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नरेंद्र मोदी स्टेडियमः दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम की जानिए खूबियां, आप भी हो जायेंगे हैरान

नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम का उद्धाटन बुधवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस स्टेडियम का नाम अभी तक सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम था, लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति कोविंद ने रोमेट का बटन दबाकर डिजिटली इस स्टेडियम का उद्घाटन हुआ तो सभी हैरान रह गए, क्योंकि इस स्टेडियम का नाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है।

अभी तक सरदार पटेल स्टेडियम के नाम से जाने-जाने वाले इस स्टेडियम का नाम उद्घाटन से ठीक पहले बदल दिया गया है। अब दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम को नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा। दरअसल, सरदार पटेल के नाम पर अहमदाबाद के मोटेरा में सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव होगा।

इसी के तहत नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता एक लाख 10 हजार है। इतनी दर्शक क्षमता दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की नहीं है।

ये हैं नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम की खूबियां

  • इस स्टेडियम में दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है।
  • इस क्रिकेट स्टेडियम में 4 ड्रेसिंग रूम हैं। इतने ड्रेसिंग रूम किसी भी स्टेडियम में नहीं हैं।
  • इस क्रिकेट स्टेडियम के परिसर में विशाल जिम है। इतना बड़ा जिम किसी भी क्रिकेट स्टेडियम में नहीं है
  • स्टेडियम के परिसर में ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल है, जो किसी भी क्रिकेट स्टेडियम में नहीं है।
  • स्टेडियम में दिन में भी किसी भी कोने में कोई परछाई देखने को नहीं मिलेगी। ऐसी सुविधा कही भी नहीं है।
  • 800 करोड़ रुपये में दोबारा बनकर तैयार हुआ है मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम।
  • 76 कॉर्पोरेट बॉक्स स्टेडियम में है, जिसमें 25-25 लोगों के बैठने की क्षमता है।
  • 3 हजार कार और 10 हजार दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है।
  • इंडोर पिच, क्रिकेट एकेडमी, फुटबॉल और हॉकी ग्राउंड भी इसी परिसर में हैं।
  • 55 रूम का क्लब हाउस इसी स्टेडियम परिसर में है। इस तरह ये दुनिया का विशाल क्रिकेट स्टेडियम है।

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम का उद्घाटन किया। इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, खेल मंत्री किरण रिजिजू, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के सचिव जय शाह भी मौजूद थे।

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि इस स्टेडियम की नींव खुद नरेंद्र मोदी ने रखी थी। उस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, अब वे देश के प्रधानमंत्री हैं और वे इस स्टेडियम में आ भी चुके हैं।

पीएम मोदी पिछले साल फरवरी में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम में पहुंचे थे। उस दौरान स्टेडियम का उद्घाटन होना था, लेकिन ये स्टेडियम उस समय तक पूरा नहीं बना था। ऐसे में उद्घाटन कार्यक्रम को टाल दिया गया था।

दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेली जायेगी IND V/S AUS सीरीज

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन अहमदाबाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि इस स्टेडियम का नाम ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ होगा।

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत होगी। पिंक बॉल से होने वाला ये टेस्ट मैच दोनों ही टीमों के लिए अहम है। चार टेस्ट मैचों की ये सीरीज 1-1 से बराबर है। बता दें,  इशांत शर्मा आज अपने टेस्ट करियर का 100वां मुकाबला खेलने जा रहे हैं। इशांत शर्मा भारत की ओर से 100 टेस्ट खेलने वाले दूसरे तेज गेंदबाज बनेंगे। इससे पहले सिर्फ कपिल देव ही बतौर तेज गेंदबाज भारत की तरफ से 100 टेस्ट खेल पाएं हैं।

वहीं, भारत में यह दूसरा डे नाइट मुकाबला है। इससे पहले नवंबर 2019 में टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला था। पिंक बॉल टेस्ट होने की वजह से दोनों टीमों में बदलाव देखने को मिलेंगे। टीम इंडिया में जसप्रीत बुमराह की वापसी होगी। इसके अलावा उमेश यादव को भी पिंक बॉल टेस्ट में मौका मिलना तय है। पिछले टेस्ट का हिस्सा रहे कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज को बाहर बैठना पड़ सकता है।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष को पढ़ाया पाठ….

