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गाजीपुर बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान, NH-24 की दोनों सड़कें बंद

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग लेकर 2 महीने से भी अधिक दिन से चल रहा धरना प्रदर्शन शनिवार को 66वें दिन में प्रवेश कर गया है। गणतंत्र दिवस पर राजधानी में मचे उपद्रव और शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुए बवाल के बाद प्रदर्शनकारियों में अब डर का माहौल है। पुलिस की ओर से तीन तरफ से घेर लिए जाने के बाद अब हालात ऐसे बन गए हैं कि प्रदर्शनकारी यहां से भागने लगे हैं। शुक्रवार शाम को काफी लोग नरेला के रास्ते जाते हुए दिखे। सामान लादकर दो ट्रक उन्होंने नरेला की ओर खड़े कर दिए हैं। यह सब शुक्रवार को पुलिस पर किए गए हमले के बाद का माहौल है।

इस बीच पंजाब और हरियाणा से सिंधु बॉर्डर पर आ रहे किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ा निर्णल लिया है। इसके तहत दिल्ली की सीमा में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर भी सड़क खोदी जा रही है। इसके लिए जेसीबी की मदद ली गई है।

बताया जा रहा है कि अगले कुछ घंटों के दौरान सड़क पर गड्ढा कर दिया जाएगा, जिसके बाद प्रदर्शनकारी अपने वाहनों के जरिये यहां पर नहीं  आ सकेंगे। वहीं, गांव वालों को प्रदर्शन स्थल की ओर जाने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर से 2 किलोमीटर पहले भारी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान मौजूद हैं।

शनिवार दोपहर में हालात के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद और गाजीपुर के बीच नेशनल हाई-वे के दोनों ओर का रास्ता बंद कर दिया  है। यह जानकारी दिल्ली यातायात विभाग ने दी है।

राहुल का एक और विवादित बयान, कहा- ‘अगर कृषि कानून समझ गए किसान तो देश में लग जायेगी आग’

नई दिल्ली। किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं, हलांकि कुछ दलों ने किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस कर आंदोलन से अलग हो गए हैं।

वहीं अब अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए एक और विवादित बयान दे डाला है। राहुल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसानों को कृषि कानून पूरा समझ आ जायेगा तो पूरे देश में आग लग जायेगी। बता दें कि राहुल गांधी ने ये बात वायनाड में एक जनसभा का संबोधित करने के दौरान कही।

https://youtu.be/NzcX6NH05sY

किसान आंदोलन : सिंघु बॉर्डर पर हंगामा, लाठी चार्ज कर पुलिस ने हालात को किया काबू

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 65वें दिन शुक्रवार को भी जारी है। बृहस्पतिवार को किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों से गिरे आंसुओं के बाद आंदोलन एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों स्थानीय लोगों में हिसंक झड़प हो गई। जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

जानकारी के अनुसार स्थानीय होने का दावा करने वाले करीब 150 से ज्यादा लोग शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर के धरनास्थल के करीब पहुंचकर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। कथित स्थानीय प्रदर्शनकारी किसानों से जल्द सिंघु बॉर्डर को खाली कराने की मांग की। साथ ही ये लोग ‘तिरंगे के अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ जैसे नारे लगा रहे थे, जिसके बाद दोनों गुटों में संघर्ष और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। फिलहाल, तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।

 

शशि थरूर और 6 पत्रकारों पर देशद्रोह का केस, झूठी खबर फैलाने के आरोप

नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में 26 जनवरी को हुए उपद्रव के ममाले में कांग्रेस सांसद  शशि थरूर समेत छह पत्रकारों पर के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।

इन सभी पर गणतंत्र दिवस के दिन निकाली गए किसान ट्रैक्टर मार्च को लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबर पोस्ट और सामाजिक वैमनस्य फैलाने के आरोप लगाए हैं। इन सभी पर देशद्रोह समेत आपराधिक षडयंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने समेत आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए हैं।

जिन छह पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, विनोद जोस, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ का नाम शामिल है।

