं के बराबर हैं Corona Vaccine  के साइड इफेक्ट, कल लगवाऊंगा टीका  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिए जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बहुत स्पष्ट संदेश  दे दिया है। अब इससे संबंधित हर तरह का दुष्प्रचार खत्म हो जाएगा। मैं आज अपनी बुकिंग करूंगा और कल यानि मंगलवार मेरी वैक्सीन लेने की योजना है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन को लेकर सभी गलत सूचनाओं और संदेहों को दफन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से कह रहा हूं कि हमारी दोनों वैक्सीन सेफ और परफेक्ट हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन के बारे में कोई संदेह न रखें। वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं के बराबर हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीनेशन के कारण अभी तक मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। वैक्सीनेशन के कुछ दिन बाद कोई मौत हुई है, तो उसे वैक्सीनेशन से नहीं जोड़ सकते, क्योंकि हर मौत की जांच वैज्ञानिक दृष्टि से की गई है।

बाबा के चक्कर में फंसे स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी, आईएमए ने भी उठाए सवाल

कोरोना की दवा बनाने के नाम पर बाबा रामदेव एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं। सिर्फ बाबा रामदेव ही नहीं बल्कि देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जिक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर हर्षवर्धन को भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कांग्रेस पार्टी ने निशाने पर ले लिया है। कांग्रेस ने जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से इस्तीफे की मांग कर डाली है, वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी डॉ. हर्षवर्धन पर सवालों की बौछार कर दी।

 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस दवा की विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोई प्रमाणिकता नहीं है और दवा निर्माता कंपनी उस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणित बताकर झूठ बोलती है, उस दवा की लॉन्चिंग की मौजूदगी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का होना बहुत शर्मसार करता है। सुरजेवाला ने कहा जो सूचना ही गुमराह करती हो, जिसकी कोई वैधानिकता नहीं है और जो पूरी तरीके से गलत है, ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा लेकिन यह मोदी सरकार का नया भारत है। ऐसे कार्यक्रम में केंद्र के दो-दो कद्दावर मंत्रियों का होना बताता है कि देश की जनता को कैसे अंधेरे में रखा जा रहा है।

 

सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथों लिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ऐसे अवैज्ञानिक तरीके से पुष्ट की गई दवा की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पूछा है कि अगर रामदेव की दवा इतनी ही प्रभावी है, तो देश में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च करके वैक्सीनेशन क्यों किया जा रहा है।

 

देश भर के डॉक्टरों के संगठन आईएमए ने सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि रामदेव की यह दवा अगर वैज्ञानिक पद्धति से शोध और एविडेंस बेस्ड है तो उसके प्रमाणों को सामने लाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बाबा रामदेव के दावों को पूरी तरीके से खारिज कर दिया है। जिसने पतंजलि के विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से दवा की प्रमाणिकता की बात कही थी।

उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने बाबा रामदेव पर झूठ बोलने और लोगों को गुमराह करने के लिए दिल्ली पुलिस से कार्रवाई करने की भी मांग की है। शिव प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस को टैग किया है और कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नाम पर फर्जी सूचना फैलाई गई और लोगों को गुमराह किया गया। सिंह ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि बाबा रामदेव को इस आरोप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

 

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कैसे पूरा होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना ?  

नई दिल्ली।  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बुधवार को श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के छात्रों को संस्थान के 94वें स्थापना दिवस के मौके पर ऑनलाइन संबोधित किया। इस मौके पर डॉ. हर्षवर्धन ने कॉलेज की उपलब्धियों की जमकर सराहना की।

उन्होंने कहा कि मैं इस सस्थान के संकाय सदस्यों और तमाम हितधारकों को उनके अटूट दृढ़ संकल्प के लिए तहे दिल से बधाई देता हूं, जो छात्रों को जिम्मेदार और सजग नागरिक बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में अहम योगदान देते रहे हैं। तीन साल पहले, फरवरी 2017 में, मुझे एसआरसीसी ग्लोबल मिलेनियम समिट, दुबई के राष्ट्रीय लांच के लिए आप सभी के बीच उपस्थित होने का सम्मान मिला था। मैं इसे बहुत गर्व की बात मानता हूं कि आप सभी मुझ पर अपना प्यार और स्नेह बनाए रखते हैं।  उन्होंने एसआरसीसी को एशिया महाद्वीप में वाणिज्य के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक होने और हर क्षेत्र के कॉर्पोरेट मामलों, कानून और राजनीति में उल्लेखनीय पूर्व छात्रों के निर्माण के लिए भी बधाई दी।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार राष्ट्र के युवाओं पर अधिकतम जोर देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई नई शिक्षा नीति निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा सेवाओं की गुणवत्ता में बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए एक स्पष्ट आह्वान किया है। एक आत्मनिर्भर भारत जो पहले से ही वैश्विक महाशक्तियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।  उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है जब हम अपने युवाओं को ‘इनोवेट, पेटेंट, प्रोड्यूस और प्रॉस्पर’ के लिए प्रोत्साहित करें।

 

जानिए, इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के 58वें राष्ट्रीय सम्मेलन में क्या बोले डॉ. हर्ष वर्धन ?

