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दिल्ली में अंगदान के कार्यक्रम का हुआ आयोजन, VHP समेत कई दिग्गज नेता रहे मौजूद

नई दिल्ली। दिल्ली के प्रशांत विहार में दधीचि देहदान समिति द्वारा लोगों के बीच अंगदान और शरीर दान को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, सांसद हंसराज हंस समेत अन्य कई नेता पहुंचे। सभी ने में लोगों को अंगदान और देह दान करने के लिए प्रेरित किया।

कहते हैं खुशियां बांटने से और अधिक बढ़ती है, और दान करने से जो खुशी मिलती है वो कहीं नहीं मिलती। और दान में सबसे बड़ा दान होता है अंगदान। इसी फेहरिस्त में समाज में जागरूकता फैलाने के मकसद से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दधीचि देह दान समिति द्वारा दिल्ली के प्रशांत विहार, रोहिणी सेक्टर 14 में किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, सांसद हंसराज हंस सरीखे कई हिंदू संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में देह दान पर कथा सुनाई गई, जिसमें महर्षि दधीचि के जीवन गाथा का वर्णन करते लोगों को अंगदान करने का संदेश दिया कि बताया कि किस तरह से महर्षि दधीचि ने लोकहित के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दी थी।

कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों ने अंगदान और देह दान को लेकर अपनी अपनी राय रखी, और सभी अतिथियों ने एक सुर में अंग दान और देह दान पर जोर दिया। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने लोगों से अपील की है कि लोग आगे आए और इस परोपकार के कार्य में अपनी भागीदारी दिखाए। कार्यक्रम के आयोजकों ने भी कहा कि इस नेक कार्य से जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिलता है। हमारे एक अंग से हम कई लोगों की जिंदगी को बचा सकते हैं, इसलिए हम लोगों को रूढीवादी सोच से अलग होकर इस तरह के परोपकार में साथ निभाना चाहिए।

गौरतलब है कि नेत्रदान, अंगदान और शरीर दान करने की परंपरा हमारे देश में प्राचीन काल से चली आ रही है। परंपरा को आगे बढ़ाने और लोगों को जागरूक करने के मकसद से दधीचि देहदान समिति द्वारा इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। उल्लेखनीय है कि एक रिकॉर्ड के अनुसार भारत में लगभग 1 प्रतिशत से भी कम लोग अंगदान करते हैं, और इसी आंकड़े को बढ़ाने के उद्देश्य से दधीचि देहदान समिति लगातार जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है।

दिल्ली से जयवंत गोयल की रिपोर्ट

घर की दहलीज पार कर आसमान की ओर टकटकी बांधे देखती रही दुल्हन, लेकिन विदाई के लिए नहीं आया उड़न खटोला

नई दिल्ली। इंसान के जीवन का सबसे हसीन सपना होता है उसकी शादी, ऐसे में अगर दुल्हन की विदाई उड़न खटोले यानी हेलीकॉप्टर से की जाए तो वो लम्हा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है। ग्रेटर नोएडा में शादी को यादगार बनाने के लिए लड़के पक्ष की ओर से एक हेलीकॉप्टर बुक किया गया था लेकिन ऐन मौके पर हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचा।

घर की दहलीज पार कर दुल्हन विदाई के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हेलीकॉप्टर की राह ताकती रही और आखिर तक जब वो नहीं आया तो उसे गाड़ी से ही विदा होना पड़ा। दुल्हन की ये इच्छा अधूरी ही रह गई। दोनों परिवार के लोगों में अब इस बात को लेकर गुस्सा है कि कंपनी की ओर से इस बारे में पहले कुछ बताया भी नहीं गया। वो लोग इंतजार करते रहे। अब वो अपना पैसा वापस लेने के लिए थाने और हेलीकॉप्टर सर्विस आफिस के चक्कर लगा रहे हैं।

तीन लाख 65 हजार रुपये की रकम देकर लड़के पक्ष ने दुल्हन की विदाई के लिए हेलीकॉप्टर बुक कराया था, लेकिन न तो विदाई के लिए हेलीकॉप्टर आया और न ही जमा रकम वापस की गई। उड़न खटोले के इंतजार में दुल्हन की निगाहें आसमान देखती रहीं।

क्या है पूरा मामला?

