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मध्य प्रदेश : धर्म परिवर्तन कराने वालों की अब खैर नहीं, विधानसभा से लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून पारित

मध्य प्रदेश विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’ सोमवार को पारित हो गया। राज्य में इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा। इसके तहत अब जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल हो सकती है।

बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक मार्च को इस विधेयक को सदन में पेश किया था सोमवार को जिसे चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

कानून के अनुसार अब जबरन, भयपूर्वक, डरा-धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ शिकायत प्राप्त होते ही संबंधित प्रावधानों के मुताबिक आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार के इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा।

लव जिहाद के मुद्दे पर योगी सरकार की तारीफ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कह दी ये बड़ी बात

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने योगी सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण कानून की सराहना करते हुए यूपी में योगी शासन को बेहतर बताया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि लव जिहाद के मुद्दे पर योगी सरकार का पर्फॉरमेंस ए 1 है।

बता दें कि एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यूपी में लव जिहाद कानून को लेकर पूछे गए सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहा कि योगी सरकार का पर्फॉर्मेंस A1 है।’ इसके अलाव जब राजनाथ सिंह से उनके कार्यकाल से योगी सरकार की तुलना की गई तो उन्होंने कहा, जहां तक मेरा सवाल है तो मैं कह कहूंगा कि मुझसे बहुत बेहतर हैं।

 

 

धर्म बदलकर सोहेल से रचाया निकाह, पति और ससुर ने किया बलात्कार

दिल्ली में एक लड़की ने अपने पति और ससुर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। पीड़ित लड़की ने अपना धर्म बदलकर मुस्लिम युवक सोहेल से कोर्ट मैरिज की थी। लड़की का कहना है कि वह सोहेल को 3 साल से जानती थी। दोनों स्कूल में एक साथ पढ़ते थे। तीन महीने पहले धर्म बदलकर उसने सोहेल से शादी की थी, लेकिन अब उसे वेश्यावृत्ति में ढकेलने की कोशिश की जा रही है।

पीड़िता ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि उसकी सोहेल से मुलाकात 3 साल पहले स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई ती। उस समय वह नाबालिग थी। एक दिन सोहेल ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ रेप किया। कुछ दिनों बाद पीड़िता ने सोहेल के साथ शादी की। शादी के बाद सोहेल के अब्बा ने भी उसके साथ बलात्कार किया। वहीं उसकी सास उसे वेश्यावृत्ति में धकेलने का प्रयास करती है।

आजतक की खबर के अनुसार, रोहिणी की डीसीपी पीके मिश्रा का कहना है कि लड़की और लड़के के बीच दोस्ती स्कूल के समय से थी। दोनों एक दूसरे को 3 साल से जानते थे। 3 महीने पहले दोनों ने एक दूसरे से शादी की। लेकिन, अब लड़की का कहना है कि उसके ससुर शफीक अहमद ने उसका रेप किया। वहीं पति ने भी 17 साल की उम्र में एक पार्टी में उसका बलात्कार किया था।

पुलिस के मुताबिक, वर्तमान में लड़की बालिग है और अपने बयान पर कायम है। इसी आधार पर अमन विहार थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही उसके पति सोहेल और ससुर शफीक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

 

लव जिहाद के खिलाफ बने कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अंतरधार्मिक विवाह के नाम पर धर्मांतरण रोकने के लिए बनाये गए विवादास्पद कानूनों पर रोक लगाने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। हालांकि, याचिकाकर्ता के अनुरोध करने पर विचार करने के लिए राजी हो गया। सुप्रीम कोर्ट अब इन कानूनों की संवैधानिकता की जांच करेगा,  जिसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा है।

बता दें कि विशाल ठाकरे एवं अन्य तथा सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर-सरकारी संगठन सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन कानूनों को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।
याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने कहा कि अगर आरोपी दमनकारी या गलत है तो क्या कानून पर रोक लगाई जा सकती है?   सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इन मुद्दों पर चर्चा कर के दलीलें सुनने के पक्ष में है, बजाए कि इसे अभी रोकने के।

 

शफीक से रवि बना युवक रचाने जा रहा था हिंदू युवती से निकाह, पुलिस ने ऐसे दबोचा…

भोपाल, मप्र। लव जिहाद के केस खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला भोपाल के कोलार क्षेत्र का है, जहां एक मुस्लिम युवक रफीक ने अपना नाम बदलकर युवती से शादी की। रफीक ने अपना नाम रवि बताया और उसी नाम से फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिया। बता दें कि पुलिस ने युवक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित युवती की उम्र 23 साल की है, वह औबेदुल्लागंज की रहने वाली थी। युवती चार साल पहले बीमार थी, उसे चलने-फिरने में दिक्कत होती थी। इस दौरान होशंबादा निवासी 23 वर्षीय शफीक उसके पैरों की मालिश के लिए आता था। उसने अपना नाम रवि यादव बताया था। घर वालों से फोने मिलने के बाद युवती ने रवि से फोन पर बात करने लगी। फिर एक दिन रवि ने युवती से अपने प्रेम का इजहार करते हुए शादी की बात की। परिचय के लिए आरोपित ने अपना आधार कार्ड दिया। बाद में परिवार वाले भी शादी के लिए तैयार हो गए। रविवार 27 दिसंबर को एक मंदिर में शादी करना तय हुआ। शादी से पहले हिंदू संगठन के लोगों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस युवक को थाने ले गई और पूछताछ की। आरोपित ने पूछताछ में कुबूल किया कि उसका वास्तविक नाम मोहम्मद रफीक है।

आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

सोमवार को युवती ने कोलार थाना जाकर आरोपी रवि उर्फ मोहम्मद रफीक के खिलाफ शिकायत की। इस पर पुलिस ने शून्य पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। केस डायरी औबेदुल्लागंज भेजी जा रही है, जहां असल कायमी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जांच में यह बात भी सामने आई है कि शादी से पहले आरोपित ने युवती के परिजनों का अपना सही नाम बता दिया था।

भोपाल दक्षिण के पुलिस अधीक्षक सांई कृष्णा एस.थोटा ने बताया कि आरोपित ने फर्जी आधार कार्ड बनाया था। उसने ऐसा क्यों किया, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। कोलार थाने में केस दर्ज कर केस डायरी औबेदुल्लागंज भेजी जा रही है।

‘प्यार किया तो डरना क्या’: ‘लव जिहाद’ के खिलाफ योगी का पहरा, राज्य छोड़कर भाग रहे हैं कपल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे लव जिहाद के मामले को देखते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही अध्यादेश लाकर धर्मांतरण विरोधी का कानून लागू कर दिया हो, लेकिन अब प्रदेश में लव जिहाद के मामले एक नया मोड़ लेना शुरू कर दिए हैं। जिस विचार करना महत्वपूर्ण है।

नव भारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वाराणसी की रहने वाली एक हिंदू युवती ने बताया कि वह पिछले 4 साल से मुस्लिम युवक मोहम्मद इकबाल से प्यार करती हैं। वह चार साल से अपने परिवार को मनाने का काम कर रही हैं, ताकि परिवार इकबाल को कुबूल कर ले। लेकिन यूपी में नए धर्मांतरण विरोधी कानून के आने से अनेक परेशानियां पैदा हो गई हैं। युवती को अब डर है कि कहीं उनके माता-पिता इस कानून के तहत केस दर्ज न करा दें, इसी डर की वजह से युवती को राज्य छोड़कर बाहर जाना पड़ा।

कहानी सिर्फ एक कपल की नहीं, बल्कि ऐसे कई मामले हैं और कई ऐसे कपल हैं जो प्रदेश छोड़कर कहीं और जाकर बस रहे हैं।

सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही 26 साल की युवती ने बताया कि, ‘जब मेरे माता-पिता को इकबाल के बारे में पता चला तो मैं बहुत डर गई। उन्होंने मुझे कमरे में बंद कर लिया। घर के हर एक जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए ताकि मेरे ऊपर नजर रखी जा सके।’

फरवरी में शादी के पंजीकरण की तारीख

युवती ने बताया कि मौका देखकर वह इकबाल के साथ भागकर दिल्ली आ गई। उन लोगों ने यहां एक किराए का घर लिया है। अब विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने शादी करने के लिए पंजीकरण कराया। उन्हें शादी की तारीक फरवरी महीने की मिली है।

सुरक्षा मांग रहे हैं कपल

ऐसे ही एक वाक्या मोहम्मद साहब के साथ हुआ। मोहम्मद एक हिंदू लड़की से चार साल पहले कॉलेज में मिले थे, जहां दोनों में प्यार हो गया। दोनों यूपी के एक छोटे से गांव में रहते हैं। शादी भी करना चाहते हैं, लेकिन परिजन तैयार नहीं है। उनकी मांग है कि कोर्ट के बाहर उन्हें सुरक्षा दी जाए ताकि वह शादी कर सकें।

दिल्ली में बस रहे हैं कपल

शाहजहांपुर के रहने वाले एक कपल मोहम्मद शमीम बताते हैं कि वे लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। राज्य के बाहर होने के बावजूद जब उनके परिजनों को उनके ठिकाने के बारे में पता चला तो उन्होंने अपना सिम बंद कर दिया। शमीम ने बताया कि उसे धमकियां मिल रही हैं। फिलहाल दोनों दिल्ली में रह रहे हैं।

लव जिहाद विरोधी विधेयक को शिवराज कैबिनेट ने दी मंजूरी, दोष सिद्ध होने पर अब होगी 10 साल की सजा

भोपाल। शिवराज सरकार ने राज्य में  लव जिहाद से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी है।  मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत धर्म परिवर्तन मामले में पीड़ित पक्ष के परिजनों की ओर से शिकायत करने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
नए कानून में तहत सिद्ध होने पर सजा भी हो सकती है। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी।

धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020′ को लेकर बताया गया है कि अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध एक से अधिक बार अपराध करने पर कम से कम पांच वर्ष तथा अधिकतम 10 साल के कारावास का प्रावधान किया गया है।  विधेयक में निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करने की बाध्यता आरोपी पर रखी गई है।

इसमें अपराध की पीड़ित महिला एवं पैदा हुए बच्चे का भरण पोषण प्राप्त करने के अधिकार होने के भी प्रावधान किए गए हैं। पैदा हुए बच्चे को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रखे जाने का प्रावधान शामिल किया गया है।