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बुधवार को डिजिटल माध्यम से इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के 58वें राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में अकेडमी के कार्यों की सराहना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी है कि इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स  भारत सरकार के साथ मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

पोलियो उन्मूलन, टीकाकरण, जंक फूड पर दिशा निर्देश, महामारी के दौरान सरकार की सहायता, रोग प्रतिरोध क्षमता विकास, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में क्षय रोग के खिलाफ लड़ाई, कुपोषण का मुकाबला करने के साथ-साथ किशोरों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आपका काम और समर्थन काफी उल्लेखनीय रहा है। मुझे विश्वास है कि 30,000 से अधिक सदस्यों, प्रत्येक राज्य में एक राज्य शाखा और 350 से अधिक शहरी शाखाओं वाले इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पास बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।

अकेडमी ने बच्चों से जुड़ी 100 विशेष स्थितियों के बारे में अभिभावकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिन्हें इस वर्ष लागू किया जाना है। इन दिशा-निर्देशों पर खुशी जाहिर करते हुए मंत्री ने कहा कि, “यह एक बहुत ही अच्छा और उपयोगी दस्तावेज होगा, जिसका भारतीय अभिभावकों के लिए काफी महत्व होगा। यह और भी ज़्यादा सराहनीय बात है कि आप इसे ज़्यादातर भारतीय भाषाओं में आम जनता को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आपने नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (एनएसएसआर) के संशोधित मॉड्युल के आधार पर ऑनलाइन टूल विकसित किए हैं। अपने आईएपी प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने पिछले एक साल में अपनी ऑनलाइन प्रशिक्षण कला को भी विकसित किया है। इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया और आत्म निर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स को इन ऑनलाइन टूल्स का फायदा पहुंच से दूर लोगों तक पहुंचने, प्रशिक्षण की लागत को कम करने और कर्मचारियों की ज़रूरत को कम करने में मिलेगा।”

मध्य प्रदेश में इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के प्रयासों का उल्लेख करते हए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “मुझे खुशी है कि आप नवजात मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से विशेष रूप से मध्य प्रदेश में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से आपने जो कार्यक्रम डिजाइन किया है, वह छह उच्च प्राथमिकता वाले ज़िलों में उत्साहजनक परिणाम देगा और आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश के सभी ज़िलों और फिर देशभर में इसे लागू किया जाएगा। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारत सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, “अर्ली चाइल्ड डेवलपमेंट, यूनिसेफ और डब्लूएचओ द्वारा वित्त पोषित इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की एक अन्य प्रमुख परियोजना है। यह परियोजना भी काफी महत्वपूर्ण, प्रभावशाली और पथ-प्रदर्शक है। इससे सुनिश्चित होगा की हमारी भावी पीढ़ी का पूरी क्षमता और संभावनाओं के साथ विकास हो।

अपने अध्यक्षीय भाषण के अंत में डॉ. हर्ष वर्धन ने देश में पल्स पोलियो कार्यक्रम को शुरू करने के लिए वर्ष 1994 में अपनी सलाह, मार्गदर्शन और योगदान देने के लिए इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का आभार व्यक्त किया। पल्स पोलियो कार्यक्रम के परिणाम हमारे देश में काफी ज़्यादा सफल और उल्लेखनीय रहे हैं, यही वजह है कि वर्ष 1994 में इस कार्यक्रम की शुरुआत के 20 साल बाद वर्ष 2014 में डब्ल्यूएचओ ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया।

 

जीओएम की 23वीं बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा-  कोराना को नियंत्रित करने में भारत को मिली बड़ी सफलता  

नई दिल्ली।  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड -19 से जुड़े उच्चस्तरीय मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 23वीं बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड के प्रबंधन के लिए गठित मंत्रियों के समूह को काम करते हुए अब एक साल हो गया है। उन्होंने कहा कि पहला मामला पिछले साल 30 जनवरी को दर्ज किया गया था और कोविड के प्रबंधन के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की पहली बैठक 3 फरवरी 2020 को हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की परिकल्पना के अनुरूप  सरकार  और  समाज  के दृष्टिकोण के साथ  भारत ने सफलतापूर्वक इस महामारी को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की। पिछले 24 घंटों में 12,000 से भी कम मामले दर्ज किए गए हैं और सक्रिय मामलों की संख्या घटकर मात्र 1.73 लाख रह गई है।

उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि 146 जिलों में पिछले 7 दिनों से, 18 जिलों में 14 दिनों से, 6 जिलों में 21 दिनों से और 21 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। यह उपलब्धि बहुत ही सक्रियता के साथ जांच के जरिए हासिल की गई है। अब तक 19.5 करोड़ से अधिक जांच की कई है। जांच की वर्तमान क्षमता 12 लाख प्रतिदिन है।

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुल सक्रिय मामलों में से  मात्र 0.46% वेंटिलेटर पर हैं, 2.20% आईसीयू में हैं और महज 3.02% ऑक्सीजन सहायता पर हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यूके वेरिएंट के अब तक 165 मामले सामने आए हैं। उन्हें सुपरवाइज्ड क्वारंटीन और निगरानी में रखा गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने ऐसे वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के दौरान कोविड-19 के टीके की आपूर्ति के माध्यम से अन्य देशों को सहयोग दिया है और टीका देने के तरीकों के बारे में कई देशों के स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया है।