नोएडा सेक्टर 82 के रहने वाले कोमल सिंह यादव ने अपने बेटे दीपक की शादी 11 दिसंबर 2020 को की थी। शादी के बाद दुल्हन की विदाई के लिए ईकोटेक तीन कोतवाली क्षेत्र स्थित खैरपुर गुर्जर गांव के प्रभु हैली सर्विस से हेलीकॉप्टर बुक कराया था। रकम जमा करने के बाद भी जब कोमल यादव की नई नवेली बहू की विदाई के लिए हेलीकॉप्टर नहीं आया तो उन्होंने हैली सर्विस के अजय माहला व दीपक से बात की।

आरोप है कि आरोपितों ने रकम देने से इंकार कर दिया। दो महीने तक पीड़ित उनके चक्कर काटता रहा। अब आरोपितों ने रुपये मांगने पर पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी। परेशान होकर कोमल की तरफ से मामले की शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस ने अजय व दीपक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

भुवनेश्वर शर्मा, ईकोटेक तीन कोतवाली प्रभारी का कहना है कि जब हेलीकाप्टर बुक कराया गया तो जो रकम कोमल द्वारा जमा कराई गई थी वह बुकिंग राशि के साथ किराया राशि भी थी। रकम नहीं वापस करने व धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

गोरखपुर में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद, सड़क पर जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर है ये दंपत्ति

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में भूमाफियाओं और दबंगों के हौसले लगातार बुलंद हैं। राज्य सरकार लगातार दावे करती रही है कि अपराधी अब राज्य में नहीं बल्कि जेल में होंगे। लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन सीएम के इस दावे में पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रही है।

ताजा मामला गिड़ा थाना क्षेत्र का है जहां एक पीड़ित अपने ही घर और पुश्तैनी जमीन पर अपने ही पट्टीदारों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किए जाने के बाद इधर-उधर रहकर अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहा है। पीड़ित ने पत्नी के साथ शास्त्री चौक स्थित गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित बद्रीनाथ उर्फ बद्री नारायन निवासी ग्राम व पोस्ट बाघागाडा ने बताया कि सगे चाचा जगदीश 8 वर्ष पहले पुस्तैनी जमीन को फर्जी तरीके से सम्पूर्ण हिस्सा अपने नाम करा लिया तभी से काबिज भी है तथा मुकदमा चल रहा है। मैंने अपना जान बचाकर अपने ननिहाल अकुलही, थाना खोराबार में निवास करता हूं, मैं जिला पंचायत राज विभाग में पति-पत्नी सफाई कर्मी के पद पर ब्लाक खोराबार, गोरखपुर में कार्यरत है।

पीड़ित का कहना है कि हम दोनों पूरी घटना की सूचना नौसढ़ चौकी प्रभारी महोदय को दिये तथा घटना का वीडियो रिकार्डिंग भी दिखाये। बर्बता देख कार्यवाही करने के बजाए रफ रजिस्टर पर नाम पता नोट कर वापस कर कर दिये। हम दोनों को अन्दरूनी काफी चोंटे आयी है। जबकि इस घटना के पूर्व भी दोनों मनबढ़ हमारे ननिहाल जाकर हमला कर चुके है तथा कई बार जान से मारने की धमकी दे चुके है जिसकी सूचना मुकामी थाना खोराबार को दिनांक 24 अप्रैल 2015 को दिया लेकिन एनसीआर दर्ज कर कार्यवाही नहीं किया गया। हम चाहते हैं कि उपरोक्त घटना को संज्ञान में लेकर मनबढ़ दबंगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही कर न्याय दिलाने का कष्ट करें।

बेकाबू ट्रैक्टर ने ली मजदूर की जान, टैक्टर चालक मौके से हुआ फरार

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक बेकाबू ट्रैक्टर की चपेट में आने से बुजुर्ग की मौत का मामला सामने आया है। बता दें कि ठठिया थाना क्षेत्र के जैनपुर गांव में एक ट्रैक्टर बेकाबू हो गया। बेकाबू ट्रैक्टर ने सामने से आ रहे मजदूर को कुचल दिया, जिससे मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई।