बता दें कि दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान ITO पर एक किसान की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई थी। हालांकि किसानों ने पुलिस की गोली से उसकी मौत की बात कही और इसी दावे को लेकर शशि थरूर और सरदेसाई समेत तमाम लोगों ने ट्वीट किया। इन्हीं ट्वीट्स के लिए अब थरूर और छह पत्रकारों पर नोएडा में केस दर्ज किया गया है।

 

गाजियाबाद प्रशासन का प्रदर्शनकारी किसानों को अल्टीमेटम, आधी रात तक खाली करें यूपी गेट

गाजियाबाद। योगी सरकार के आदेश के बाद गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को बृहस्पतिवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार से बात नहीं होगी तब तक धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा। जब तक गांव के लोग ट्रैक्टरों से पानी नहीं लाएंगे, तब तक मैं पानी नहीं पीऊंगा। प्रशासन ने पानी हटा दिया, बिजली काट दी, सारी सुविधा हटा दी।

‘मैनें अगर मुंह खोला तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा’; फेसबुक लाइव आकर दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को दी चेतावनी

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर किसानों द्वारा मचाए गए उत्पात के बाद अब दीप सिद्धू को इस पूरे प्ररकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव आकर अपनी बात रखी और किसान नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैनें अंदर की बातें खोलनी सुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की जगह नहीं मिलेगी।

दरअसल, पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने गुरुवार रात डेढ़ बजे फेसबुक लाइव किया और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने किसान नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अंदर की बातें खोलनी शुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की राह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बात को सिर्फ डायलॉग न समझें और उनके पास हर बात की दलील है।

फेसबुक पर लाइव वीडियो में दीप सिद्धू ने कहा कि मैं गद्दार नहीं हूँ और मैंने लोगों को लाल किले तक नहीं पहुँचाया। पंजाबी कलाकार ने कहा कि यह जनता का निर्णय था जो पंजाब से विरोध करने के लिए सभी तरह से आया था। कोई भी उनका नेतृत्व नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के नेता जिन्होंने उन्हें देशद्रोही कहा, उन्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि वे सरकार की बोली बोल रहे हैं।

गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने कहा कि उनके बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं, ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जानी चाहिए। दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर झंडा लगाने के विषय में दीप सिद्धू ने कहा कि युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था। बाद में किसान नेताओं ने दिल्ली में तय रूट पर परेड की बात कह दी, जिस पर युवाओं ने रोष जाहिर किया तो किसान नेता वहाँ से किनारा करने लगे।

अपने लाइव वीडियो में सिद्धू ने भाजपा और आरएसएस से अपने रिश्तों को गलत बताते हुए कॉन्ग्रेस से भी रिश्तों को नकार दिया। किसान नेताओं को घमंडी बताते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने इस मामले में स्टैंड नहीं लिया। उन्होंने अपने वीडियो में बार-बार लाल किले पर झंडा लगाने की बात का बचाव किया। साथ ही, बाइक पर भागने के वायरल वीडियो पर दीप सिद्धू ने कहा कि जिसकी पुष्टि नहीं है, उसे सच माना जा रहा है।

लाल किले में हुई हिंसा और उपद्रव में नाम उछलने के बाद पंजाबी कलाकार और कार्यकर्ता दीप सिद्धू गायब हो गए हैं। दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड की घटना के 2 दिन पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना दिल्ली पहुँचे थे और बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच लक्खा ने भड़काऊ भाषण भी दिया था।

किसने मारी गोली? किसान की मौत पर दिल्ली पुलिस को फंसाने की साजिश!

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे प्रदर्शनकारी किसान हिंसक हो गए थे।सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल हुए किसान लाल किले में घुस गए। देर रात दिल्ली पुलिस ने पूरे लाल किला को खारी करा दिया है और वहां सुरक्षा भी बढ़ा दी गई।

आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुईं, स्थिति को काबू करने के लिए सरकार की ओर से अगले आदेश तक बॉर्डर के इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं कई मेट्रो स्टेशनों के गेट के साथ ही कई रास्ते भी बंद कर दिए गए थे। इस दौरान एक किसान की मौत होने की भी खबर है। मृतक किसान नवनीत सिंह उत्तराखंड का रहने वाला था। किसानों ने पुलिस पर नवनीत को गोली मारने का आरोप लगाया है।

