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BJP की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को दिया चुनावी मंत्र, पढिए पूरी खबर    

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल के बाद रविवार को हुई BJP की सबसे बड़ी बैठक को संबोधित किया। बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों से लेकर प्रदेशों के सभी अध्यक्ष और संगठन महामंत्रियों ने हिस्सा लिया।

बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं का मार्गदर्शन किया। बैठक की शुरुआत में कोरोनाकाल के दौरान जान गंवाने वाले पार्टी कार्यकतार्ओं को श्रद्धांजलि दी गई।

कोरोनाकाल के बाद बीजेपी की हुई इस पहली बड़ी बैठक में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल समेत पांच प्रमुख चुनावी राज्यों पर खासतौर से मंथन चल रहा है। वही, पार्टी अब तक के अभियानों की समीक्षा करते हुए आगामी कार्यक्रमों का रोडमैप तैयार करने पर भी चर्चा कर रही है।

सार्क बैठक में कोविड से निपटने के रोडमैप पर होगी चर्चा, पाक को भी दिया न्यौता

कोरोना संकट पर चर्चा के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन देशों (सार्क) की बैठक गुरुवार को आयोजित होगी। वर्चुअल माध्यम से आयोजित होने वाले इस स्वास्थ्य सचिव स्तर की बैठक की मेजबानी भारत करेगा। इस बैठक में पाकिस्तान को भी हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इसके पहले सार्क देशों की बैठक कोविड की शुरुआती जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बुलाई गई थी। पाकिस्तान उस बैठक में शामिल हुआ था, लेकिन उसकी बदनीयती बैठक में नजर आई थी। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर हुई उस बैठक में सार्क देशों ने कोरोना वायरस को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए रणनीति पर चर्चा की थी। वहीं, पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री जफर मिर्जा ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में लगे सभी प्रतिबंध को हटाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को होने वाली बैठक में कोविड के खिलाफ अपनाई गई रणनीति और श्रेष्ठ उपायों के साथ भविष्य के रोडमैप पर भी चर्चा होगी, जिसमें टीकाकरण का अभियान भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि 15 मार्च, 2020 को, सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों के एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र के लिए कोरोना वायरस इमरजेंसी फंड का प्रस्ताव दिया था। यह आपातकालीन कोष वैश्विक महामारी के जवाब में स्थापित किया गया था। सार्क के अन्य सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के प्रस्ताव पर समर्थन व्यक्त किया था। भारत ने इसमें 10 मीलियन यूएस डॉलर का योगदान दिया। अन्य सदस्य देशों ने भी इसमे भागीदारी सुनिश्चित की थी।

QUAD देशों की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक, भारत-प्रशांत क्षेत्र पर होगी चर्चा

आज क्वाड के विदेश मंत्री तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक करने जा रहे हैं। ‘क्वाड’ नाम के इस संगठन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के चार देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन शामिल होंगे।

यह बैठक  क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए की जा रही है।  विशेष रूप से इस बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी बनाए रखने की दिशा में सहयोग पर चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार ‘चारों देशों के विदेश मंत्री भारत-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी बनाए रखने की दिशा में सहयोग के व्यावहारिक और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों को आदान-प्रदान करेंगे।

क्वॉड यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्टोरिटी डायलॉग। इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका शामिल हैं। इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति की स्थापना और शक्ति का संतुलन है। इसके जरिए प्रशांत महासागर, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया में फैले एक विशाल नेटवर्क को जापान तथा भारत के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। साल 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने क्वॉड का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया। हालांकि, इसके बाद यह सालों तक निष्क्रिय रहा। साल 2017 में एक बार फिर क्वॉड सदस्य मिले और साल 2019 में इनके विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी।

आज होगी सरकार और किसानों के बीच 9वीं बैठक, क्या आज खत्म होगा किसान आंदोलन?

दिल्ली को चारों तरफ से घेरे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसान आंदोलन जारी है। बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज किसानों और सरकार के बीच दोपहर 2 बजे एक अहम बैठक होगी।

हालांकि अभी तक किसानों और सरकार के बीच कुल 8 बैठकें हो चुकी है, मगर मुद्दा यू का यू बना रहा कोई समाधान निकल कर नहीं आया। किसान और सरकार दोनों अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मसले के हल होने की संभावना जताई जा रही है।

बताया जा रहा है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसानों ने कहा की वें कमिटी बनाए जाने के विरोध में है, और वें कमिटी की बैठकों का बहिष्कार करेंगे। किसान नेताओं का कहना है की उन्हें सरकार से बातचीत करने में कोई हर्ज नहीं है। मगर, अभी तक हुई 8 बैठकों के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला इस से किसानों का विश्वास खत्म हो रहा है की ये सरकार कभी किसी नतीजे पर पहुंचेगी भी या नहीं। इसके चलते किसानों ने ये भी कहा की ये बैठकें केवल खाना पूर्ती करने के लिए की जाती है, असल में इनका कोई फायदा नहीं है।