नई दिल्ली  : देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा जो कभी किसानों के हक की बात करता था. आज वही सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों का विरोध कर रहा है। ऐसा केवल राजनीति के तहत किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में भी  किसानों ने रिकॉर्ड उत्‍पादन किया है। देश में खाद्यान्‍न का भंडार भरा रहा।

किसान आंदोलन की आड़ में सियासी रोटियां –

उन्‍होंने कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवियों के बीच एक नई जमात अब सामने आ रही है जिनका नाम आंदोलनजीवी। ये छात्रों का आंदोलन हो या किसानों का या और कोई, हर जगह पहुंच जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि ये आंदोलनजीवी लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्‍होंने किसानों का समर्थन देने वाले विदेशियों पर भी तंज कसा। उन्‍होंने कहा कि एफडीआई जो फॉरेन डिस्‍ट्रक्टिव आइडियोलॉजी है, से बचने की देश को सख्‍त जरूरत है। आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में कई विदेशियों ने किसान आंदोलन का समर्थन बिना कृषि सुधारों को जाने बिना किया है। पीएम मोदी ने इनपर ही अपना निशाना साधा है। उन्‍होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में भी पड़ोसी देश ने सीमा पर तनाव व्‍याप्‍त करने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इसका हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और चीन को करारा जवाब भी दिया। सीमा के सवाल पर सरकार किसी के सामने झुकने वाली नहीं है।

कोरोना काल में भारत ने मानवता को बचाने का काम किया है

उन्‍होंने कहा कि दुनिया के किसी भी अस्‍पताल के ऑपरेशन थियेटर में जब मरीज डॉक्‍टरों की भीड़ में किसी भारतीय को देखता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। यही आत्‍मविश्‍वास भारत ने इतने वर्षों में कमाया है। केंद्र और राज्‍यों ने मिलकर देश को यहां तक पहुंचाया है। कोरोना काल में आए संकट को अवसर में बदलने का काम दोनों ने मिलकर किया है।

हमारा मन लोकतात्रिक है – पीएम मोदी

उन्‍होंने कांग्रेस के सांसद बाजवा के कहे गए बयानों पर तंज लेते हुए कहा कि जब वो उन्‍हें सुन रहे थे तो उन्‍हें लगा कि वो शायद इमरजेंसी और सिख विरोधी हिंसा की भी बात करेंगे। उन्‍होंने इस दौरान नेताजी का वो बयान भी सदन में पढ़ा जिसमें उन्‍होंने कहा था कि भारत पश्चिमी सभ्‍यता से प्रभावित नहीं रहा है। भारत का इतिहास इस बात का गवाह रहा है। आज भारत को उसके ऊपर हो रहे हमले से बचाने की जरूरत है। ये सत्‍यम शिवम सुंद्रम से सुसोजित है। पीएम मोदी ने कहा कि जाने अंजाने में आज हमनें उनके आदर्शों को भुला दिया है। हम दुनिया के दिए शब्‍दों को आगे लेकर बढ़ जाते हैं और अपना शब्‍द भूल जाते हैं। हम केवल बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है बल्कि हम इसकी जड़ हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को बताना होगा। हमारा मन लोकतात्रिक है। आपातकाल के दौरान पूरा देश जेल में बदल चुका था। इसके बाद भी इसकी लोकतांत्रिक जड़ों को नहीं हिला पाया। इसलिए लोकतांत्रिक मूल्‍यों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना है।

भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं

आत्‍मनिर्भर भारत पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया के लोग कोरोना काल में निवेश को तरस रहे हैं। भारत में ऐसा नहीं है। वहीं दुनिया भारत को डबल डीजिट की तरफ बढ़ते देख रही है। आज भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं। कुछ समय पहले डिजिटाइलेजशन को लेकर सवाल उठते थे। आज नजारा सभी के सामने है। आने वाले समय में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। जल थल और नभ में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा

2014 में जब पहली बार सदन में आया तो कहा था कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित है। आज भी इसमें बदलाव नहीं हुआ है। हमें देश को आगे बढ़ाने के लिए गरीबी को खत्‍म करना ही होगा। इसको कम या रोका नहीं जा सकता है। गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा इसके बाद वो फिर खुद इसको खत्‍म करने में जुट जाएगा। दो करोड़ से अधिक गरीबों के लिए घर बने और आठ करोड़ से अधिक गैस कनेक्‍शन दिए गए। इन योजनाओं से गरीबों के जीवन में बदलाव आया है और उनका आत्‍मविश्‍वास बढ़ा है। चुनौतियों के बीच हमें ये तय करना होगा कि समस्‍या का हिस्‍सा बनें या इसका समाधान तलाशें। समस्‍या का हिस्‍सा बनने से केवल राजनति की जा सकती है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि सभी साथ मिलकर काम करेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं

किसान आंदोलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किस बात को लेकर आंदोलन इसको किसी ने स्‍पष्‍ट नहीं किया। इसके मूलभूत बातों पर किसी पर ध्‍यान नहीं दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं। देवेगौड़ा ने सरकार के सहयोग का समर्थन किया और उन्‍हें सुझाव भी दिया। इसके लिए उनका आभार। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था 36 फीसद ऐसे किसान हैजिनके पास दो बीघा कम है। 18 फीसद के पास आधा हैक्‍टेयर से कम है। वो कितनी भी मेहनत करे उनकी गुजर बसर करना मुश्किल है। छोटे किसानों का जीवन यापन मुश्किल है। देश में ऐसे किसानों की संख्‍या बढ़ रही है उनके पास बेहद कम जमीन है। 12 करोड़ किसानों के पास केवल दो हैक्‍टेयर से भी कम की जमीन है। इनके बारे में सोचना जरूरी है।

 सीधे किसानों के खाते में पैसे भेजे गए

चुनाव के दौरान कर्जमाफी की घोषणा में छोटे किसान नहीं आते हैं। इसमें केवल राजनीति होती है। इस तरह की घोषणाओं से इनका कोई फायदा नहीं होता है। 2014 के बाद किसानों को लाभ देने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा तो 90 हजार करोड़ रुपये का क्‍लेम किसानों को दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाया गया। पौने दो करोड़ किसान आज इसके दायरे में हैं और फायदा उठा रहे हैं। पीएम सम्‍मान निधि योजना के तहत सीधे किसानों के खाते में पैसे पहुंचाए गए। बंगाल में राजनीति की वजह से इसमें रुकावट आई। एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिला है। यूरिया को छोटे किसानों तक पहुंचाने का किसान सरकार ने किया। पेंशन की सुविधा उन्‍हें दी। सड़कों के माध्‍यम से हम किसानों तक पहुंचे। किसान रेल की शुरुआत हुई तो दूर दराज के किसानों को नई राह दिखाई दी। किसान उड़ान योजना का फायदा आज किसान ले रहे हैं।

शरद पवार ने नए कानून का किया समर्थन

छोटे किसानों के सशक्तिकरण की वकालत हर किसी ने की है। हर सरकार ने इसके बारे में कहा है। शरद पवार ने नए कानून में सुधारों का समर्थन किया है। उन्‍होंने कहा कि हमें जो अब लगा है वो हमनें किया है। आगे भी इसमें सुधार की गुंजाइश है। लेकिन इसकी वकालत करने वालों ने अचानक यू टर्न ले लिया है। उनके ऊपर राजनीति हावी हैं। उन्‍हें ये बताना चाहिए कि सुधारों को किया जाना चाहिए। उन्‍होंने इस संदर्भ में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का एक बयान भी राज्‍य सभा में पढ़ा। उन्‍होंने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह ने किसान को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार देने की बात कही थी। लिहाजा विपक्ष को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बात इस सरकार को माननी ही पड़ी है। दूध के क्षेत्र में एक ऐसी सप्‍लाई चेन बनी है जो बेहद मजबूत है। इसका लाभ इन लोगों को मिल रहे हैं। ये मजबूती पिछली सरकारों में मिली है। इसका करीब 8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है।