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राजनीतिक जानकार कह रहे हैं मल्हनी सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जीत पक्की है।-UP JDU Candidate जौनपुर

जौनपुर: यूपी विधानसभा चुनाव Assembly Elections 2022 के ल‍िए जनता दल यूनाइटेड ने जौनपुर जिले की 2 सीटों पर अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसमें पूर्व सांसद धनंजय सिंह को मल्‍हनी सीट से टिकट द‍िया है। वहीं मुंगरा बादशाहपुर सीट से राकेश पाटिल को प्रत्याशी बनाया गया है। चूंकि मुंगरा बादशाहपुर पटेल वोटरों का बाहुल्य इलाका है। इस नाते जनता दल यूनाइटेड ने इस सीट पर राकेश पटेल पर दांव आजमाया हैमल्हनी व‍िधानसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह  को जेडीयू का टिकट म‍िलने पर उन्होंने कहा क‍ि जेडीयू से वह 2007 में विधायक रह चुके हैं। जेडीयू देश का बढ़िया राजनीतिक दल है। पिछले 18 सालों से इसकी बिहार में सरकार है। नीतीश ने गरीबों के लिए शानदार काम किया है। यह भाजपा के साथ एलायंस में है। इसकी एक विचारधारा है। इसलिए मैं उसके साथ हूं।

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इस समय जौनपुर की राजनीति में धनंजय सिंह का जलवा कायम है। चाहे ब्लॉक प्रमुख का चुनाव रहा हो या फिर जिला पंचायत अध्यक्ष का। पूर्व सांसद धनंजय सिंह  की पत्नी श्रीकला जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और कई सीटों पर इनके ब्लॉक प्रमुख भी हैं। एमएलसी भी बृजेश सिंह प्रिंस और उनके सहयोगी हैं फिर एमएलसी का चुनाव होने वाला है। राजनीतिक जानकार कह रहे हैं उनकी जीत पक्की है।पूर्व सांसद धनंजय सिंह  ने 2002 में रारी विधानसभा से पहली बार विधानसभा निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2007 में नीतीश की पार्टी जेडीयू से चुनाव जीते। लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया। 2009 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने उन्हें टिकट दिया।पूर्व सांसद धनंजय सिंह  लोकसभा पहुंचे। 2 साल के भीतर ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह  पार्टी से निकाल दिए गए। इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह  का सितारा फिर एक बार धूमिल हुआ और लगातार चुनाव हारते गए।

एक ऐसे नेता की जिन्होंने अपने शर्तों पर राजनीतिक ऊचाइयों को छुआ

आज बात करेगे एक ऐसे नेता की जिन्होंने अपने शर्तों पर राजनीतिक ऊचाइयों को छुआ । बात होगी ऐसे #नेता की जिनके लिए कोई पद उनके राष्ट्र प्रेम से ज्यादा मायने नही रखता । अपने राजनीतिक विचारों के लिए राजनैतिक दलों से लड़ा । #जेल जाना स्वीकार किया पर झुकना बर्दास्त नही किया । आज बात करेगे ऐसे निडर निर्भीक और #बेवाक नेता की जिससे माफिया डरते हैं । भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे अधिकारी से लेकर फैशन बाज नेता डरते हैं । वजह है तो सिर्फ अपनी #सम्मानित जनता के पूरी तरह ईमानदार होना । हम ऐसे नेता की बात कर रहे हैं । जिसने कभी गलत का साथ नही दिया । राजनीति को विचारों की नोक पर रखकर स्पष्ट नीति से राज किया । जी हम बात कर रहे है #पूर्वांचल के लोकप्रिय नेता पूर्व सांसद #धनंजय सिंह की । ये उपज है पहले टी डी कालेज बाद में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र राजनीति की । स्यवं छात्र संघ चुनाव तो नही लडे । लेकिन अपने मित्र स्वर्गीय अरुण उपाध्याय को दमदारी से #लखनऊ विश्वविद्यालय का चुनाव लड़ाया । चुनाव में सफलता भले न मिली हो लेकिन 1990 के दशक में हजारों नौजवानों का हुजूम साथ हो लिया । लोकप्रियता ऐसी की तमाम अखबारो और मैगजीनों ने जगह दी । #छात्र जीवन में कुछ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए जो समय के साथ खत्म हो गए ।

