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कुंभ:अखाड़ों की धर्मध्वजा की तारीख हुई तय, जानें डेट

उत्तराखण्ड। जूना अखाड़ा की ओर से 3 मार्च को जूना अखाड़ा परिसर में स्थित तीनों अखाड़ों जूना, आह्वान और अग्नि की दत्तात्रेय चरणपादुका के निकट शाम 4 बजे धर्मध्वजा स्थापित की जाएगी। इसके दूसरे दिन 4 मार्च को सुबह लगभग 11 बजे जूना अखाड़े और अग्नि अखाड़े की पेशवाई नजीबाबाद-हरिद्वार रोड पर स्थित कांगड़ी ग्राम में श्री प्रेमगिरि आश्रम से प्रारंभ होगी।

जो निर्धारित पेशवाई मार्ग से होती हुई जूना अखाड़े की छावनी में प्रवेश करेगी। 5 मार्च को आह्वान अखाड़े की पेशवाई होगी। जो श्रीमहंत प्रेमगिरी आश्रम कांगड़ी से पूर्व निर्धारित पेश्वाई मार्ग से होते हुए जूना अखाडे़ छावनी में प्रवेश करेगी। तीनों अखाड़ों के पदाधिकारियों ने बैठक करने के बाद ही तिथियों की घोषणा की।

तीनों अखाड़ों की जूना अखाड़े में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि की अध्यक्षता में आह्वान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्य गिरि, मंत्री श्रीमहंत राजेश गिरि, श्रीमहंत राजेंद्र भारती, अग्नि अखाडे़ के ब्रहमचारी साधनानंद, जूना अखाडे़ के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, गादी पति श्रीमहंत पृथ्वी गिरी, श्रीमहंत पूरण गिरि,थानापति नीलकंठ गिरि ने गहन विचार-विमर्श के बाद तिथियों की घोषणा की। केंद्र और प्रदेश सरकार की गाइड लाइन और कोरोना को देखते हुए सभी कार्यक्रम निश्चित किए गए।

कुंभ के लिए जारी हुई एसओपी, जानिए पूरी गाइडलाइन्स

उत्तराखंड।हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के दौरान स्नान को अधिकतम 20 मिनट का समय मिलेगा। इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने को, कुंभ मेला प्रशासन को पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात रखने होंगे। किसी भी स्थिति से निपटने को घाटों पर तैराक भी तैनात रखने होंगे।

कुंभ मेला की जारी एसओपी में घाटों पर स्नान की व्यवस्था स्पष्ट की गई है। 20 मिनट के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों की निकासी को पर्याप्त संख्या कर्मचारी रखने होंगे। ताकि तीर्थयात्रियों को अगला जत्था समय पर स्नान कर सके। कुंभ मेले के दौरान स्नान घाटों पर किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने को मौके पर तैराक, गोताखोर तैनात रहेंगे।

पवित्र स्नानों के दौरान घाटों पर सुरक्षा और सामाजिक दूरी के मानक का पालन करना होगा। इसके साथ मौके पर ट्रेंड स्वयं सेवक, पुलिस बल और कर्मचारियों की टीमें तैनात रहेंगी।

मेला प्रशासन की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान को स्नान घाटों पर गतिविधियों को प्रबंधन तंत्र विकसित किया जाए। इसके उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

अहम बिंदु
-मास्क, दस्ताने के निस्तारण को स्नान घाट पर डस्टबिन रखे जाएंगे। सख्ती के साथ डस्टबिन का इस्तेमाल सुनिश्चित कराना होगा।
-बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी।
-पुलिस, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों को स्नान घाट में संचार तंत्र स्थापित करना होगा। जिसके जरिए घाटों पर तैनात तैराकों के बीच समन्वय बनाया जा सके।
-घाट पर सभी कर्मचारी पीपीई किट से लैस होंगे। सभी सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे।

इनका करना होगा पालन:
– दुकान-प्रतिष्ठान में आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग होगी, मास्क अनिवार्य होगा, सेनेटाईजेशन की सुविधा रखनी होगी।
– दुकान में कोविड़ 19 की रोकथाम से जुड़ी जानकारियां, गाइडलाइन, कंट्रोल रूम नंबर और नजदीकी कोविड़ 19 उपचार केंद्र के नंबर की जानकारी से जुड़े पोस्टर-नोटिस बोर्ड लगाने होंगे।
– व्यापारी उनके प्रतिष्ठान में आने वाले तीर्थयात्रियों को आरोग्य सेतू एप डाउन लोड करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
– संदिग्ध कोविड रोगियों के परिवहन के लिए मेला स्वास्थ्य दल के सहयोग से एंबुलेस की व्यवस्था भी करनी होगी