किसानों के हिंसक प्रदर्शन पर एक्शन में गृह मंत्रालय, दिल्ली में 1500 अर्धसैनिक बलों की होगी तैनाती  

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राजधानी दिल्ली में किसानों के हिंसक प्रदर्शन ने देश का माहौल बदल दिया है। मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की। गृह मंत्री की इस बैठक में गृह सचिव, दिल्‍ली पुलिस के अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि अब दिल्‍ली में 1500 से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी।

इसके अलावा बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं, जहां पर मंगलवार को यानी आज हिंसा हुई है। यह जगह नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर हैं।

बता दें कि मंगलवार को किसानों ने गणतंत्र दिवस परेड के बाद दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर रैली निकालनी शुरू की। लेकिन बाद में यह रैली हिंसक प्रदर्शन में बदल गई। आक्रोशित किसानों ने कई जगहों जमकर उत्पात मचाने के साथ पुलिस से भिड़ गए। इतना ही नहीं आक्रोशित किसानों ने कई जगहों पर पुलिस द्वार लगाए गए बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। उधर, लाल किले पर पहुंचे किसानों ने किले की गुंबद पर अपना झंडा फहराया। हालत को देख पुलिस को कई जगहों पर  लाठीचार्ज करना पड़ा।

 

किसान ट्रैक्टर रैली: सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड्स

नई दिल्ली। देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के राजपथ के साथ-साथ आज हर किसी की निगाहें दिल्ली की सीमाओं पर भी टिकी हुई है। कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान आज दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। कड़ी सुरक्षा और तमाम व्यवस्थाओं को करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत दी है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हो गया है। बार-बार दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही रूट के बारे में बताया जा रहा है। किसानों को राजीव गांधी ट्रांसपोर्ट पर रोक दिया गया है।

किसानों की ओर से निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में जेसीबी भी शामिल हुई है। जेसीबी के अंदर बैठकर महिलाएं भी ट्रैक्टर परेड में शामिल हो रही हैं। जेसीबी से किसानो ने रास्ते चौड़े किए और बैरिकेड्स हटाए। संगीत की धुन और देशभक्ति के नारों के साथ किसानो के ट्रैक्टर आगे बढ़ रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर के बाद टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया है।

सिंघु बॉर्डर से किसानों के एक जत्थे ने ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी किसान किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब से जुड़े हुए हैं। अभी संयुक्त किसान मोर्चा का मार्च शुरू नहीं हुआ है।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया है। किसानों की ओर से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की जा रही है।

भैंसा गाड़ी पर सवार होकर किसान आंदोलन में शामिल होने गाजीपुर बॉर्डर पहुंची शिल्पी अरोड़ा

उत्तराखंड। कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेत्री शिल्पी अरोड़ा भैंसागाड़ी मे सवार होकर सोमवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गईं। उन्होंने किसानों के साथ भैंसा गाड़ी में बैठकर कानूनों का विरोध किया। कहा कि केंद्र सरकार इस आंदोलन में पंजाब के किसानों के शामिल होने की बात कह रही है। लेकिन सच यह है कि देश के कोने-कोने से किसान आंदोलन में पहुंच रहे है। इतना ही नहीं सभी राज्यों से बड़ी संख्या में महिलाएं भी किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रही हैं।

बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के  लिए देश के हर राज्य से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। शिल्पी अरोड़ा ने भैंसा गाड़ी पर सवार होकर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। वहीं भैंसा गाड़ी की रैली का यह नजारा किसी ने कैमरे में कैद कर लिया। जिसको लोग चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर जमकर वायरल कर रहे हैं और खूब मजे ले रहे हैं।

शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि हर किसान इतना अमीर नहीं होता कि वह महंगी गाड़ियों में घूम सके। साथ ही उन्होंने कहा कि जब देश का अन्नदाता ही नहीं खुश है, तो देश कैसे खुश हो सकता है। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों द्वारा ऐतिहासिक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी, जिसमें उत्तराखंड के भी लाखों किसान शामिल हो रहे हैं।

रिपोर्ट- डीके सरकार