बता दें कि मृतक युवक खेत पर काम करने जा रहा था, इसी दौरान वह बेकाबू ट्रैक्टर की चपेट में आ गया। हादसे के बाद परिजनों ने कोहराम मचाया, जिसके बाद आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने टैक्टर को पकड़ लिया लेकिन आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। वहीं पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है। पुलिस आरोपी चालक की तलाश में है।

 

बुलंदशहरः मां की ममता हुई शर्मसार, बेटे की गला काटकर की निर्मम हत्या

नई दिल्ली। एक बेटे के लिए उसकी दुनिया उसकी मां होती है। मां के कदमों में जन्नत होती है, मां का आंचल आसमान से भी ज्यादा बड़ा होता है। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि एक मां अपने ही लाडले बेटे की हत्या कर दी? शायद नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ऐसा हुआ है। जहां एक मां ने अपने बेटे की गला काटकर हत्या कर दी।

दरअसल, एक मानसिक रूप से कमजोर मां ने अपने बेटे की गला काटकर निर्ममता से हत्या कर दी। बेटे की हत्या के बाद घबराई मां ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश करने लगी। लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

मामले की सूचना पाकर मौके से पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। वहीं इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। पूरा मामला बुलंदशहर जिले के थाना रामघाट के विजय नगलिया गांव का है।

ऑक्सीजन गैस सिलेंडर फटने से युवक की मौत, अवैध रूप से स्टोर किया जा रहा था सिलेंडर

नई दिल्ली। मुरादाबाद जिले में अचानक ऑक्सीजन गैस सिलेंडर फटने से बड़ा ब्लास्ट हुआ, जिस दौरान इसकी चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान शरीफ के नाम से हुई है।

दरअसल, मुगलपुरा क्षेत्र में मौजूद जामा मस्जिद पुल के नीचे अवैध रूप से ऑक्सीजन गैस सिलेंडर स्टोर किए जा रहे थे। उस दौरान अचानक एक सिलेंटर फट गया और शरीफ की हमले की चपेट में आने से मौत हो गई। मौके पर पहुंची मुगलपुरा थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की छानबीन में जुट गई है।

इन 5 राज्यों ने कम किए डीजल और पेट्रोल के दाम, जानें कितने रूपये लीटर बिक रहा है यहां पेट्रोल?

नई दिल्ली। देशभर में बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों से जनता परेशान है। कई राज्यों में पेट्रोल का दाम सौ रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा हो गया है। वहीं राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पेट्रोल 90 रुपये से ज्यादा दाम में बिक रहा है साथ ही डीजल 81 रुपये के ऊपर ही है।

बढ़ते तेल के दामों के बीच पांच राज्यों ने अपने यहां की जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए है। देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बीच इन पांच राज्यों ने राहत की खबर दी है। राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और मेघालय हैं ने वैट घटाकर जनता को राहत देने का काम किया है। इन राज्यों में बिक रहा पेट्रोल और डीजल बाकी राज्यों के मुकाबले सस्ता मिल रहा है। इससे जनता को काफी फायदा हो रहा है।

पहले रेप कर प्रेगनेंट करना और फिर बच्चे के जन्म के बाद दूध निकालना… ये सबकुछ होता था इंटरनेट पर LIVE

नई दिल्ली। हैवानियत की दास्तां आपने कई सुनी और देखी होगी, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं वह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक सच्ची हैवानियत की दास्तां है। दिल की झकझोर कर रख देने वाली ऐसी तस्वीर नाइजीरिया के आंबुजा से सामने आई हैं, जहां एक फैक्ट्री में 115 महिलाओं को रेस्क्यू कर के रखा हुआ था। इन महिलाओं के साथ रेप होता था, फिर प्रेगनेंसी के बाद इनके दूध को निकालकर उससे पनीर, मक्खन और ताजे दूध जैसे डेयरी उत्पाद करके बेचे जाते थे।

मिली जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू की गई इन महिलाओं की उम्र 16 से 22 साल के बीच बताई जा रही है। इनमें से काफी ऐसी महिलाएं भी है जो अपने घरों से 3 साल पहले गुमशुदा हुई थीं। पुलिस को आशंका है कि अपराधियों ने इनकी कुछ वीडियो बनाकर डार्क वेब प्लेटफॉर्म पर भी डाली है, जिसे बिटकॉइन के जरिए पेमेंट करने वाले देखते हैं।