गैर राजनीतिक परिवार से आने वाले 26 वर्षीय नवजवान का आत्मबल ऐसा कि जनपद जौनपुर के मल्हनी से चुनाव #लड़े और 2002 में #निर्दल विधायक निर्वाचित हो गए । विधायक हुए तो खुले मंच से घूसखोर दलालों मुर्दालो को चेतावनी दे डाली सुधर जाओ नही तो हम सुधार देंगे । धनंजय सिंह नाम केवल विधायक या #सांसद के लिए नही जाना जाता । यह नाम हर उस गरीब वंचित शोषित असहाय पीड़ित लोगों के लिए संजीवनी से कम नही है । जिसे कही भी सहारा नहीं मिलता । जनपद जौनपुर के #बनसफा के मूल निवासी धनंजय सिंह पढ़ाई पूरी किए तो पिता ने कहा नौकरी कर लो । उन्होंने नौकरी करने से साफ मना करते हुए कहा कि हम नौकरी करने के लिए नही बने हैं । हम भविष्य में नौकरी देने का काम करेगे । इस आत्म विश्वास का
था छात्र जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी से मुलाकात उनका आशीर्वाद और उनके सानिध्य ने धनंजय सिंह के मन में ऐसा राजनीतिक बीज रोपित किया जो अब बड़ा होकर जनसेवा और जनसमर्पण के लिए पूर्णरूप से तैयार था ।

 पिता की पहल पर मिलने वाली नौकरी को त्याग कर एक बार अपने क्षेत्र में राजनीतक मौजूदगी दर्ज कराने पूरे आत्मविश्वास के साथ निकल पड़ता है । लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने क्षेत्र में आते हैं । वर्ष 2002 में निर्दल चुनाव जीत कर विधायक बन जाते है । दुबारा 2007 में निर्दल विधायक वर्ष 2009 में देश की सर्वोच्च पंचायत लोकसभा में पहुच जाते है । कई सहयोगियों को विधान परिषद तो कई को ब्लाक प्रमुख निर्वाचित करा देते है । यह 20 वर्षो का शानदार राजनैतिक सफर बहुत ही चौकाने वाला रोमांचित कर देने वाला है । वर्ष 2009 में #सांसद निर्वाचित हुए तो जनपद के मान सम्मान को बढ़ाया लोकसभा सभा मे दिए भाषणों को देश के बड़े नेताओं ने खूब सराहा । वर्ष 2010 में विधान परिषद के चुनाव होने वाले थे । विधान परिषद के लिए प्रभावती पाल को लड़ाने का फैसला लिया और जीता कर सदन भेजा । इतनी आसानी से विधान परिषद चले जाना यह प्रभावती पाल के लिए भी एक आश्चर्य से कम नही था ।

अभी हाल ही में अध्यक्ष #जिला पंचायत के चुनाव सम्पन्न हुये है । एक बार पुनः अपनी पत्नी को निर्दल ही जिला पंचायत अध्यक्ष जौनपुर निर्वाचित करा कर अपने राजनैतिक कौशल का लोहा मनवाया । धनंजय सिंह #पुर्वांचल में उन तमाम राजनैतिक हस्तियों के लिए एक नज़ीर भी है जिनका मानना है कि बिना दल के कुछ भी संभव नही है । अब यह विराट व्यक्तित्व देश में किसी परिचय का मोहताज नही रहा । कई बार जेल गए मुकदमे झेले अपने विरोधियों के निशाने पर रहे । पर #एक सूत्रीय कार्यक्रम अपनी सम्मानित जनता के लिए ईमानदारी से उनके दुख-सुख में खड़े रहे । लेकिन अपनी जनपद के जनता के लिए आवाज बुलंद करने वाला नेता देखते-देखते राजनीतिक दलों के नाम पर सियासत करने वाले छुटभैया सियासतदारो को खटकने लगा । लेकिन धनजंय सिंह ने कभी इसकी परवाह नही की । पूछने पर कहते है कि #मैं राजनीति में कुछ लोगो को खुश करने के उद्देश्य से नही आया हूँ । मेरे लिए सदैव से सर्वोपरी मेरी सम्मानित जनता है ।
अब जनपद जौनपुर को एक ऐसा जुझारू नेता मिल चुका था जो शासन सत्ता सरकारो से लड़ कर जनहित के मुद्दे पर अपनी बात मनवाता चाहे वह सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा कोई काम रहा हो । क्षेत्र के हजारों गरीब परिवार की बेटियों की शादी कराते रहे है । हजारो नवजवानों को नौकरी दिलाई । अनेको परिवार को गंभीर बीमारी में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई । एक ऐसा नेता जो सुबह से शाम तक अपने जनता के बीच रहता । उनके दुख-सुख को सुनता और निवारण करता । आज के दौर में राजनीति गरीब गुरबों की सरपरस्ती से अपने लगन मेहनत और समर्पण के दम पर यह जननेता लोगों के दिलो पर राज करता है । धनंजय सिंह एक बार फिर 2022 में अपनी #मल्हनी की सम्मानित जनता के लिए मैदान में होंगे और जीत भी सुनिश्चित होगी ।
#धनंजय सिंह एक नाम नही स्वयं में एक आंदोलन  कही दूर जाकर अमीरो की शौक और शाही परस्त हो चुकी हो उस दौर में यह अपने मिट्टी और जमीन से जुड़े रहे ।है ।