लद्दाख। लद्दाख में चीनी सेना ने एक बार फिर भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने त्सो झील के पास से एक चीनी सैनिक को हिरासत में ले लिया है। ये चीनी सैनिक भारत की सीमा में घूम रहा था। पकड़े गए चीनी सैनिक से भारतीय सेना के अधिकारी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी का एक सैनिक 8 जनवरी को LAC को लांघकर लद्दाख की भारतीय सीमा में पहुंच गया। जिसके बाद उसे वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने पकड़ लिया। सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस चीनी सैनिक की गिरफ्तारी पैंगोंग झील के दक्षिण एरिया से की गई है। चीनी सैनिक ने दावा किया कि वह रास्ता भटक कर भारत की सीमा में प्रवेश कर गया था।
आपको बता दें कि पिछले साल मई के महीने से लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने खड़ी हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक को पहले से निर्धारित निर्धारित प्रक्रियाओं और परिस्थितियों के अनुसार डील किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि Rezang La के पास से गिरफ्तार किए गए PLA के सैनिक के बारे में चीनी सेना को सूचित कर दिया गया है। दोनों सेनाएं इस सैनिक को लेकर आपस में बात कर रही हैं।
नई दिल्ली। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना लगातार सीमा पर खुद को सशक्त कर रही है। अब खबर आई है कि भारतीय सेना गलवान घाटी में चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने के बाद LAC और आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़त बना रही है।
अब भारतीय सेना पैंगोंग झील में भी चीनी PLA पर पहले से ज्यादा मजबूत होने जा रही है। दरअसल पैंगोंग झील ही नहीं बल्कि अन्य बड़े जलाशयों की निगरानी करने के लिए इंडियन आर्मी ने 12 अत्याधुनिक बोट की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है।इस खरीद को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत से भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है।
ये बोट गोवा शिपयार्ड लिमिटेड तैयार करके भारतीय सेना को देगा। इन नौकाओं में सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुरूप विशेष उपकरण लगाए जाएंगे। भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा है कि मई 2021 से इन नौकाओं की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
बड़े जलाशयों में इन नौकाओं का इस्तेमाल गश्त करने और निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि उसने अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं के लिए गुरुवार को भारतीय सेना के साथ करार किया गया है।
नई दिल्ली। चीन के साथ विवादस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बयान दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री लेवल और कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत चल रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है। दोनों देशों के बातचीत अगले राउंड की होगी, बातचीत से सकरात्मक परिणाम निकले, यही हमारी अपेक्षा है।
बता दें कि बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिक कम नहीं किए जाएंगे। चीन भी इस और बढ़ता नहीं दिख रहा है। चीन सीमा पर 50 साल बाद गोली चलने की बात पर सिंह ने कहा, “भारत शांति का पुजारी रहा है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई देश विस्तारवादी है, तो भारत की भूमि की जमीन पर कब्जे की कोशिश करता है तो भारत के अंदर वह ताकत है कि किसी भी सूरत में अपनी जमीन को दूसरे देश के हाथ में नहीं जाने देगा। चाहे कोई भी देश हो।
#WATCH India has a sharp focus. ‘Jo hume chedega hum usse chhorenge nahi’. We want to maintain peaceful relations with all nations: Defence Minister Rajnath Singh to ANI, on being asked if this year’s incident at the border was a result of possible collusion between China-Pak pic.twitter.com/AxcPSKxEfs
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक चीनी कंपनी और उसके भारतीय साझीदार के कंसोर्टियम को 44 वंदे भारत ट्रेन सेट निर्माण के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। इस सिलसिले में चीनी कंपनी और उसके भारतीय साझीदार की बोली खारिज कर दी गई है। यह परियोजना लगभग 1,800 करोड़ रुपये की है।
अब केवल दो घरेलू कंपनियां भेल और मेधा सर्वो ड्राइव्स की बोलियां मान्य हैं। सूत्रों का कहना है कि मेधा को पहले ऐसी दो ट्रेन सेट के निर्माण का ठेका मिला था, क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी।
बता दें कि वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने के लिए पिछले साल भी रेलवे ने टेंडर जारी किया था, लेकिन तब चीन की कंपनी ने टेंडर के नियमों के अनुसार अपने को ढालते हुए एक नई कंपनी बना कर टेंडर किया था, जिसके चलते रेलवे ने वो टेंडर ही कैंसल कर दिया था। नए सिरे से निकाले गए टेंडर में चीन ने एक बार फिर एक भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर कोशिश की थी, लेकिन इस बार फिर रेलवे ने अपने इस मेगा प्रोजेक्ट से चीन को दूर कर दिया ।
नई दिल्ली। ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत अब बड़ा प्लान बना रहा है। भारत चीन के दुश्मन देश के साथ युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रहा है। भारत चीन को सख्त संदेश देने के लिए इस प्लान पर आगे बढ़ रहा है।
चीन को सबक सिखाने और उसे बड़ा मैसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है। यह युद्धाभ्यास 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ ‘संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास’ होगा।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने यह जानकरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है। नौसेना के अफसरों का कहना है कि इंडियन नेवी का पोत ‘आईएनएस किल्टन’ मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया है। लौटते समय यह इस अभ्यास में शामिल होगा।
बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी और वियतनामी समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था।