खबर के मुताबिक, लड़कियों को अगवा करके लाया जाता था, जहां पर उनके साथ रेप कर उन्हें प्रेगनेंट किया जाता था। ये सब काम इंटरनेट पर लाइव आकर किया जाता था। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद इनसे दूध लिया जाता था और बाद में अधिकांश उत्पादो को पूरी प्रक्रिया के वीडियो के साथ देश से बाहर उपभोक्ताओं को भेजा जाता था।

रिपोर्ट में ये साफ बताया गया है कि कुछ लोग खुद लड़कियां चुनते थे कि उन्हें किस लड़की का दूध चाहिए। लड़की चुनने के बाद उस दिन उस लड़की के लिए अलग से खाना बनता था और उसे खिलाया जाता था। लड़की से कहा जाता था कि वह लड़की अपने मुंह से कस्टमर का नाम लेकर बोले कि ये दूध तुम्हारे लिए है।

सोशल मीडिया पर अलग-अलग राय दे रहे हैं लोग

गौरतलब है कि इस भयावह प्रकरण के बारे में सोशल मीडिया पर लोग इसे एक तरकीब बता रहे हैं ताकि नाइजीरिया में क्रिप्टोकरेंसी बैन हो सके। तो वहीं कुछ लोग इसे सरकार का प्रोपगेंडा कह रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को ये सब एक बड़ा मजाक लग रहा है।

एक यूजर लिखता है, “मैं विश्वास नहीं कर पा रहूँ कि लोग ऐसी बकवास चीजों को फ्रंट पेज पर डालते हैं। कुछ वाकई में कहीं न कहीं बहुत गलत है।” यूजर्स का मानना है कि सिर्फ़ बिटकॉइन को बदनाम करने के लिए ऐसी कहानी रची जा रही है।

चमोली में ऋषिगंगा नदी पर बन रहा हाइड्रो प्रोजेक्‍ट का बांध टूटा, कई मजदूरों के बहने की आशंका

ऋषिकेश। उत्तराखंड के चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्‍ट का बांध टूट गया है। इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका है। यहां 24 मेगावाट का प्रोजेक्‍ट निर्माणाधीन था। बताया जा रहा है हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राज्‍य आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे लेकर सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की है। मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं।

ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

उत्तराखंड में उद्योग की राह आसान नहीं,पहाड़ पर निवेश में आ रही हैं बड़ी अड़चनें

उत्तराखंड।पर्वतीय जिलों में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से निवेश की योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं।

हालत यह है कि पहाड़ में निवेश के इच्छुक लोग भी खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। परियोजनाओं की स्थापना में कई ऐसी अड़चने हैं जिन्हें दूर कर निवेश को सफल बनाया जा सकता है लेकिन ऐसा न होने से निवेशक मुसीबत में पड़ गए हैं।

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी जमीनों का उपयोग कर उद्योंगो की स्थापना के लिए सरकार सौर परियोजना योजना लेकर आई थी। राज्य के इतिहास में पहाड़ के मतलब की इससे अच्छी अभी कोई दूसरी योजना नही है। लेकिन तकनीकी कारणों से उधमी इसमे फंसकर रह गए हैं।

जमीन, लोन और यूपीएसीएल की ओर से लाइन बिछाने में हो रही देरी से पिछले साल आवंटित 20 प्रतिशत उद्योग भी अभी तक धरातल पर नही उतर पाए हैं। अक्षय ऊर्जा एसोसिएशन के सचिव मनीष कठैत के अनुसार इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए सरकार ने 31 मार्च अंतिम तिथि तय की है।

उसके बाद प्लांट की स्थापना पर पैनाल्टी का प्रावधान किया गया है। यदि कोई उद्योग नही लगाता है तो फिर निवेशक की सिक्यॉरिटी जब्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि योजना बहुत अच्छी है लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से अभय तक 20 प्रतिशत भी प्लांट नही लग पाए हैं। उन्होंने बताया कि योजना की अंतिम तिथि बढ़ाने और पैनाल्टी का प्रावधान खत्म करनेवके लिए यू आर सी में आवेदन किया जा रहा है।